जन्माष्टमी 2022: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को घोषणा की कि कबड्डी और खो-खो की तरह ‘दही-हांडी’ को मान्यता दी जाएगी। दही हांडी अब राज्य में एडवेंचर स्पोर्ट्स के एक प्रकार के तौर पर पहचाना जाएगा. दही हांडी में शामिल होने वाले गोविंदाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिलेगा.
सीएम शिंदे ने आगे कहा कि राज्य में “प्रो-दही-हांडी” प्रतियोगिताएं शुरू की जाएंगी। इससे पहले मुंबई स्थित दही हांडी उत्सव समन्वय समिति (डीएचयूएसएस) समिति ने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर दही हांडी (मानव पिरामिड) को एक साहसिक खेल का दर्जा देने का अनुरोध किया था। कुछ साल पहले इसी तरह की मांग सामने आई थी।
Read also: शुभ मुहूर्त के साथ जानिए कब है जन्माष्टमी का पर्व, इस दिन भूल से भी ना करें ये काम
10 लाख रुपये का बीमा कवर
राज्य सरकार द्वारा यह फैसला किया गया है कि दही हांडी खेलते वक्त अगर दुर्घटना हो जाती है और ऐसे में किसी गोविंदा की मौत हो जाती है तो संबंधित गोविंदा के परिवार वालों को 10 लाख रुपए की रकम मदद के तौर पर दी जाएगी.
'Dahi-handi' will be recognised under the sports category in Maharashtra. 'Pro-Dahi-Handi' will be introduced. The 'Govindas' will get jobs under sports category. We will provide insurance cover of Rs 10 lakhs for all 'Govindas': Maharashtra CM Eknath Shinde pic.twitter.com/7LLmgAnZOD
— ANI (@ANI) August 18, 2022
गंभीर रूप से जख्मी होने पर 7 लाख 50 हजार रुपए की रकम मदद के तौर पर दी जाएगी. यानी अगर ऐसी किसी दुर्घटना में अगर कोई गोविंदा दोनों आंखें या दोनों पैर या दोनों हाथ या शरीर के कोई दो अहम अंग गंवा देता है तो उसे साढ़े सात लाख रुपए की रकम राज्य सरकार की ओर से मदद के तौर पर दी जाएगी. ऐसी किसी दुर्घटना में कोई गोविंद अगर एक हाथ या एक पैर या शरीर का कोई अंग गंवा बैठता है तो ऐसी स्थिति में उसे 5 लाख रुपए की रकम मदद के तौर पर दी जाएगी.
नौकरियों में मिलेगा आरक्षण
उन्होंने कहा कि राज्य के कई शहर दही-हांडी मनाते हैं और यह एक साहसिक खेल है। इसलिए इसे राज्य खेल श्रेणी में शामिल करने का निर्णय लिया गया। साथ ही साथ दही हांडी में भाग लेने वाले गोविंदाओं को अब से सरकारी नौकरियों में 5 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा।