प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बीते बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए जिसके बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कैबिनेट के फैसलों के बारे में बताते हुए पीएम-मित्र योजना की मंजूरी का ज़िक्र किया उन्होंने कि बताया कि इस योजना पर करीब 4,445 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह योजना टेक्सटाइल क्षेत्र के लिए है और इसका पूरा नाम प्रधानमंत्री मेगा टेक्सटाइल इंटिग्रेटेड टेक्सटाइल एंड अपैरल योजना है।
इस योजना के तहत सात नए टेक्सटाइल पार्क बनाए जाएंगे। सरकार के मुताबिक, इससे टेक्सटाइल और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में बहुत बड़ी क्रांति आने वाली है। कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि टेक्सटाइल सेक्टर में काफी उत्साह है और पी.एम. मित्र योजना के तहत एक इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल वैल्यू चेन बनाने का फैसला किया है।
पैदा होंगी 21 लाख नौकरियाँ
कहा गया कि इस योजना के लिए अगले 5 सालों में 4,445 करोड़ रुपये का आवंटन किया जाएगा। पीयूष गोयल ने कहा कि यह कदम पीएम मोदी के 5F विजन से प्रेरित है। 5F अर्थात फार्म से फाइबर, फाइबर से फैक्ट्री, फैक्ट्री से फैशन और फैशन से फॉरेन।ये सभी कड़ियां मिलकर वैल्यू चेन को मजबूत करती हैं, लेकिन अभी ये सब अलग-अलग हैं।
सरकार के मुताबिक, इसमें वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा। इसके साथ इस योजना से टेक्सटाइल सेक्टर में 21 लाख नौकरियां पैदा होंगी। इनमें 7 लाख डायरेक्ट और 14 लाख इनडायरेक्ट योजनाएं शामिल हैं। इस योजना से प्रोडक्शन और निर्यात केंद्रित ग्रोथ होगी।
सरकार ने बताया कि पीएम मित्र योजना के तहत, एक ही जगह पर स्पिनिंग, बुनाई, प्रोसेसिंग, डाइंग और प्रिंटिंग से लेकर कपड़ों की मैन्युफैक्चरिंग तक का काम किया जाएगा। सरकार के मुताबिक इससे लॉजिस्टिक्स की कीमत घटेगी।एक ही जगह पर पूरी वैल्यू चैन मौजूद होने की वजह से लॉजिस्टिक्स की लागत में कमी आएगी।
इसके अलावा पी एम मित्र योजना के तहत बनने वाले मित्र पार्क्स को अलग-अलग राज्यों में स्थित ग्रीनफील्ड या ब्राउनफील्ड जगहों पर बनाया जाएगा।सभी ग्रीनफील्ड मित्र पार्क्स को विकसित करने के लिए 500 करोड़ रुपये का समर्थन दिया जाएगा।
ब्राउनफील्ड मित्र पार्क्स के डेवलपमेंट के लिए 200 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की जाएगी। मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को प्रतिसपर्धी प्रोत्साहन के लिए सभी मित्र पार्क्स को 300 करोड़ रुपये का सपोर्ट दिया जाएगा।
इस योजना के तहत, मित्र पार्क्स को स्पेशल पर्पस व्हीकल पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में विकसित करेगा। इस स्पेशल पर्पस व्हीकल का स्वामित्व राज्य सरकार और भारत सरकार के पास होगा।सरकार के मुताबिक, योजना का लक्ष्य भारतीय कंपनियों को ग्लोबल कंपनियों के तौर पर उभरने में मदद करना है। पीएम मित्र योजना में निवेश आकर्षित करने के लिए वर्ल्ड क्लास इंडस्ट्रीयल इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जाएगा।
आपको बता दें कि कपास गुजरात और महाराष्ट्र में पैदा होता है वहाँ से तमिलनाडु जाता है जहाँ स्पिनिंग होती है प्रोसेसिंग के लिए राजस्थान और गुजरात जाता है। वस्त्र दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, कोलकाता में बनते हैं और निर्यात के लिए मुंबई और कांडला जाना पड़ता है। ये सारा कुछ अब इंटीग्रेटेड तरीके से हो सकेगा।
मंत्री ने कहा कि पार्क को लेकर 10 राज्य पहले ही EOI दे चुके हैं।पीएम मित्र का विकास पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के जरिये किया जाएगा, यानी सरकार निजी कंपनियों के साथ मिलकर पीपीपी के तहत परियोजनाओं को पूरा करेगी।
