भाजपा उत्तर प्रदेश में होने वाले 2022 विधानसभा चुनाव में हिंदुत्व और विकास के एजेंडे को लेकर सियासी समीकरण बिछाने में जुटी है।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के जरिए CM योगी ने पूर्वी यूपी में विकास की इबारत लिखने की कवायद की है तो साथ ही बीजेपी सरकार अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को अपनी उपलब्धि के तौर पर पेश कर रही है।यही वजह है सीएम योगी ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के दौरान जय हिंद के साथ-साथ जय-जय श्रीराम का नारा लगाकर बीजेपी का चुनावी एजेंडा साफ कर दिया है।
मोदी ने अखिलेश यादव पर कसा तंज
प्रधानमंत्री मोदी ने अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर तंज कसते हुए कहा कि ‘2014 में मुझे जनता ने पहली बार जो सेवा का मौका दिया उस दौरान तब यूपी में जो सरकार थी, उसने मेरा साथ नहीं दिया उस वक़्त की सरकार के मुख्यमंत्री को सार्वजनिक रूप से मेरे साथ में खड़े होने पर भी उन्हें वोट बैंक के नाराज होने का डर लगता था।हवाई अड्डे पर मेरा स्वागत करके वो खो जाते थे, उन्हें इतनी शर्म आती थी क्योंकि काम का हिसाब देने के लिए उनके पास कुछ था ही नहीं।
क्योंकि काम का हिसाब देने के लिए उनके पास कुछ था ही नहीं।’
पीएम मोदी ने एक्सप्रेसवे के उद्घाटन का बटन जैसे ही दबाया सीएम योगी ने ‘जय हिंद, जय-जय श्रीराम’ का नारा बुलंद किया।योगी ने इस नारे के लिए सूबे में होने वाले विधानसभा चुनाव की तस्वीर को लेकर बहुत कुछ साफ करने की कोशिश की है और साथ विकास और हिंदुत्व के साथ-साथ राष्ट्रवाद के एजेंडे पर चुनाव लड़ने के संकेत दे दिए हैं।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रचार अभियान तेज कर दिया है। CM योगी द्वारा कहीं गयी भाषण के दौरान उनकी बातों को लेकर उनके पुराने इंटरव्यू सोशल मीडिया पर वायरल हो गये।
CM योगी ने एक तरफ रविवार को इतिहास की एक और घटना का जिक्र करते हुए अखिलेश के जिन्ना वाले बयान के बाद चंद्रगुप्त मौर्य का मुद्दा छेड़ दिया है। वहीं हाल ही में नोएडा के सेक्टर-65 के एक पार्क में सार्वजनिक रूप से नमाज़ पढ़ने पर रोक लगा दी। इन मुद्दों के तूल पकड़ने के बाद इसी मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक पुराना इंटरव्यू वायरल हो रहा है।
यूपी में विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार प्रचार कर रहे हैं। इसी बहाने सीएम योगी ने असदुद्दीन ओवैसी पर भी निशाना साधा इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमारा इतिहास चंद्रगुप्त मौर्या को महान नहीं मानता है।
उधर नोएडा पुलिस ने ये एक्शन एक ट्वीट को देखते हुए लिया है। पुलिस ने मौके पर पहुँचकर ऐसा कर रहे लोगों से मस्जिद में जाकर नमाज़ पढ़ने की बात कही।
वायरल हो रहे इंटरव्यू की अगर बात करें तो CM योगी से वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा सवाल पूछते हैं,
रजत शर्मा: ‘नोएडा में वो खुले में नमाज़ पढ़ते थे लेकिन आपने उन्हें खुले में नमाज़ पढ़ने से रोक दिया। आखिर ऐसा क्यों?’
इसके जवाब में योगी आदित्यनाथ ने कहा,
योगी आदित्यनाथ: ‘देखिए, ये तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि सार्वजनिक स्थल पर इस प्रकार की गतिविधियों को रोका जाए। नमाज़ की सही जगह मस्जिद होगी या उसका एक निश्चित स्थान होगा। मुझे आश्चर्य होता है कि आज किसी पार्क में जाकर नमाज़ पढ़ेंगे तो कल हिंदू भी किसी चौराहे पर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करेगा।’, ‘अगर हिंदू ऐसा करेगा तो क्या आप उसे रोक पाएंगे? अगर आप एक को नहीं रोकेंगे तो दूसरे को क्यों रोकेंगे? इसलिए व्यवस्था बनाई गई है कि जहाँ जिसके लिए जगह होगी वो वहीं ये सब करेगा। अपनी उपासना और कार्य को निश्चित स्थल पर ही किया जाना चाहिए। उपासना विधि के बारे में मुझसे ज्यादा कौन जा सकता है? सार्वजनिक जगहों पर सभी के लिए रोक है। ऐसा नहीं है किसी विशेष समुदाय को ही ऐसा करने के लिए रोका गया है। हमने कई चीजों पर सीधा रोक लगा दी है।’
एक अन्य इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ से पूछा गया था,
पत्रकार: ‘आप ईद क्यों नहीं मनाते हैं, इसका मतलब है कि आप सिर्फ हिंदुत्व की राजनीति करते हो।’
इसके जवाब में उन्होंने साफ कहा था,
योगी आदित्यनाथ: ‘मैं जबरन पाखंड नहीं कर सकता। मेरी आस्था जिसमें है मैं उसी का पाठ करूँगा। मैं ऐसा बिल्कुल नहीं कर सकता कि अंदर चोरी-छिपे टीका लगाऊं और बाहर निकल सबके सामने टोपी भी पहनने लगूँ। मैं जनता को और लोगों को ऐसे किसी भी चीज में घुमाना या गुमराह नहीं करना चाहता हूँ।’
एक अन्य सवाल में योगी से उनकी राजनीति के बारे में सवाल पूछा गया था,
पत्रकार: ‘विरोधी आरोप लगाते हैं कि आप सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करते हैं, आपने विधानसभा में कहा कि मैं ईद नहीं मनाता। आप सिर्फ हिंदुत्व की राजनीति क्यों करते हैं?
