आज हम यहां आपको यूपी टीजीटी के शिवराज विजय के प्रथम निश्वास के 77 उन प्रश्नों के उत्तर पीडीएफ के साथ संकलित कर रहे हैं जो प्रतियोगी परीक्षा में पूछे गए हैं…
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1. ‘शिवराजविजय’ का मंगलाचरण-
(a) अंबिकादत्त व्यास द्वारा लिखा गया है।
(b) महाभारत से उद्धृत किया गया है।
(c) श्रीमद्भगवद्गीता से उद्धृत किया गया
(d) श्रीमद्भागवतपुराण से उद्धृत किया गया है।
T.G.T. परीक्षा, 2005
उत्तर- (d)
“शिवराजविजय’ का मंगलाभागवतपुराण से उद्धृत किया गया है। ग्रंथकार अम्बिकादत्त व्यास ने सर्वप्रथम ‘शिवराजविजय’ के मंगलाचरण में भागवतपुराण के दो सूक्तियों को समुद्धृत किया है।प्रथम सूक्ति शुक परीक्षित परिसंवाद के अवसर पर दुर्विनीत अन्यायी राजाओं के भारबाहुल्य से सम्पीडित धरा के दुःखमोचन हेतु ब्रह्मा द्वारा विनिर्दिष्ट उपायभूत है। संपूर्ण श्लोक इस प्रकार है-
‘विष्णोर्माया भगवती यया सम्मोहितं जगत्।
आदिष्टा प्रभुणांशेन कार्यार्थे सम्भविष्यति ।।
इसमें भगवान् विष्णु की मायाशक्ति का प्रभाव वर्णित है। प्रारम्भ में विष्णु के नामग्रहण से मङ्गलाचरण का भी सूचक है। भगवती शब्द से सर्वविध ऐश्वर्य समन्विता और सकलगुणसम्पन्नता अभिप्रेत है।
द्वितीय सूक्ति में बालकरूप में भगवान् श्रीकृष्ण के द्वारा चक्रवात रूप धारण करने वाले तृणावर्त नामक दैत्य के विनाश के अनन्तर, प्रसन्नचित्त नन्द आदि गोप-गोपिकाओं के मुखारविन्द से समुच्चरित है। पूरा श्लोक
इस प्रकार है-
‘अहो बतात्यद्भुतमेष रक्षसा बालो निवृत्तिं गमितोऽभ्यगात् पुनः ।
हिस्स्रः स्वापापेनविहिंसितः खलः साधुः समत्वेन भयादविमुच्यते ॥ |
यह सूक्ति भविष्य में होने वाले ग्रन्थ नायक शिवराज के विजय और यवन- शासक के विनाश को भी संसूचित करती है।
2. ‘शिवराजविजय’ के रचनाकार हैं-
(a) बाणभट्ट
(b) दण्डी
(c) पण्डिता क्रोधावेश
(d) पंडित अंबिकादत्त व्यास
T.G.T. परीक्षा, 2011
उत्तर : (d)
आधुनिक युग के प्रमुख गद्य कवि पण्डित अम्बिकादत्त व्यास ने ‘शिवराजविजय’ वीर रस मुख्य गद्यकाव्य की रचना की है। उनकी अन्य प्रमुख रचनाएँ हैं- अवतार मीमांसा कारिका, कथाकुसुम, गुप्ति प्रदर्शनम्, दुःखद्रुमकुठारः, धर्मधर्मशुद्धकलम्, पातञ्जल प्रतिबिम्बम्, प्राकृत विचित्रशब्दार्थ कोश:, बालव्याकरणम्, मित्रपातः, संस्कृताभ्यास पुस्तकम्, सहस्र नामारामायणम् सांख्य सागर सुधा और सामवञ्च।
3. ‘शिवराजविजय’ के रचयिता हैं-
(a) अंबिकादत्त व्यास
(b) कालिदास
(c) भभूति
(d) दण्डी
T.G.T. परीक्षा, 2005
उत्तर- (a)
4. ‘शिवराजविजय’ के लेखक हैं-
(a) अम्बिकादत्त व्यास
(b) दण्डी
(c) कालिदास
(d) सुबन्धु
T.G.T. परीक्षा, 2001
उत्तर- (a)
5. ‘शिवराजविजय’ काव्य का प्रारम्भ होता है-
(a) सूर्योदय वर्णन से
(b) कोंकण यात्रा से
(c) रघुवीर सिंह की तोरणदुर्ग यात्रा से
(d) हनुमान मन्दिर के वर्णन से
T.G.T. परीक्षा, 2003
