उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर को दिल्ली से जोड़ने वाले हाईवे पर रामगंगा-बहगुल नदी पर बना 13 साल पुराना स्थित कोलाघाट पुल सोमवार सुबह टूटकर दो हिस्सों में बंटकर नीचे गिर गया।इस हादसे के कारण शाहजहाँपुर-बदायूं मार्ग पर आवागमन ठप हो गया है।
कोलाघाट पुल के टूटने से कलान और मिर्जापुर क्षेत्र का शाहजहाँपुर के जलालाबाद से संपर्क पूरी तरह टूट गया। इस पुल का इस्तेमाल दिल्ली जाने के लिए होता था जिससे कटरी वालों की परेशानी बढ़ गई है। वहीं बदायूं जाना भी अब मुश्किल हो गया है। अब इस रूट के यात्रियों को फर्रुखाबाद के राजेपुर होते हुए बदायूं की ओर जाना पड़ेगा। इससे 20 किमी की दूरी बढ़ गई है जिसे अधिकतर भारी वाहनों के लिए ही इस्तेमाल किया जाता था।
शाहजहांपुर-दिल्ली मार्ग पर 2008 में करीब 11 करोड़ से कोलाघाट पुल बनाने को मंजूरी मिली थी। अब इस मार्ग का आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया। उस पर से गुजर रही कार भी नीचे आ गई हालांकि उसमें सवार सभी पांच लोग सुरक्षित बच गए। डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने सेतु निगम व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया। उन्होंने पहले से जांच कर रही टीम से इस मामले में भी रिपोर्ट तलब की है।फ़िलहाल वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पैंटून पुल बनाने का एस्टीमेट शासन को भेजा जा रहा है।
शाहजहाँपुर-दिल्ली हाईवे ठप होने से इस रूट का करें इस्तेमाल
इस हादसे के बाद शाहजहाँपुर-दिल्ली हाईवे पर यातायात ठप हो गया है।
●ऐसे में प्रशासन ने अल्लाहगंज की ओर वाहनों का डायवर्जन किया है।
● बदायूं और दिल्ली की ओर से आने वाले वाहन मिर्जापुर थाने से दो किलोमीटर आगे तारापुर तिराहा से फर्रुखाबाद रोड से अल्हागंज के रास्ते निकाल सकते हैं।
● वहीं शाहजहाँपुर, जलालाबाद की ओर से आने वाले वाहन बरेली-फर्रुखाबाद रोड से राजेपुर, अमृतपुर से तारापुर तिराहा होते हुए निकल सकते हैं।
आपको बता दें कि इस पुल का शिलान्यास 1992 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने किया था। शिलान्यास के बाद से निर्माण नहीं कराया गया। वर्ष 2008 में बसपा शासन के दौरान कोलाघाट पुल बना था जो शाहजहाँपुर से बदायूं को जोड़ता है। इस पर लगातार आवागमन होता है। बताया जा रहा कि यह पुल कई वर्षों से जर्जर हो चुका था पिछले महीने ही यह पुल बीच में धंस गया था इसके बाद इस पर करीब एक सप्ताह से अधिक समय तक मरम्मत का काम भी चला था। इस दौरान पुल के दोनों ओर पक्की दीवार बनाई गई थी, लेकिन पुल की दोबारा जांच ना करने से यह हादसा हो गया।