शिक्षक अभ्यर्थियों के द्वारा मांग की गई कि नई नियमावली को सरकार के द्वारा वापस लिया जाए। पिछले 4 सालों से वह नियुक्ति की राह देख रहे हैं अगर यह पहले हो गया होता तो अब तक वह पढ़ा रहे होते।
शिक्षक बहाली को लेकर जारी नई नियमावली के आने के बाद अभ्यर्थियों के द्वारा विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। सरकार द्वारा बनाई गई नियमावली को लेकर अभ्यर्थियों में रोष है।
जिला अध्यक्ष समरेंद्र बहादुर सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों शिक्षकों द्वारा आक्रोश मार्च निकाला गया।नाराज शिक्षकों ने नगरपालिका चौक पर नई शिक्षक भर्ती नियमावली की प्रतियां जलाई गई। इसके साथ ही साथ मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के खिलाफ हाय हाय के नारे भी लगाए गए।
गौरतलब है कि बिहार में कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णय के बाद शिक्षक बहाली को लेकर नई नियमावली पर मोहर लग गई जिसको लेकर शिक्षक अभ्यर्थियों में गुस्सा फूट पड़ा।
नियमावली वापस लेने की मांग करते हुए एसटीईटी (STET) पास शिक्षक अभ्यर्थियों ने 11 अप्रैल दिन मंगलवार को भारी संख्या में पटना के आरजेडी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया जिसके चलते आरजेडी दफ्तर के पास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई।
शिक्षक अभ्यर्थियों ने कहा कि नियुक्ति के लिए हम बार-बार परीक्षा क्यों दें? बिहार कैबिनेट द्वारा जिस नियमावली को मंजूरी दी गई काला कानून है। या नियमावली शिक्षक बहाली को फंसाने के लिए लाई गई है अभ्यर्थियों को ठगने का काम किया जा रहा है। सरकार ने वादाखिलाफी की है सरकार नई नियमावली को वापस ले। अभ्यर्थियों ने कहा हम सभी 2019 के क्वालीफाई अभ्यर्थी है अब तक हम लोगों की नियुक्ति हो जाना चाहिए थी मगर अब नई नियमावली आने के बाद हमें एक और परीक्षा से गुजरना पड़ेगा।
अभ्यर्थियों का कहना है कि शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए हम पिछले 4 सालों से नियुक्ति की मांग कर रहे हैं मगर सरकार ने नियुक्ति न देखकर एक नई नियमावली के तहत शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए एक अतिरिक्त परीक्षा पर मुहर लगा दी है। अगर अब तक नियुक्ति हो गई होती तो हम सभी स्कूल में शिक्षक के पद पर पढ़ा रहे होते।
क्या है नई नियमावली ?
बीते 10 अप्रैल दिन सोमवार को बिहार के सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक का आयोजन किया गया जिसमें बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली 2023 को मंजूरी मिली।
बिहार सरकार ने शिक्षक भर्ती के लिए नई नियमावली को 3 महीने के बाद मंजूरी दी जिसमें कहा गया शिक्षकों की नियुक्ति राज्यस्तरीय परीक्षा के माध्यम से होगी जो BPSC के माध्यम संपन्न कराई जाएगी।
इस परीक्षा में सीटीईटी, एसटीईटी और टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी अधिकतम 3 बार बैठ सकेंगे जिसके बाद वह बहाल शिक्षक सरकारी कर्मी कहलायेंगे इसके बाद इन्हें सरकारी कर्मियों की तरह अनुकंपा लाभ भी मिलेगा। बता दें कि नई नियुक्ति नियमावली आज से ही प्रभावी हो गई है।
परिवर्तन की आवश्यकता क्यों ?
बिहार सरकार का मानना है कि पंचायत और नियोजन इकाइयों के माध्यम से शिक्षक बहाली में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद इन शिक्षकों पर अनुशासनिक कार्रवाई में विभाग को काफी परेशानी होती थी लेकिन अब बीपीएससी से परीक्षा के आधार पर चयन होने से योग्य शिक्षक इस प्रक्रिया का हिस्सा बन सकेंगे।
क्या होगा पुराने नियोजित शिक्षकों का ?
बिहार के 4 लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों को BPSC द्वारा आयोजित परीक्षा में प्रतिभाग करने का मौका मिलेगा जिसमें उत्तीर्ण होने के बाद उन शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाएगा सरकार द्वारा दिए जाने वाले 3 मौके पर अगर अभ्यर्थी सफल नहीं होता तो बिना राज्य कर्मी का दर्जा दिए शिक्षकों को सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा।
बिहार सरकार के इस नई नियमावली आने के बाद अभ्यर्थियों पर आक्रोश उत्पन्न हो गया और उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन शुरू किया यह प्रदर्शन सोशल मीडिया के ट्विटर पर भी दिखाई दिया और नियमावली 23 वापस लो हैशटैग के साथ ट्रेंड हुआ।
ट्विटर पर कई शिक्षक अभ्यर्थियों ने ट्वीट करते हुए सरकार के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की। रेहान रजा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि शिक्षक भर्ती नियमावली को लेकर शिक्षकों में भारी आक्रोश
#नियमावली_23_वापस_लो
शिक्षक भर्ती नियमावली को लेकर शिक्षकों में भारी आक्रोश#नियमावली_23_वापस_लो pic.twitter.com/nyZ3MvheEh
— Rehan Raza (@rehan8344) April 11, 2023
सचिन कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि नेता के लिए भी नियमावली बननी चाहिए उसमे एक LET (Leader Eligibilty Test) हो उसके बाद आयोग द्वारा परीक्षा ली जाए। उस परीक्षा मे कोई नेता अधिकतम 3 बार ही बैठ सकता हो।
कैसा लगेगा आपको@yadavtejashwi जी ।
गीता रानी ने लिखा कि नियमावली_23_वापस_लो ।सरकार ने केवल ठगने का काम किया है। यह 2025 तक इसे खींच कर ले जाने का बहाना चाहिए। परीक्षा देने से कोई नही घबरा रहा। सरकार में बैठे लोग शिक्षा बजट के पैसे से अपने ऐशो आराम करें।अब केवल कैंडिडेट ही नही अब इसमें छात्रों को भी आंदोलन से जोड़ो।
सूरज कुमार गुप्ता नाम के यूजर ने लिखा कि
#नियमावली_23_वापस_लो @yadavtejashwi @NitishKumar @officecmbihar pic.twitter.com/5ChUn67iKO
— Suraj Kumar Gupta (@surajskgupta) April 12, 2023