शिक्षक सुमित कुमार ने उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा की महानिदेशक अनामिका सिंह को पत्र भेजकर बैंक स्टेटमेंट के साक्ष्यों के साथ निघासन के शिक्षक रोहित कुमार की काली करतूतों को लेखा जोखा पेश कर लखीमपुर के ब्लॉक निघासन में भ्रष्टाचार का सनसनीखेज खुलासा किया है।
शिक्षक सुमित कुमार ने महानिदेशक को भेजे गए पत्र में कहा है कि लखीमपुर खीरी के ब्लॉक निघासन के प्राथमिक विद्यालय चौगुर्जी के सहायक अध्यापक रोहित कुमार वर्ष 2018 से निरंतर शिक्षकों से एरियर निकलवाने, चाइल्ड केयर लीव व मेडिकल लीव दिलवाने के नाम पर धनउगाही करते हैं।
साथ ही महीने की फिक्स वसूली के साथ में जनपद से बाहर के शिक्षकों को महीने में एकाध बार स्कूल आने की सहूलियत भी प्रदान करते हैं। शिक्षक रोहित कुमार इसके एवज में अन्य शिक्षकों से नगद व सीधे खाते में डिजिटली पैसा ट्रांसफर करवाते हैं जिसका बन्दर बांट होता है।इस तरह रोहित ने नगद रुपयों के अलावा अब तक अपने खाते में लाखों रुपये ट्रांसफर कराये हैं।
महानिदेशक को भेजा गया सुमित कुमार का पत्र
शिक्षक सुमित कुमार ने सहायक अध्यापक रोहित कुमार की भ्रष्टाचार में लिप्त होने की शिकायत करते हुए लिखा कि बेसिक शिक्षा विभाग लखीमपुर खीरी के ब्लॉक निघासन में हो रहे भ्रष्टाचार की तरफ ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूँ । लखीमपुर खीरी जिले के ब्लॉक निघासन में प्राथमिक विद्यालय चौगुर्जी में कार्यरत शिक्षक रोहित कुमार कभी अपने विद्यालय नहीं जाते वह खण्ड शिक्षा के कार्यालय में बैठकर शिक्षकों से विभिन्न कार्यों के लिए धन की वसूली करते हैं ।CCL, चिकित्सकीय अवकाश, एरियर व विद्यालय न आने के एवज में रोहित कुमार द्वारा वसूली की जाती है। यह पैसा रोहित कुमार द्वारा नगद लिया जाता है या अपने बैंक खाते में जमा कराया जाता है।
कभी भी विद्यालय न आने वाले शिक्षक ऑनलाईन ट्रांसफर करते हैं। माननीय प्रधानमंत्री जी के डिजिटल इण्डिया को रोहित कुमार ने सार्थक कर दिया है , घर बैठे वेतन पाने के लिए निघासन ब्लॉक के एक दर्जन शिक्षक 8000 रु ० से 15000 रु ० प्रतिमाह रोहित कुमार के खाते में ऑनलाईन ट्रांसफर करते हैं । इस पत्र के साथ रोहित कुमार का दिनांक 01.01.2018 से अगस्त 2021 का बैंक स्टेटमेंट संलग्न है जिसमें रोहित कुमार के बैंक खाते में कभी भी विद्यालय न जाने वाले शिक्षकों द्वारा नियमित रूप से धन जमा किया गया है ।
इस अवधि में रोहित कुमार द्वारा अपने वेतन खाते से रु ० 20,37,000 ( बीस लाख सैंतीस हजार रूपये ) अपने भारतीय स्टेट बैंक के खाते में ट्रांसफर किये गये हैं , जबकि इस अवधि में रोहित कुमार का वेतन लगभग इस भेजी गई धनराशि का आधा ही है । रोहित कुमार जिला रायबरेली के रहने वाले हैं और परिवार के साथ लखीमपुर खीरी में रहते हैं फिर भी अपने वेतन से दोगुनी राशि की बचत कर रहे हैं । बैंक खाता विवरण से स्पष्ट है कि शिक्षक तुषार कनौजिया ( स.अ. प्राथमिक विद्यालय जोखिपुरवा ) , मो ० आदिल ( स.अ. प्राथमिक विद्यालय तमोलिनपुरवा ) , नितेश गुप्ता ( स.अ. प्राथमिक विद्यालय निषाद नगर ) आदि के नाम से प्रत्येक माह धन रोहित कुमार के खाते में ट्रांसफर होता रहा है।
रोहित कुमार द्वारा फरवरी 2021 में हुए अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण में सहायक अध्यापकों से 5000 रु ० और इंचार्ज अध्यापको से 10,000 रु ० की उगाही की गयी। जब मेरे द्वारा रोहित कुमार की उक्त भ्रष्टाचार की शिकायत बेसिक शिक्षा अधिकारी से दिनांक 09.04.2021 को की गई तो बिना प्रकरण की जाँच किये शिकायत को निपटा दिया गया। एक शिक्षक होने के नाते रोहित कुमार का स्वयं विद्यालय न जाकर एवं अन्य शिक्षकों से धन लेकर विद्यालय न जाने का कृत्य नितान्त घिनौना है, यदि इस बार भी उक्त प्रकरण की जाँच कर कार्यवाही नहीं की गई तो यह प्रामाणित हो जायेगा कि उक्त प्रकरण बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं खण्ड शिक्षा अधिकारी ब्लॉक निघासन की भी मिली भगत है, जो सरकार की सब पढ़ें सब बढ़े की नीति को पलीता लगा रहे हैं।
अब जबकि रोहित कुमार के खिलाफ पर्याप्त तथ्य उपलब्ध है तब भी कोई कार्यवाही नहीं होती तो मैं स्वयं माननीय मुख्यमंत्री जी को समस्त साक्ष्यों के साथ उक्त प्रकरण के विषय में अवगत कराऊंगा उक्त पत्र की एक प्रति मैं प्राथमिक शिक्षक संघ लखीमपुर खीरी एवं उसकी ब्लॉक इकाई को भी भेज रहा हूँ जिससे कि वो भी अवगत हो सकें कि उनके विभाग में किस स्तर का भ्रष्टाचार हो रहा है। शिक्षक संगठन भी अवगत हों कि मात्र शिक्षकों के प्रति ही नहीं बल्कि जिले की प्राथमिक शिक्षा की व्यवस्था के प्रति भी उनका दायित्व है।
जांच में और भी नाम आयेंगे सामने
यह तय है कि जब रोहित कुमार के बैंक अकॉउंट स्टेटमेंट से चांज शुरू की जाएगी तब इसकी आँच सक्षम अधिकारियों के गिरेबान तक ज़रूर पहुंचेगी।