केंद्र सरकार ने सोमवार को सभी प्रकार के प्याज के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब घरेलू खुदरा बाजारों में प्याज की कीमतें आपूर्ति की कमी के कारण बढ़ रही हैं। व्यापारियों के अनुसार, महाराष्ट्र के नासिक क्षेत्र में भारी बारिश और बाढ़ से प्याज की आपूर्ति प्रभावित हुई है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया, ‘प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया जाता है।’ डीजीएफटी वाणिज्य मंत्रालय का अंग है जो आयात-निर्यात संबंधी मामलों को देखता है।
बता दें कि दक्षिण भारत के राज्यों में भारी बारिश के चलते इस बार प्याज की फसल को खासा नुकसान हुआ है। इसके चलते घरेलू बाजार में प्याज की कीमतें भी काफी बढ़ रही हैं। थोक मंडियों में आठ अगस्त के बाद से प्याज की कीमत बढ़ रही है।
भारत ने अप्रैल से जून के बीच करीब 19.8 करोड़ डॉलर के प्याज का निर्यात किया है। पिछले साल 44 करोड़ डॉलर के प्याज का निर्यात किया गया था। भारत से सबसे ज्यादा प्याज का निर्यात श्रीलंका, बांग्लादेश, मलयेशिया और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को होता है।
एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा
प्याज निर्यात प्रतिबंध पर प्रतिक्रिया देते हुए, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से बात की है और उनसे कहा है कि इस फैसले पर पुनर्विचार करें
आज सकाळी केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री श्री. पियुष गोयल (@PiyushGoyal) यांची भेट घेऊन त्यांच्यासमोर महाराष्ट्रातल्या कांदा उत्पादकांची परिस्थिती विशद केली. बैठकीत प्रामुख्याने मुद्दा मांडला की कांदा उत्पादक जिरायत शेतकरी आहे. त्याचप्रमाणे हा बहुसंख्य शेतकरी अल्पभूधारक आहे.
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) September 15, 2020