कोरोना काल में निजी स्कूलों द्वारा ली गई फीस पर हाई कोर्ट द्वारा बड़ा आदेश दिया गया गया। जिसके चलते कोर्ट के आदेश से अभिभावकों को बड़ी राहत मिली है।
पूरे देश में कोरोना काल में जहां पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया वहीं देश में कोरोना काल के समय प्राइवेट स्कूलों के द्वारा ली गई स्कूल फीस को लेकर कई अभिभावकों की ओर से दाखिल याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। कोविड के दौर में पूरी स्कूल फीस भरने वाले माता-पिता को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने आदेश के तहत बड़ी राहत मिली है। इन सभी याचिकाओं पर 6 जनवरी को सुनवाई हुई थी और आज सोमवार 16 जनवरी को फैसला आया। ये आदेश राज्य के सभी स्कूलों पर लागू होगा।
अभिभावकों की ओर से दाखिल याचिकाओं पर आदेश देते हुए हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है कि साल 2020-21 में राज्य के सभी स्कूलों में ली गई कुल फीस पर 15% माफ किया जायेगा। हाईकोर्ट की डबल बेंच के जस्टिस मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और जे जे मुनीर द्वारा यह आदेश दिया गया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों को वर्ष 2020-21 में अभिभावकों द्वारा जमा कराई गई फीस का 15% माफ करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने स्कूल प्रबंधन को यह भी कहा कि ये 15% फीस का रिलेक्सेशन या तो स्कूल के आगामी सत्र में एडजस्ट की जाए या फिर वापस लौटाई जाए।
गौरतलब है कि वर्ष 2020-21 में कोरोना के कारण पूरे देश में लॉकडाउन लगा होने के कारण सभी स्कूल बंद रहे और स्कूलों द्वारा केवल ऑनलाइन पढ़ाई ही कराई गई बावजूद कई स्कूलो द्वारा पूरी फीस वसूली गई । इसी पूरी फीस लिए जाने के खिलाफ अभिभावकों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं।
अभिभावक याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता द्वारा याचिका में सुप्रीम कोर्ट की ओर से हाल ही में इंडियन स्कूल, जोधपुर बनाम राजस्थान सरकार के मामले में दिए फैसले का हवाला भी दिया। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बिना सेवा दिए फीस मांगना मुनाफाखोरी और शिक्षा का व्यवसायीकरण करने जैसा है।
हाईकोर्ट ने कहा कि 2020-21 में जब सुविधाएं नहीं दी गईं, तो फिर 2019-20 के स्तर की फीस नहीं ली जा सकती इसके अतिरिक्त 2020-21 में जो फीस ली गई होगी, उसमें से 15 फीसदी माफ होगा।
इसे ऐसे समझिए कि 2020-21 में आपने स्कूल में 5 हजार रुपये फीस जमा कराई थी, तो उसका 15% यानी 750 रुपये अगले सत्र में एडजस्ट किया जाएगा।
कहा गया कि 2020-21 में यदि बच्चा दूसरे स्कूल में चला गया तो ऐसे में उनको उनको 2020-21 में वसूली गई फीस का 15% काटकर वापस किया जाएगा फीस वापस लौटाने के लिए हाई कोर्ट ने स्कूलों को दो महीने का समय दिया है माना जा रहा है कि अगर इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती मिलती भी है तो भी याचिकाकर्ता अभिभावकों को वहां से झटका मिलने की गुंजाइश कम है।l
ऐसा इसलिए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने मई 2021 में इंडियन स्कूल, जोधपुर बनाम राजस्थान सरकार के मामले में फैसले में निजी स्कूलों को 2020-21 की फीस में 15% कटौती करने का आदेश दिया था।