उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों का सितम्बर माह का वेतन भुगतान फंस गया है और ऐसा इसलिए हुआ है कि शासन से समय रहते ग्रांट जारी नहीं हो पायी जिससे शिक्षकों के वेतन भुगतान की प्रक्रिया लंबित हो गयी हाँलाकि विभाग की ओर से शासन से ग्रांट की मांग की जा चुकी है।
ग्रांट की कमी के चलते बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक एवं जूनियर विद्यालयों के लाखों शिक्षकों को माह सितम्बर का वेतन अभी नहीं मिल सका है।समय पर वेतन न मिल पाने की वजह से शिक्षकों के चेहरों पर चिंता की लकीरें पड़ गयी। इससे पहले तक शिक्षकों का वेतन हर माह की 5 से 10 तारीख या इससे पहले तक आ जाता है हाँलाकि वेतन की सबसे ज्यादा दिक्कत माह फरवरी मार्च अप्रैल के महीनों में होती है क्योंकि उस वक़्त वेतन से टैक्स कटने की प्रक्रिया भी जनपद स्तर से गतिमान होती है जिसमें वेतन आने में विलंब होता है।
गौरतलब है कि कार्यालय स्तर से विभाग शिक्षकों के वेतन बिल की तमाम औपचारिकताएं लगभग पूरी करने का दावा कर रहा है और ग्रांट जारी होते ही शिक्षकों को वेतन भुगतान करने की भी बात कर रहा है लेकिन देखना ये है कि इस दावे में कितनी सच्चाई है और विभाग कितना अपने वादे पर खरा उतरता है हाँलाकि सचिव स्तर से बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक-शिक्षिकाओं के खाते में प्रतिमाह जल्द से जल्द वेतन भेजने के निर्देश हैं जिसके चलते प्रति माह 5 से 10 तारीख तक पूरे प्रदेश में शिक्षकों का वेतन उनके खातों में आ जाता है। पर कभी कभी बेसिक शिक्षा विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली की वजह से इन नियमों का पालन नहीं हो पाता ।
शिक्षकों का मानना है कि विलंब से वेतन मिलने से परिवार का पालन पोषण करने में दिक्कतें उठानी पड़ती हैं साथ ही बैंक में चल रही EMI पर पैनल्टी लगने से बहुत नुकसान उठाना पड़ता है।
यहाँ आपको यह जानना भी ज़रूरी है कि यूपी के 5 लाख से अधिक शिक्षकों का समय पर वेतन और एरियर नहीं मिल पाने की उनकी परेशानी को ‘पे रोल मॉडयूल’ लागू कर नए शैक्षणिक सत्र से दूर करने की बात कही गयी थी जिसमें अभी भी कार्य प्रगति पर ही बताया जा रहा है।
आपको बता दें कि आने वाले समय में अब सभी जिलों में शिक्षकों के लिये ‘पे रोल मॉडयूल’ लागू किया जा रहा है। इससे परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को न सिर्फ समय पर वेतन मिल सकेगा बल्कि छुट्टी में होने वाले खेल से भी निजात मिल सकेगी।
फिलहाल उत्तर प्रदेश के 200 ब्लॉकों में यह ‘पे रोल मॉडयूल’ लागू किया जा सका है। अब इसे सभी 822 ब्लॉको में लागू करने का फैसला लिया गया है। आमतौर पर शिक्षकों को वेतन महीने की 5 से 10 तारीख के बीच मिल पाता है। वेतन बनाने का काम ब्लॉक के खण्ड शिक्षा अधिकारी के स्तर पर होता है। शिक्षकों की उपस्थिति आदि के आधार पर BEO वेतन बिल वित्त व लेखाधिकारी के पास जमा करते हैं और इसके बाद ही वेतन जारी होता है।
शिक्षा विभाग में पिछले कुछ वर्षो में वेतन भुगतान समय पर हो इस पर विशेष जोर दिया जा रहा है। वेतन बिल एवं अन्य कार्य की समयसारिणी भी तय है।सेवानिवृत्त शिक्षकों को तो हर महीने एक से तीन तारीख के बीच ही भुगतान मिल जाता है, वहीं कार्यरत शिक्षकों को भी पहले सप्ताह में भुगतान दिए जाने के निर्देश हैं, लेकिन ग्रांट जारी न होना शासन स्तर की प्रक्रिया के अधीन है लेकिन सूत्रों का दावा है कि इसी सप्ताह शासन से ग्रांट जारी हो जाएगी क्योंकि विभाग की ओर से शासन से ग्रांट की मांग की जा चुकी है। परिषदीय शिक्षकों का पिछले 2020 अक्तूबर माह का वेतन भी ग्रांट न होने की वजह से अटक गया था।
माह अक्तूबर के वेतन के साथ मिलेगा बोनस
इस साल चार नवंबर को दिवाली मनाई जाएगी इसलिए यह उम्मीद की जा रही है कि बोनस का पैसा अक्टूबर की सैलरी के साथ ही देने का आदेश हो सकता है। पिछले साल कोरोना के कारण राजस्व में भारी कमी के बाद भी राज्य सरकार ने दीपावली से पहले राज्य कर्मियों को बोनस का तोहफा दिया था। पर अब तो पिछले साल के मुकाबले इस बार स्थितियां बहुत बेहतर है। हाल के दिनों में राज्य सरकार ने कर्मचारियों के फ्रीज डीए का भुगतान के साथ ही लाखों मानदेय कर्मियों के मानदेय को बढ़ाने का काम किया है। जिसे देखते हुए राज्य कर्मी यह मानकर चल रहे हैं कि दशहरा बीतते ही राज्य सरकार बोनस देने का आदेश भी जारी कर देगी। बोनस दिए जाने पर राज्य सरकार के खजाने से करीब 1000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। अधिकतम राशि करीब सात हजार रुपये तय होने का अनुमान है