उत्तर- (a)
‘शिवराजविजय’ काव्य का प्रारम्भ सूर्योदय वर्णन (प्रातः) से होता है। इस गद्यकाव्य के प्रारम्भ में कहा गया है कि ‘अरुण एष प्रकाश: पूर्वस्यां भगवतो मरीचिमालिनः ।’ अर्थात पूर्व दिशा में भगवान सूर्य का यह लाल प्रकाश है। ‘अरुण’ शब्द से कथा का प्रारम्भ करके उसे मङ्गल सूचित किया है-‘अकारोवासुदेवः’ कथा के प्रारम्भ में सूर्य के प्रकाश के रूप वस्तु निर्देशात्मक मङ्गलाचरण किया गया है।
6.‘शिवराजविजय’ गद्यकाव्य का आरम्भ होता है-
(a) शिवाजी की शूरता के वर्णन से
(b) सूर्योदय वर्णन से
(c) गौरसिंह के वर्णन से
(d) अफजल खाँ के वर्णन से
G.I.C. परीक्षा, 2009
उत्तर-(b)
7.‘शिवराजविजय’ के कथानक के प्रारम्भ का काल है-
(a) रात्रि
(b) प्रातः
(c) मध्याह्न
(d) सायं
T.GT. परीक्षा, 2004, 2009
उत्तर-(b)
8. ‘शिवराजविजय’ काव्यस्य समारम्भो भवति-
(a) शिवराज-वर्णनेन
(b) गौरसिंह-वर्णनेन
(c) सूर्योदय-वर्णनेन
(d) अफजलखान वर्णनेन
GGI.C. परीक्षा, 2015
उत्तर-(c)
9. पण्डित अम्बिकादत्त व्यास की अन्य रचनाओं में शामिल है-
(a) बिहारी-बिहार
(b) सामवत (नाटक)
(c) शिव विवाह
(d) भारत-भारती
T.G.T. परीक्षा, 2011
उत्तर-(b)
पण्डित अम्बिकादत्त व्यास की अन्य रचनाओं में ‘सामवतम्’ नाटक शामिल है। ‘सामवतम्’ नाटक को संवत् 1945 में मिथिलेश्वर को समर्पित करने के बाद ही शिवराजविजय की रचना आरम्भ कर दी और संवत् 1950 में उसे पूरा कर दिया। संवत् 1952 में बिहारी के दोहों पर आधारित कुण्डलियों में रचित बिहार-विहार की रचना की।
10. पण्डित अम्बिकादत्त व्यास की जन्मभूमि है-
(a) जयपुर
(b) प्रयाग
(c) पटना
(d) काशी
T.G.T. परीक्षा, 2005
उत्तर- (a)
आधुनिक संस्कृत रचनाकारों में सर्वाधिक ख्यातिप्राप्त एवं अलौकिक प्रतिभासम्पन्न साहित्याचार्य श्री अम्बिकादत्त व्यास जी हैं। आपने ‘बिहारी विहार’ में संक्षिप्त निज – वृतान्त स्वयं लिखा है। जिसके अनुसार राजस्थान में जयपुर से करीब 22 मील पूर्व की ओर रावत जी का चूला’ नामक अत्यन्त प्रसिद्ध गाँव है। राजा मानसिंह के दूसरे पुत्र दुर्जन सिंह ने धूला को ही अपने राज्य की राजधानी बनाया। इसी ठाकुर वंश में आगे चलकर | राजा दलेल सिंह हुए। इनके राज्य सभा पण्डित श्री गोविन्द रामजी थे। आप के प्रपौत्र पण्डित राजारामजी के दो पुत्र थे – दुर्गादत्त और देवीदत्त। पण्डित अम्बिकादत्त व्यास के पिता का नाम दुर्गादत्त था। वे कभी जयपुर में रहते थे, कभी बनारस व्यासजी का जन्म जयपुर में ही चैत्र शुक्ल अष्टमी संवत् 1915 में हुआ तथा बयालीस वर्ष की अवस्था में ही ‘महाकवि का सम्मान प्राप्त कर व्यासजी सोमवार, मार्ग शीर्ष त्रयोदशी, संवत् 1957 को अपने पीछे एक नववर्षीय पुत्र, एक कन्या और विधवा पत्नी को असहाय । छोड़कर पञ्चतत्व को प्राप्त हो गए किन्तु इनका यशः शरीर अजर और अमर है।
11. ‘शिवराजविजय’ के रचयिता को किस सम्मान से विभूषित किया गया था?
