जाति के आधार पर पश्चिमी मीडिया का सहारा लेकर लोगों को सुनियोजित तरीके से बांटने वाली विभाजनकारी भ्रामक ब्रेस्टटैक्स वेब सीरीज ब्राह्मण व काल्पनिक की कहानी प्रसारित की जा रही है। जिसका विरोध सोशल मीडिया के ट्वीटर यूजर्स के द्वारा किया जा रहा है।
“द दलित वॉयस” ने कहा कि त्रावणकोर साम्राज्य के दौरान दलित ओबीसी महिलाओं को तब तक अपने स्तनों को ढकने की “अनुमति” नहीं थी जब तक कि वे कर का भुगतान नहीं करतीं। कहा जा रहा है कि फीस उनके ब्रेस्ट के साइज से तय होती थी। यह पूरी तरह से फेक नैरेटिव और काल्पनिक है।
ब्लॉगर अभिनव मिश्रा ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा कि भारत मे Ullu नाम का एक एडल्ट वीडियो स्ट्रीमिंग एप है, हाल ही में उसने Breast Tax नाम से एक वेब सीरीज बनाया, ओर एक कम्युनिटी के खिलाफ आपत्तिजनक दृश्य दिखाये।
यही नही, Ullu जैसे अन्य प्लेटफार्म भारत मे सॉफ्ट पोर्न सोशल मीडिया पर प्रचारित कर रहे हैं। लेकिन भारत सरकार को यह सब दिखाई नही देता।
अगर यह फ़र्ज़ी वेब सीरीज कोई सामान्य व्यक्ति देख ले, तो उसको ब्राह्मणों के खिलाफ ज़हर पैदा करने से कोई नही रोक पायेगा।
क्या ब्राह्मण समाज ने एक भी बड़ा वकील नही है, जो ऐसे एप ओर वेब सीरीज को कोर्ट में घसीट सके।
https://twitter.com/abhinav_blogger/status/1643830413071355904?t=Scsa4vQUAZclcIoKwfyMiA&s=09
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि भीमवादियो का Breast Tax, सुन सुनकर पक गया हूँ।
नीचे दो 100 साल पुरानी तश्वीर है, पहली खुद महारानी की है; दूसरा एक सामान्य ब्राह्मण परिवार है। इसमें खुला ब्रैस्ट देख सकते हैं। केरल में सभी जातियों के लोग टॉपलेस थे। यह कोई अश्लीलता नही था, एक कल्चर का हिस्सा था।
कुछ जगहों पर स्त्री और पुरुष में अंतर करने के लिए इसे “हेड टैक्स” और “ब्रेस्ट टैक्स” कहा जाता था। लेकिन इसमें सभी जातियाँ थी। नाम के अलावा इसका स्तनों या उनके ढकने से कोई लेना-देना नहीं था। यह विचार कि महिलाओं को स्तनों को अवश्य ढकना चाहिए, केरल में अनुचित माना जाता था। यह महिलाओं के शारीरिक स्वन्त्रता का उल्लंघन माना जाता था।
कभी कभी ऊंची जाति की महिलाएँ भी शॉल ढीले ढंग से पहनी थी, न कि यह जाति पर आधारित था। उस समय, ओर उस क्षेत्र में यह कोई अश्लील कृत्य नही माना गया है।
कोई भी पारंपरिक के लिए ब्राह्मणों को दोष देना ब्राह्मण विरोधियों का पहला लक्षण है।
निशांत त्रिवेदी नाम के यूजर ने ट्विटर पर लिखा कि ब्राह्मण समाज आपस में ही इतना बटा हुआ है। सब अपने अपने में मस्त है। वरना ये मनीष कश्यप वाले मैटर में किसी ब्राह्मण वकील को ख़ुद से आगे आकर सुप्रीम कोर्ट में जाना चाहिए था।
अभिषेक साहू ने ट्वीट करते हुए लिखा कि इस मे बहुत सारी स्वर्ण लड़कियां को रोज गार मिल रहा है ullu।आप सारी web series के एक्टरों का नाम देख सकते हैं
जप नाम ।मोदी हैं तो मुमकिन है।
इस मे बहुत सारी स्वर्ण लड़कियां को रोज गार मिल रहा है ullu
आप सारी web series के एक्टरों का नाम देख सकते हैं
जप नाम
मोदी हैं तो मुमकिन है— Abhishek Sahu (@Abhishek050820) April 6, 2023
