बुधवार को हाईकोर्ट में हुई ओबीसी आरक्षण को लेकर सुनवाई के बाद मीडिया में आई खबरों के चलते यूपी नगरीय चुनाव की सुगबुगाहट और राजनीतिक पार्टियों के बीच सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इससे पहले हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने पर 14 दिसंबर बुधवार तक रोक लगा दी थी।
कहा जा रहा है कि जनवरी के पहले या दूसरे सप्ताह में दो या तीन चरणों में चुनाव संपन्न हो सकते हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर चुनाव तीन चरण में हुए तो हर मंडल के एक जिले का चुनाव हर चरण में होगा जबकि जो मंडल बड़े है वहां दो या उससे अधिक जिलों में चुनाव हो सकते हैं।
ऐसे में अगर राज्य निर्वाचन आयोग यूपी नगरीय चुनाव की अधिसूचना जारी कर जनवरी के पहले दूसरे सप्ताह में यूपी नगरीय चुनाव संपन्न कर आता है तो यूपी में परिषदीय शिक्षकों के शीतकालीन अवकाश इन चुनावों की भेंट चढ़ जाएंगे क्योंकि यह सर्वविदित है चुनाव में परिषदीय विद्यालयों के टीचर्स की ड्यूटी 100% लगना तय है ऐसे में छुट्टियों का प्लान कर रहे टीचर्स के लिए पशोपेश वाली स्थिति होगी ऐसे में वो क्या करेंगे। यह देखने वाली बात होगी।
बता दे कि शैक्षिक सत्र की शुरुआत से उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परिषदीय स्कूलों में पहली बार बदली हुई शिक्षक नियमावली के तहत शीतकालीन अवकाश किए जाने प्रस्तावित हैं यह शीतकालीन अवकाश माह जून के 15 दिनों को कम करके सर्दियों में ऐड ऑन किए गए थे जिसके लिए 16 जून को परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक सत्र का संचालन शुरू कर दिया गया था।
अब अगर चुनाव शिक्षकों के शीतकालीन सत्र में संपन्न कराए जाते हैं तो ऐसे में बगावत होना तय है। शैक्षिक संगठन शीतकालीन अवकाश में चुनाव को कराने का विरोध प्रदर्शन जरूर करेगा मतलब साफ है कि सरकारी कर्मचारियों और सरकार के बीच में रार ठन सकती हैं।
वहीं दूसरी ओर 13 दिसंबर मंगलवार को राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद व ADG कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार से शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव की तैयारियों के लिए बैठक की। राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि अभी आयोग को निकायों के अंतिम आरक्षण सूची का इंतजार है। बता दें कि यूपी नगरीय निकायों का कार्यकाल आगामी 15 जनवरी तक अलग-अलग तारीखों में समाप्त हो रहा है।
गौरतलब है कि यूपी की इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने यूपी नगर निकाय चुनावों की अधिसूचना पर लगाई रोक को बुधवार तक बढ़ा दिया। हाईकोर्ट के जस्टिस देवेन्द्र कुमार उपाध्याय व जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव की पीठ ने कहा कि ट्रिपल टेस्ट के बिना OBC आरक्षण लागू करना संविधान सम्मत नहीं है। पीठ का यह आदेश वैभव पांडेय व अन्य की ओर से दाखिल अलग-अलग याचिकाओं पर आया।
राज्य निर्वाचन आयोग 760 नगरीय निकायों में जनवरी के पहले व दूसरे हफ्ते में चुनाव कराने की तैयारी में जुटा हुआ है। वर्ष 2017 में आयोग ने 36 दिनों में चुनाव संपन्न कराया था। इस बार आयोग को चुनाव कराने के लिए और कम समय मिल रहा है।