योगी आदित्यनाथ: ’ इसके जवाब में योगी ने कहा था, ‘मेरी आस्था मेरे साथ है। मैं जबरन पाखंड क्यों करूं? जहाँ मेरी आस्था होगी मैं वही तो करूंगा। मैं उन लोगों में नहीं हूं जो चोरी-छिपे टीका लगाते हों, चोटी रखते हों और फिर सम्मेलन में जाकर गोल टोपी लगाकर लोगों को घुमाने का काम करते हों।’
योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा था, ‘मैं टीका लगाऊंगा तो सिर्फ टीका ही लगाऊंगा। रक्षा सूत्र बांधूंगा तो रक्षा सूत्र ही बांधूंगा। मेरी राजनीति साफ है कि अगर मैं गोल टोपी नहीं लगाऊंगा तो नहीं लगाऊंगा। मुझे जो करना है, वही करूंगा। मेरी आस्था अगर राम में है तो मैं मंदिर ही जाऊंगा। मेरा मानना है कि आपको किसी दूसरे को भ्रम में नहीं रखना चाहिए। मेरा ये मानना है कि आप भी अपनी आस्था का पालन करें, लेकिन दूसरे की आस्था का भी सम्मान करें। अब इससे भी विरोधी दलों को परेशानी है तो मैं क्या कर सकता हूं।’
‘इंडिया टीवी’ के कार्यक्रम में पहुंचे सीएम योगी से सवाल पूछा गया
पत्रकार : आपकी और ओवैसी साहब की राजनीति दोनों तरफ भड़काने वाली है। अगर आप और ओवैसी साहब राजनीति से संन्यास ले लें तो बहुत भला होगा।
इसके जवाब में योगी आदित्यनाथ ने कहा था
योगी आदित्यनाथ : ‘आपने बहुत अच्छी बात कही है, लेकिन ये बात आपको कश्मीर जाकर कहनी चाहिए। मैं चाहता हूँ। आप उपदेशक बनकर वहाँ जाएं। अगर आप तैयार हैं तो हम लोग भी आपको कश्मीर भेजने के लिए तैयारी हैं।’
दूसरी ओर आज एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के मौके पर पूर्व CM अखिलेश यादव ने भी सत्ता पक्ष पार्टी को ट्वीट कर घेरा, उन्हों ने लिखा
फ़ीता आया लखनऊ से और नयी दिल्ली से कैंची आई
सपा के काम का श्रेय लेने को मची है ‘खिचम-खिंचाई’
आशा है अब तक अकेले में बैठकर लखनऊवालों ने ‘समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे’ की लंबाई का आँकड़ा रट लिया होगा।
सपा ‘बहुरंगी पुष्पवर्षा’ से इसका उद्घाटन करके एकरंगी सोचवालों को जवाब देगी।
फ़ीता आया लखनऊ से और नयी दिल्ली से कैंची आई
सपा के काम का श्रेय लेने को मची है ‘खिचम-खिंचाई’आशा है अब तक अकेले में बैठकर लखनऊवालों ने ‘समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे’ की लंबाई का आँकड़ा रट लिया होगा।
सपा ‘बहुरंगी पुष्पवर्षा’ से इसका उद्घाटन करके एकरंगी सोचवालों को जवाब देगी। pic.twitter.com/AeHDiJYTuH
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 16, 2021
कॉंग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ट्वीट कर घेरा
लॉकडाउन के दौरान जब दिल्ली से लाखों श्रमिक बहन-भाई पैदल चलकर उप्र में अपने गांवों की तरफ लौट रहे थे, उस समय भाजपा सरकार ने श्रमिकों को बसें उपलब्ध नहीं कराई थीं।
लेकिन, पीएम और गृहमंत्री की रैलियों में भीड़ लाने के लिए सरकार जनता की गाढ़ी कमाई के करोड़ों रुपए खर्च कर रही है।
लॉकडाउन के दौरान जब दिल्ली से लाखों श्रमिक बहन-भाई पैदल चलकर उप्र में अपने गांवों की तरफ लौट रहे थे, उस समय भाजपा सरकार ने श्रमिकों को बसें उपलब्ध नहीं कराई थीं।
लेकिन, पीएम और गृहमंत्री की रैलियों में भीड़ लाने के लिए सरकार जनता की गाढ़ी कमाई के करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। pic.twitter.com/jV3yG2Qx8n
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 16, 2021