यूपी निकाय चुनाव शाहजहांपुर : उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद जहां वोटिंग की जोड़ घटाना के साथ राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई वही यूपी निकाय चुनाव में अन्य विभागों के साथ शिक्षक महकमे से लगने वाले शिक्षकों की ड्यूटी को कटवाने के लिए भी जिले में विकास भवन के साथ-साथ ब्लॉक के बीआरसी कार्यालय पर भी जमावड़ा होने लगा।
उत्तर प्रदेश के जनपद शाहजहांपुर में 11 मई को दूसरे चरण में यूपी नगर निकाय का चुनाव प्रस्तावित है जिसमें ड्यूटी से पहले ट्रेनिंग करने के लिए सरकारी कर्मियों को आदेश निर्गत कर दिया गया।
आदेश निर्गत होने के बाद सरकारी कर्मियों के द्वारा आदेश में अपना नाम देखे जाने के चलते विशेषकर महिला सरकारी कर्मियों के साथ तिलक, शादी व बीमारी बताकर सैकड़ों कर्मचारी मतदान के दिन लगी ड्यूटी से नाम काटने की सिफारिश करते हुए आवेदन कर रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर मतदान कार्मिक अधिकारियों द्वारा चुनाव ड्यूटी लगे सरकारी कर्मियों के आवेदन बतौर सहूलियत भले ही ले लिए जाएं मगर आवेदनों की जांचोपरांत ही निर्णय लिए जाएंगे। बता दें कि जिला निर्वाचन अधिकारी की संस्तुति के बाद ही सरकारी कर्मियों की चुनाव ड्यूटी के नाम काटे जाएंगे।
हाल ही में चुनाव ड्यूटी के आदेश निर्गत होने के बाद सरकारी कर्मचारियों के बीच सुगबुगाहट शुरू हो गई। भले ही जनपद शाहजहांपुर में मतदान की तारीख अभी दूर हो मगर ऐसा अनुमान है कि प्रतिवर्ष की तरह मतगणना तक बड़ी संख्या में कर्मचारी मांगलिक कार्यक्रमों का हवाला देकर चुनाव में लगी ड्यूटी से नाम हटाने की सिफारिश का आवेदन करेंगे।
एक तरफ जहां यूपी निकाय चुनाव की ड्यूटी को लेकर विकलांग कर्मचारी खुद को अशक्त बताते हुए चुनाव से ड्यूटी कटाने की पुरजोर सिफारिश कर रहे हैं वहीं गर्भवती महिला कर्मचारियों की सूची हार्ट, बीपी, गठिया व कैंसर पीड़ित कर्मचारियों की सूची भी लंबी है।
इसके अलावा पिछले 3 माह से लेकर 6 माह पूर्व से चल रहे इलाज से संबंधित डाक्टर का पर्चा, विभिन्न तरह की शारीरिक जांच की छाया प्रति भी सपोर्ट में लगाई जा रही हैं।
इतना ही नहीं सेवानिवृत होने के करीब पहुंचे कई दर्जन लोगों चुनाव ड्यूटी कटवाने के लिए आवेदन किए हैं और तो और आंख में मोतिया¨बिंदु, ग्लूकोमा के मरीज भी पहुंचकर और आंख से कम दिखाई देने की बात कहकर चुनाव ड्यूटी से नाम कटवाने के लिए आवेदन कर रहे हैं।
गौरतलब है कि पिछले कई चुनाव में ऐसे अस्वस्थ कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी को काट दिया गया था जिनकी जांच जनपद के विकास भवन में बैठे चिकित्सा अधिकारियों की टीम के द्वारा की गई थी। ऐसे दर्जनों चुनाव ड्यूटी प्राप्त कर्मचारी मिले जिनका शुगर बीपी लेवल हाई मिला। इसके अलावा हार्ट की जांच के लिए कर्मचारियों की जिला अस्पताल की जांच को मान्य किया गया था।
प्रभावशाली लोग भी अपने नजदीकी कर्मचारियों की ड्यूटी कटवाने के लिए मतदान अधिकारियों का मान मनौब्बल कर रहे हैं। तिलक, रोक, गोदभराई, शादी आदि मांगलिक कार्यक्रम के संबंध में विभागाध्यक्ष की संस्तुति के बाद प्रार्थना पत्र पर विचार किया जाएगा।
फिलहाल चुनाव ड्यूटी में नाम कटवाने को लेकर किसकी फरियाद सुनी जाएगी और किसकी सिफारिश रंग लाएगी यह आने वाला समय बताएगा। वैसे अधिकतर सरकारी कर्मचारियों का मानना है कि विकलांग व बीमारी से ग्रस्त अस्वस्थ कर्मचारियों, महिलाओं और गर्भवती महिला कर्मचारियों की ड्यूटी चुनाव में नहीं लगाई जानी चाहिए।