धनतेरस के साथ ही मंगलवार से पंच पर्व की शुरुआत गई है मतलब कि मंगलवार को कार्तिक कृष्ण द्वादशी युक्त त्रयोदशी से पांच दिवसीय प्रकाश पर्व दीपोत्सव का शुभारंभ होगा। मंदिरों में भी विशेष झांकियां सजेंगी। बुधवार को रूप चतुर्दशी यानी छोटी दिवाली, हनुमान जन्मोत्सव, गुरुवार को दिवाली, शुक्रवार को गोवर्धन पूजा, शनिवार को भाईदूज का पर्व मनाया जाएगा। धनतेरस का अबूझ मुहूर्त होने से वाहन, बर्तन, चांदी के आभूषण सहित अन्य खरीदी करना शुभ रहेगा।
सार :
● मंगलवार को त्रिपुष्कर योग, उत्तरा फाल्गुनी व हस्त नक्षत्र में दीपदान की शुरुआत होगी।
● चिकित्सक भगवान धन्वंतरि की पूजा के साथ ही दीप जलाने की शुरुआत होगी।
● लोग नए बर्तन या दूसरे नए सामान खरीदें।
● रूप चर्तुदशी पर बुधवार को महिलाएं रूप संवारेगी।
● गुरुवार को दिवाली पर गणेश महालक्ष्मी पूजन होगी।
● शुक्रवार को अन्नकूट राजा बली पर भगवान विष्णु का विजयोत्सव है। शहर में नवधान्य के बने पर्वत शिखरों का भोग वितरित किया जाएगा।
●शनिवार को भाईदूज मनाया जाएगा।
आइये जानें विस्तार से इन पर्वों के बारे में
2 नवंबर : धनतेरस
वैसे तो धनतेरस का पूरा दिन शुभ होता है। इस बार धनतेरस के दिन सुबह 8 से 10 बजे के बीच खरीददारी के लिए बहुत शुभ समय होगा। इसमें स्थिर लग्न (वृश्चिक) उपस्थित रहेगी, दूसरा शुभ मुहूर्त सुबर 10:40 से दोपहर 1:30 के बीच होगा। इस समय लाभ और अमृत के शुभ चौघड़िया मुहूर्त उपस्थित रहेंगे। दोपहर 1:50 से 3 बजे के बीच भी खरीददारी के लिए स्थिर लग्न का शुभ मुहूर्त होगा। शाम 6:30 से रात 8:30 के बीच स्थिर लग्न का शुभ मुहूर्त रहेगा।
3 नवंबर : रूप चतुर्दशी
रूप चतुर्दशी पर चित्रा नक्षत्र दिनभर रहेगा। चंद्रमा और बुध दोनों इस नक्षत्र में रहेंगे और चंद्रमा पर बृहस्पति की दृष्टि होने से घर की सजावट और सुख-सुविधाओं की चीजों की खरीदारी कर सकते हैं।
4 नवंबर : दीपावली
दीपावली पर सूर्योदय के साथ ही चतुर्ग्रही शुभ योग शुरू हो जाएगा, जो रातभर रहेगा। ज्योतिषविदों के अनुसार प्रदोषकाल में माता लक्ष्मी के साथ गणपति, सरस्वती, कुबेर और भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस साल दिवाली पर एक ही राशि में चार ग्रहों की युति बनेगी, सूर्य, बुध, मंगल व चंद्र तुला राशि मे रहेंगे और गुरु व शनि मकर राशि में एक साथ होंगे। इस वजह से ये दिवाली अत्यंत शुभ रहेगी।
5 नवंबर : गोवर्धन पूजा
दीपावली के अगले दिन राजा बली पर भगवान विष्णु की विजय का उत्सव है। श्रीकृष्ण ने इसी दिन देवेंद्र के मानमर्दन के लिए गोवर्धन को धारण किया था।
6 नवंबर : भाईदूज
ज्योतिषविद बताते हैं कि इस दिन यमुना ने अपने भाई यम को अपने घर पर भोजन के लिए आमंत्रित किया था। यही वजह है कि आज भी इस दिन लोग अपने घर मध्याह्न का भोजन नहीं करते। कल्याण और समृद्धि के लिए भाई को इस दिन अपनी बहन के घर में ही स्नेहवश भोजन करना चाहिए।मान्यता है कि इस दिन भाई को बहन के घर तिलक लगवाकर भोजन करना चाहिए। एक मान्यता के तहत इस दिन यमुना जी में भाई -बहन साथ में स्नान करें तो शुभ होता है।