उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित बेसिक शिक्षा के 45 हजार से अधिक उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 2017 से कार्यरत शारीरिक शिक्षा विषय के 32 हजार से अधिक अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती का विवाद तकरीबन 3 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में वापस भेज दिया।
बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनुदेशकों की भर्ती निरस्त करने का आदेश दिया गया था जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने यह कहकर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया कि याचिकाकर्ता नए सिरे हाई कोर्ट में जाकर अपनी सुनवाई करवा सकते हैं साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाईकोर्ट में सभी लंबित याचिकाओं को जल्द सुनवाई करने के लिए कहा है।
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सितंबर 2016 में तत्कालीन समाजवादी पार्टी की अखिलेश सरकार ने शारीरिक शिक्षा व खेलकूद के 32022 अंशकालिक अनुदेशकों का नोटिफिकेशन निकालकर भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी जिसमें कहा गया था कि अनुदेशकों को 11 माह के अनुबंध पर 7000 मानदेय के साथ नियुक्ति दी जाएगी।
अनुदेशकों की भर्ती का नोटिफिकेशन आने के बाद उत्तर प्रदेश भर से तकरीबन 1,53,739 बीपीएड, डीपीएड और सीपीएड डिग्रीधारियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। मगर 2017 में हुए विधानसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आ गई और 23 मार्च 2017 को योगी सरकार ने भर्ती प्रक्रिया पर ही रोक लगा दी।
योगी सरकार द्वारा अनुदेशकों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने के खिलाफ अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी जिसमें तीन नवंबर 2017 को हाईकोर्ट ने पूरी भर्ती को 2 महीने में पूरी करने का सरकार को आदेश दिया जिसके बाद यूपी की योगी सरकार ने भर्ती शुरू करने की बजाय हाईकोर्ट में स्पेशल अपील दायर कर दी।
लेकिन एक बार फिर मजे की बात यह रही कि हाईकोर्ट ने 12 अप्रैल 2018 को सरकार की उस स्पेशल अपील को खारिज कर दिया और पुनः अनुदेशकों को दो महीने में नियुक्ति का आदेश दिया था। सरकार यहां भी नहीं मानी और हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चली गई।
गौरतलब है कि 5 अगस्त 2019 को अनुदेशक भर्ती की पहली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई। अनुदेशक भर्ती की सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे बीपीएड बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष धीरेन्द्र यादव ने कोर्ट पर भरोसा जताते हुए कहा कि इस लड़ाई को हम जीतेंगे क्योंकि कानून पर हमें पूरा भरोसा है उन्होंने आश्वस्त होते हुए कहा कि 32022 अनुदेशक भर्ती निरस्त करने के सरकार के फैसले को हाईकोर्ट में नए सिरे से चुनौती देंगे।
उर्दू शिक्षकों का मामला भी पहुंचा हाईकोर्ट
10 नवंबर को की गई सुनवाई में सर्वोच्च न्यायालय ने एक और जहां 32022 अनुदेशकों की भर्ती को हाईकोर्ट में वापस भेजा वहीं उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में उर्दू विषय के तकरीबन 4 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती का मामला भी सुप्रीम कोर्ट ने वापस हाईकोर्ट में भेज दिया। बता दें कि पिछले 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उर्दू शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी यह भर्ती भी सत्ता परिवर्तन के बाद 23 मार्च 2017 को रुक गई थी।