मुनिदेव राना नाम की ट्विटर यूजर ने लिखा कि जिस दिन हिंदू राष्ट्र घोषित हो गया समाज में द्वेष और अजरकता भ्रम आतंकवाद फैलाने वाले हर एक व्यक्ति को ऑन स्पॉट सजा दी जाएगी इस सविधान में इतने अनुच्छेद हैं के ये जुर्म करने वाले गलत संदेश देने वाले किसी न किसी छेद से निकल ही जाते हैं।
एक अन्य ट्वीट मे राना ने लिखा कि बॉलीवुड का धंधा बंद होते ही उसने ये वेव सीरीज द्वारा अस्लीलता परोसने का काम कर दिया है।
जिस दिन हिंदू राष्ट्र घोषित हो गया समाज में द्वेष और अजरकता भ्रम आतंकवाद फैलाने वाले हर एक व्यक्ति को ऑन स्पॉट सजा दी जाएगी इस सविधान में इतने अनुच्छेद हैं के
ये जुर्म करने वाले गलत संदेश देने वाले किसी न किसी छेद से निकल ही जाते हैं— Munidev Rana (@MunidevRana) April 6, 2023
पंकज सिंह सनातनी नाम के ट्वीटर यूजर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि उल्लू वालो का काम है अश्लील वेबसीरीज बनाना हिन्दू रिश्ते सास दामाद बहु ससुर देवर भाभी जैसे रिश्तो को तार तार कर रही हैं इस ऐप पर तुरंत बैन लगना चाहिए वरना देश के युवाओ के दिल और दिमाग़ मे सिर्फ अश्लीलता ही भरेगा।
कमलेश पांडे ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘A’ अडल्ट सर्टिफिकेट लेकर पूरी गंदगी, अश्लीलता, नग्नता दिखाने और गाली-गलौज करने का राइट मिल जाता है, यह क्यों और कैसे हो रहा है, यह समझ से बाहर है। हाल ही में रिलीज #रानानायडू को ही देख लीजिए, साउथ की फिल्म सोचकर देखना शुरू ही किया था, बंद कर दिया, एकदम गंध है!
https://twitter.com/KamleshPandeyUK/status/1643896996401659904?t=0Jes1bUbW49dQv5mdgWiGA&s=19
डॉक्टर एनआर तिवारी ने लिखा कि बिल्कुल सही कहा है आपने यही हो रहा है बहुत से ऐसे चैनल है जो बिना किसी संकोच के सनातन संस्कृति को बदनाम कर रहे हैं सरकार को इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए क्योंकि अगर अभी नहीं फिर कभी नहीं।
सरवन कुमार शुक्ला ने ट्वीट करते हुए लिखा कि भारत सरकार इन ओटीटी प्लेटफार्म्स को लेकर कब संवेदनशील होगी? इसमें बांटा जा रहा ज़हर, पोर्नोग्राफी से कम खतरनाक नही है.. आज लगभग १२ वर्ष के बच्चे से लेकर हर युवा के हाथ में स्मार्टफोन है, जिसमें ऐसे शोज की भरमार है, जो तथाकथित लिबरल्स और वोक्स की देन है.इसके पीछे पूरा इकोसिस्टम है।
ULLU पर ब्रेस्ट टैक्स वेब सीरीज का ट्रेलर नीचे दिए लिंक पर क्लिक लेकर देखें..
https://www.youtube.com/watch?v=5ibLI9Uf7_s&ab_channel=ULLU
आपको बता दें कि ULLU पर ब्रेस्ट टैक्स वेब सीरीज़ वर्ष 2021 में रिलीज़ हुई जिसकी कहानी एक आदिवासी लड़की के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे उसके स्तनों को ढंकने के लिए बुरी तरह पीटा जाता है, क्योंकि उसने ब्रेस्ट टैक्स का भुगतान नहीं किया था।
ब्रेस्ट टैक्स क्या है?
गौरतलब है कि स्तन कर की अवधारणा मूल रूप से त्रावणकोर साम्राज्य वर्तमान केरल द्वारा नादर, एझावा और अन्य निचली जाति समुदायों से संबंधित महिलाओं पर लगाई गई थी। यह उन महिलाओं पर लगाया गया था जो बिना किसी विशेष राशि का भुगतान किए अपने स्तनों को ढक लेती थीं।