देश भर में जिस तरह कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं उसने आम जनता को झकझोर कर रख दिया है।कोरोनावायरस के केस थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। स्थिति भयावह होकर और भी बिगड़ती जा रही है।
ग़ौरतलब है कि कोरोना से ग्रसित होने के बाद लोगों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे वहीं समय से ऑक्सीजन न मिल पाने के कारण लोगों को अपने करीबियों को खोना पड़ रहा है और ये तब है जब मार्च के माह में जीवन सामान्य होकर पटरी पर लौट रहा था।
“Can inhaling water vapour lessen the impact of #COVID19?”
A question we’ve heard a lot this year.
The answer may surprise you.#Unite2FightCorona pic.twitter.com/EJtOLUXRKU
— UNICEF India (@UNICEFIndia) April 17, 2021
ऐसी विषम परिस्थिति को देखते हुए लोगों ने भी सोशल मीडिया को अपना डॉक्टर मान लिया है और बिगड़ती हुई स्थिति को देखते हुए अब लोग हॉस्पिटल ना जाने के डर से लोग घरों में तरह-तरह के एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। हल्का सर्दी ज़ुकाम खाँसी होने के बाद ख़ुद को स्वघोषित पेशेंट मानकर इलाज़ शुरू कर देते है यह जानते हुए कि वो कोरोनावायरस पॉजिटिव नहीं हैं।
समय को देखते हुए लोग कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहते और वह भी विभिन्न तरीकों से खुद को कोरोनावायरस की चपेट में आने से बचा रहे हैं इन्हीं तरीकों में एक तरीका है भाप लेना। लोग भाप के माध्यम से खुद को कोरोना की चपेट में आने से बचा रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या दिन में बार-बार स्टीम लेना सुरक्षित है?
भाप लेना कितना है सुरक्षित…
लोग दिन में चार से पांच बार कोरोना वायरस से बचने के लिए भाप ले रहे हैं पर यह तरीका कितना सुरक्षित या असुरक्षित है यह नहीं पता । सोशल मीडिया में इस सवाल को लेकर एक वीडियो भी वायरल हुई है, जिसके कारण यह जानना और भी जरूरी हो गया है कि कोरोनावायरस के लिए भाप कितनी फायदेमंद है?
आपको बता दें कि हाल ही में यूनिसेफ इंडिया ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया जिसमें उन्होंने बताया कि जो लोग कोरोनावायरस से बचने के लिए बार-बार भाप ले रहे हैं वे सतर्क हो जाएं।
इस वीडियो में यूनिसेफ साउथ एशिया के रीजनल एडवाइजर एंड चांसलर हेल्थ एक्सपर्ट पॉल रिटर हैं। वीडियो में वे बता रहे हैं कि इसका कोई प्रमाण नहीं है कि कोरोना को दूर करने के लिए स्टीम एक अच्छा विकल्प है।
वीडियो में बताया गया है कि वायरस से बचने के लिए जो लोग दिन में कई बार भाप ले रहे हैं उनके फेफड़े और गले के बीच में एक नली स्थित होती है, जिसमें ट्रैकिया और फेरिक्स प्रभावित हो सकते हैं यही कारण है कि व्यक्ति को सांस लेने के दौरान काफी परेशानी महसूस हो सकती है और यह खतरनाक वायरस बॉडी में प्रवेश कर सकता है। इस वीडियो में बताया गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन भी बार-बार स्टीम लेने के लिए कोई सुझाव नहीं देता हैं।
डॉक्टरों की अगर हम माने तो दिन में तीन से चार बार 10-10 मिनट तक स्टीम लेने से फेफड़े और गले के बीच में स्थित नली के अंदर पाई जाने वाली ट्रैकिया और फेरिक्स क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। ऐसे में जरूरी है कि सबसे पहले हमें सीमित मात्रा का पता लगाना जरूरी है। अगर कोई व्यक्ति दिन में तीन बार ही स्टीम लें और वो भी सिर्फ 2 या 3 मिनट के लिए तो कोई नुकसानदेह नहीं है क्योंकि कोरोना गले के अंदर और नाक के पीछे इकट्ठा हो सकता है। ऐसे में स्टीम की मदद से इसे इकट्ठा होने से रोका जा सकता है।