(a) नाइट
(b) घटिकाशतक
(c) लॉर्ड
(d) पुरुषोत्तम
T.G.T. पुनर्परीक्षा, 2004
उत्तर-(b)
शिवराजविजय के लेखक अम्बिकादत्त व्यास थे। वे कविता कला में इतने प्रवीण थे कि एक घड़ी (24 मिनट) में सौ श्लोकों की रचना कर सकते थे। सौ प्रश्नों को एक साथ ही सुनकर उन सभी का उत्तर उसी क्रम में देने की अद्भुत क्षमता थी। इसीलिए इन्हें ‘शतावधान’ तथा ‘घटिकाशतक’ की उपाधि मिली थी। लगभग 12 वर्ष की अवस्था में व्यासजी ने धर्मसभा की परीक्षा में पुरस्कार प्राप्त किया और श्री तैलंग अष्टावधान के ‘सुकविरेषः ” कहने पर भारतेन्दुजी ने ‘काशीकविता वर्द्धिनी सभा’ की ओर से इन्हें ‘सुकवि’ की उपाधि प्रदान की। अन्त में काशी की महासभा में इन्हें ‘भारतरत्न’ की उपाधि मिली। संवत् 1937 में इन्होंने साहित्याचार्य की परीक्षा उत्तीर्ण की और संवत् 1938 में काशी ब्रह्मामृतवर्षिणी सभा की ओर से इन्हें ‘घटिकाशतक’ उपाधि प्रदान की गई।
12. ‘घटिका-शतक’ की उपाधि से विभूषित किये गये-
(a) बाणभट्ट
(b) भर्तृहरि
(c) अंबिकादत्त
(d) कालिदास
T.GT. परीक्षा, 2010
उत्तर-(c)
13. पण्डित अम्बिकादत्तव्यास को निम्नलिखित में से किस उपाधि से विभूषित नहीं किया गया है?
(a) घाटिकाशतक
(b) साहित्यकार
(c) शतावधान
(d) मीमांसक
T.G.T. परीक्षा, 2013
उत्तर- (d)
14. ‘रात्रिर्गमिष्यति भविष्यति सुप्रभातम्’ पद्यांश का संबंध किस रचनाकार से है?
(a) भर्तृहरि
(b) अंबिकादत्तव्यास
(c) भवभूति
(d) भारवि
P.GT. परीक्षा, 2010
उत्तर-(b)
‘रात्रिर्गमिष्यति भविष्यति सुप्रभातम्’ पद्यांश का संबंध रचनाकार अंबिकादत्त व्यास से है। विशेष रूप से पद्यांश शिवराजविजय के द्वितीय विश्वास से उद्धृत है।
15. ‘शिवराजविजय’ रचना के नायक हैं-
(a) महाराष्ट्र केसरी शिवाजी
(b) शिवजी
(c) अवरङ्गजीव (औरंगजेब)
(d) अफजल खान
T.G.T. परीक्षा, 2011
उत्तर – (a)
‘शिवराजविजय रचना के नायक महाराष्ट्र केसरी शिवाजी हैं और प्रतिनायक औरंगजेब हैं।
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