उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ में एक बेहद भयावह और चौंकाने वाली घटना घटित हुई। यह घटना आनंद विहार से जगन्नाथ पुरी चलने वाली नीलांचल एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे एक यात्री के साथ उस वक्त घटित हुई जब वह ट्रेन के अंदर आराम से खिड़की पर बैठा सो रहा था।
दरअसल दिल्ली हावड़ा ट्रैक पर 130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली नीलांचल एक्सप्रेस में अलीगढ़ के पास एक बड़ा हादसा हो गया। बता दें कि ट्रेन की खिड़की के शीशे को तोड़ते हुए तेज रफ्तार लोहे का 5 फीट लंबा सब्बल खिड़की के पास सो रहे तकरीबन 30 वर्षीय उम्र के यात्री हरिकेश कुमार दुबे के कान के पीछे से गर्दन में घुसते हुए सिर के आर पार हो गया। सब्बल इतनी तेज रफ्तार से सिर में घुसा कि सिर को चीरते हुए 2 फीट तक बाहर निकल गया। इस दर्दनाक हादसे से हरिकेश की मौके पर ही मौत हो गई। मीडिया सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक यह घटना डाबर-सोमना स्टेशन के बीच घटित हुई।
पलक झपकते ही होने वाले इस हादसे ने ट्रेन के अंदर अन्य यात्रियों के बीच कोहराम मचा दिया इस हादसे के बाद पूरे कम्पार्टमेंट में चीख-पुकार मच गई। ट्रेन के अंदर यात्रा कर रहे लोग डरकर इधर-उधर भागने लगे। ट्रेन के अंदर यात्रियों को कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर ये सब हुआ कैसे।
सब्बल के गर्दन के आर पार होने के बाद कुछ ही देर में कम्पार्टमेंट का फर्श खून से लाल हो गया। किसी यात्री द्वारा चेन पुलिंग करके ट्रेन रोकी गई । थोड़ी देर में उस कंपार्टमेंट में GRP और RPF पहुंच गई। शव को ट्रेन से बाहर निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया जिसके चलते ट्रेन तकरीबन 1 घंटे तक रुकी रही। घटना की जांच के लिए तत्काल दो टीमें गठित की गई हैं। जीआरपी थाना प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है। हरिकेश के साडू गौरव कुमार की तहरीर पर अज्ञात कर्मचारी के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है।
रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार हादसे में जान गंवाने वाले हरिकेश कुमार दुबे जनपद अपने माता-पिता , पत्नी और दो बच्चों के साथ सुल्तानपुर के गोपीनाथपुर गांव के रहने वाले थे। वह दिल्ली में मोबाइल टॉवर से जुड़ी कंपनी में टेक्नीशियन थे और गुरुवार को घर जाने के लिए दिल्ली से सुल्तानपुर के लिए रवाना हुए थे। जब यह घटना घटी तब हरिकेश ट्रेन के जनरल कोच में खिड़की के किनारे बैठे हुए सो रहे थे।
हादसे के वक्त हरिकेश के पास बैठी महिला बाल-बाल बच गई।महिला ने रेलवे स्टाफ को पूछताछ में बताया- ट्रेन की स्पीड बहुत तेज थी। हरिकेश की गर्दन के आर पार हुआ सब्बल महिला की गर्दन को छूकर निकल गया। पलक झपकते ही यह हादसा हो गया।
ट्रेन के अंदर बैठे यात्री के साथ इतना भयानक हादसा कैसे हुआ इस पर कोई भी रेलवे का अधिकारी बोलने को कुछ भी तैयार नहीं है। मगर इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि सब्बल पहले से ही रेलवे ट्रैक की पटरी पर पड़ा होगा। पास से गुजरने वाली तेज रफ्तार किसी ट्रेन का पहिया जैसे ही उस पर पड़ा वह गोली की स्पीड से उछल गया ।स्पीड इतनी तेज थी कि वह खिड़की को चीरते हुए यात्री की गर्दन में जा घुसा और सिर फाड़ कर निकल गया।
ट्रेन में हुए इस भयानक हादसे की सूचना जीआरपी के द्वारा मृतक के परिजनों को सौंपी गई। GRP ने हरिकेश के पास मिले आई कार्ड के आधार पर कंपनी से बात की कंपनी से हरिकेश के घर का नंबर जीआरपी को मुहैया कराया फिर जीआरपी द्वारा उस नंबर से परिजनों को सूचना दी गई। हरिकेश की मौत की खबर सुनकर परिवार में कोहराम मच गया औरपत्नी बेसुध हो गई।
माना जा रहा है कि सब्बल घुसने से जहां हरिकेश की मौत हुई वाह आसपास ट्रैक पर काम हो रहा था। नॉर्थ सेंट्रल रेलवे के CPRO हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि घटना के बाद मौके पर पहुंची GRP और RPF की फोर्स ने मामले की जांच शुरू कर दी है। GRP इंस्पेक्टर सुबोध यादव ने बताया कि अज्ञात कर्मचारी के खिलाफ धारा-304 के तहत गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। ट्रैक पर काम करने वाले मजदूरों की तलाश की जा रही है, जिनकी लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ।