राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। योग्य अभ्यर्थी 2 जनवरी 2022 तक आवेदन कर सकेंगे।
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने सीएसआईआर यूजीसी नेट एग्जाम 2022 के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू कर दी है। उम्मीदवार 02 जनवरी 2022 रात 11:50 बजे तक इस एग्जाम के लिए एप्लीकेशन फॉर्म भर सकते हैं। सीएसआईआर-यूजीसी नेट जून -2021 एग्जाम के ऑनलाइन आवेदन यूजीसी नेट की आधिकारिक वेबसाइट csirnet.nta.nic.in के माध्यम से कर सकते हैं।
एजेंसी द्वारा जारी नोटिस के अनुसार,
• फीस जमा करने की आखिरी तारीख 3 जनवरी, 2022 तक है। परीक्षा 29 जनवरी, 5 फरवरी और 6 फरवरी, 2022 को आयोजित की जाएगी।
• परीक्षा दो शिफ्ट में आयोजित की जाएगी – पहली शिफ्ट सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक और दूसरी शिफ्ट दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगी।
•एग्जाम, कंप्यूटर आधारित (CBT) होगा, जिसमें ऑब्जेक्टिव टाइप मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन पूछे जाएंगे। आवेदन करने का तरीका नीचे देख सकते हैं।
परीक्षा पैटर्न
● उम्मीदवारों के लिए इस परीक्षा में 200 नंबर निर्धारित किए गए हैं।
● परीक्षा के लिए कुल तीन घंटे का समय दिया जाता है।
● इस परीक्षा में कुल 120 प्रश्न पूछे जाते हैं।
● परीक्षा में तीन भाग पार्ट-A, पार्ट-B और पार्ट-C शामिल है।
● पार्ट-A में 20, पार्ट-B में 40 और पार्ट-C में 60 प्रश्न होते हैं।
● इस परीक्षा में प्रत्येक गलत उत्तर के लिए एक तिहाई (25%) अंक निगेटिव मार्किंग के तौर पर काटे जाएंगे।
हेल्पलाइन नंबर
किसी भी प्रश्न के मामले में, उम्मीदवार एनटीए हेल्प डेस्क को 011 40759000 पर कॉल कर सकते हैं या एनटीए को [email protected] पर लिख सकते हैं। उम्मीदवारों को सीएसआईआर नेट 2022 के लिए आवेदन पत्र भरने से पहले सूचना बुलेटिन में दी गई जरूरी जानकारी को सलाह दी जाती है
पीएचडी के लिए नेट अनिवार्य
अब पीएचडी में प्रवेश तथा उच्च शिक्षा के तहत प्राध्यापक की नौकरी आसान नहीं रही। यूजीसी की ओर से नए सत्र से पीएचडी में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) को अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में जहां पीएचडी में प्रवेश लेना कठिन होगा, वहीं बगैर नेट उत्तीर्ण पीएचडी कर रहे शोधार्थियों के लिए मुश्किलें भी बढ़ेंगी। हालांकि, यूजीसी के इस फैसले से उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के आसार जताये जा रहे हैं।
प्रवेश परीक्षा के आधार पर अभ्यर्थियों को मेरिट के तहत प्रवेशित कर लिया जाता था लेकिन एकाएक पीएचडी धारकों की संख्या में इजाफा होने तथा शोध परिणाम शून्य होने की दशा में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से नया नियम लागू कर दिया गया है। नए रेगुलेशन एक्ट के तहत अब पीएचडी में प्रवेश के लिए नेट परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। ऐसे में कहा जा सकता है, कि नींव मजबूत होगी तो उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। यूजीसी के इस फैसले को उच्च शिक्षा के पक्ष में बेहतर कहा जा सकता है।
28 विषयों पर चल रहे शोध कार्य
कुमाऊं विवि से कला, वाणिज्य व विज्ञान वर्ग के 28 विषयों पर चार हजार से अधिक शोधार्थी शोध कार्य कर रहे हैं। हर वर्ष करीब 10 हजार शोधार्थी प्रवेश के लिए काउंसिलिंग में शामिल होते हैं। तीन से चार हजार छात्रों को हर सत्र में प्रवेश दिया जाता है। व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर भी शोध करने वालों की संख्या कम नहीं है। इनमें से अधिकतर नेट परीक्षा उत्तीर्ण किये हुये नहीं होते हैं।