ये बदलाव गाड़ियों की बनावट और सुविधाओं को लेकर किये गए हैं।इसके तहत सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बाइक पर सवारी को लेकर जो नई गाइडलाइन जारी की है अब उसमें बाइक चलाने वाले के साथ-साथ नई गाइडलाइन का पालन पीछे बैठने वाले को भी करना होगा।सेफ्टी को ध्यान में रखकर जिन नियमों में बदलाव किए गए हैं उनका पालन न करने पर फाइन भी भरना पड़ सकता है तो आइए जानते हैं सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक अब क्या बदलाव
हुए हैं तो चलिए बताते हैं सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की नई गाइडलाइन…
नए नियमों के मुताबिक बाइक के दोनों ओर चालक की सीट के पीछे हैंड होल्ड होना अब अनिवार्य होगा।बाइक ड्राइवर के अचानक ब्रेक मारने की स्थिति में हैंड होल्ड काफी मददगार साबित होता है, अभी तक अधिकतर बाइक में ये सुविधा नहीं होती थी। जिसे पीछे बैठने वाली सवारी की सेफ्टी के लिए अनिवार्य किया गया है। इसके साथ ही बाइक पर पीछे बैठने वाले के लिए दोनों तरफ पायदान लगाना भी जरूरी कर दिया गया है।इसके अलावा बाइक के पिछले पहिए के बाएं हिस्से का कम से कम आधा हिस्सा सुरक्षित तरीके से कवर करना होगा, ताकि पीछे बैठने वालों के कपड़े पहिए में न उलझे।
सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से बदले गए नियमों में बाइक में लगाए जाने वाले कंटेनर भी शामिल हैं।इस कंटेनर की लंबाई 550 मिमी, चौड़ाई 510 मिली और ऊंचाई 500 मिमी से अधिक नहीं होनी चाहिए। अगर बाइक में कंटेनर पीछे की सीट पर लगाया है तो सिर्फ एक ड्राइवर को ही बाइक पर बैठने की अनुमति होगी। कंटेनर लगा होने पर दूसरी सवारी बैठी होगी तो उसे नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।
टायर को लेकर नई गाइडलाइन में अधिकतम 3.5 टन वजन तक के वाहनों के लिए टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम का सुझाव दिया है। इसका मतलब है कि सेंसर के जरिए ड्राइवर को यह पता चल जाता है कि गाड़ी के टायर में हवा की स्थिति क्या है। साथ ही टायर मरम्मत किट की भी अनुशंसा की है, इसके लागू होने के बाद गाड़ी में एक्स्ट्रा टायर की जरूरत नहीं होगी।इसके साथ ही टायर मरम्मत किट की भी अनुशंसा की है। इसे लागू किए जाने के बाद गाड़ी में एक्स्ट्रा टायर की जरूरत नहीं पड़ेगी।
आपको बता दें कि भारत में हर घंटे 53 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, वहीं प्रति घंटे 17 लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। जबकि पूरे देश में सालाना डेढ़ लाख के करीब लोगों की मौत हो जाती है।