Union Cabinet approves setting up of 7 PM Mega Integrated Textile Region & Apparel (PM MITRA) parks with a total outlay of Rs 4,445 crores over 5 years. Move inspired by 5F vision of PM Modi – Farm to Fibre to Factory to Fashion to Foreign: Union Commerce Minister Piyush Goyal
Union Cabinet approves setting up of 7 PM Mega Integrated Textile Region & Apparel (PM MITRA) parks with a total outlay of Rs 4,445 crores over 5 years. Move inspired by 5F vision of PM Modi – Farm to Fibre to Factory to Fashion to Foreign: Union Commerce Minister Piyush Goyal pic.twitter.com/AkXHUP5xxO
— ANI (@ANI) October 6, 2021
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार के इस कदम से 7 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और 14 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप रोजगार मिलेगा उन्होंने बताया कि टेक्सटाइल पार्कों के लिए राज्यों से इसके लिए बात हो रही है। जो राज्य सस्ती जमीन, पानी देगा और आसानी से श्रम मिलेगा वहाँ पर ये पार्क लगाए जाएंगे साथ ही यह भी देखा जाएगा कि वहाँ टेक्सटाइल की मांग होनी चाहिए।
पीयूष गोयल ने बताया कि 7 पार्क लगाने का अनुमानित खर्च 1700 करोड़ रुपये होगा। जो यूनिट शुरुआत में आकर बड़ा निवेश करेंगी, उन्हें पहले आओ पहले पाओ के आधार पर मदद भी मुहैया कराई जाएगी। एक यूनिट को 3 साल में 30 करोड़ रुपये तक की मदद सरकार की तरफ से दी जा सकती है।
पीएम-मित्र योजना के तहत देश में 7 टेक्सटाइल पार्क बनेंगे और इन टेक्सटाइल पार्कों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 21 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। तमिलनाडु, पंजाब, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, असम, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और तेलंगाना सरकार ने मित्र-पार्क विकसित करने में रुचि दिखाई है।
प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘सात पीएम मित्र पार्क स्थापित किए जाने संबंधी केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले से कपड़ा क्षेत्र को मजबूती मिलेगी। इन पार्कों से रोजगार को बल मिलेगा और माल ढुलाई का व्यय कम होगा।”
Today’s Cabinet decision relating to the setting up of 7 PM-MITRA parks will give an impetus to the textiles sector. These parks will boost employment and reduce logistics costs. https://t.co/2cr1NWfbVj
Today’s Cabinet decision relating to the setting up of 7 PM-MITRA parks will give an impetus to the textiles sector. These parks will boost employment and reduce logistics costs. https://t.co/2cr1NWfbVj
— Narendra Modi (@narendramodi) October 6, 2021
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के मार्गदर्शन में आज केंद्रीय कैबिनेट ने ‘PM MITRA योजना’ को मंजूरी दी है।
यह ऐतिहासिक निर्णय टेक्सटाइल क्षेत्र में लगभग 21 लाख रोजगारों के सृजन के साथ ही उत्पादन व निर्यात को भी बढ़ावा प्रदान करेगा।
हार्दिक आभार प्रधानमंत्री जी।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के मार्गदर्शन में आज केंद्रीय कैबिनेट ने 'PM MITRA योजना' को मंजूरी दी है।
यह ऐतिहासिक निर्णय टेक्सटाइल क्षेत्र में लगभग 21 लाख रोजगारों के सृजन के साथ ही उत्पादन व निर्यात को भी बढ़ावा प्रदान करेगा।
हार्दिक आभार प्रधानमंत्री जी।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 6, 2021
साथ मिलेंगी ये सुविधाएं
कोशिश की जा रही है कि अच्छी प्लॉटिंग हो, रिसर्च सेंटर हो, डिजाइन सेंटर हो, ट्रेनिंग सेंटर भी हो, मेडिकल सुविधाएं हों, काम करने वालों के लिए घर की सुविधा हो, वेयरहाउस भी हो, ट्रांसपोर्ट की सुविधा हो, होटल-दुकानें भी बनें। यानी इससे एक इंटीग्रेटेड सिस्टम बनाने की कोशिश है, जिसके जरिए एक ऐसा ईकोसिस्टम बन सके, जिससे सभी को एक-दूसरे से फायदा और मदद मिल सके।