72825 न्यू एड की जमीनी स्तर से लेकर हाई कोर्ट से होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक की लड़ाई लड़ने वाले और न्यू ऐड की लड़ाई को हाई कोर्ट में पुनः शुरुआत करने वाले बीएड टेट 2011 बेरोजगार अचयनित एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने संगठन के द्वारा 72825 न्यू एड की शिक्षक भर्ती को अभी भी जीवित रखा है।
संघ के अध्यक्ष सुनील यादव ने विधानसभा चुनाव में न्यू एड शिक्षक भर्ती को जीवन दान देने के लिए इसी शिक्षक भर्ती के जन्म कार तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पार्टी का भरपूर साथ दिया था मगर समाजवादी पार्टी विधानसभा चुनावों में हार गई और न्यू एड का मुद्दा थम गया।
इससे पहले बेरोजगार संगठन के अध्यक्ष सुनील यादव ने न्यू ऐड पर शिक्षक भर्ती के लिए लखनऊ के इको गार्डन में हजारों अचयनितों के साथ बहुत बड़ा आंदोलन भी किया था जिसमें पूरे उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों से बीएड अभ्यर्थियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था।
न्यू शिक्षक भर्ती में जान फूंकने वाले सुनील यादव ने अपने नेतृत्व में किए गए सभी आंदोलनों का बखूबी नेतृत्व किया मगर सरकारों के बीच राजनीतिक विद्वेष के चलते न्यू एड शिक्षक भर्ती अपने गंतव्य पर नहीं पहुंच सकी।
इको गार्डन में हुए आंदोलन की भयावहता को देखते हुए योगी सरकार ने आंदोलन को खत्म करने के लिए तब अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज करवा दिया जब वह शांतिपूर्ण लखनऊ की सड़कों पर पैदल मार्च कर रहे थे। इस लाठीचार्ज में कई अभ्यर्थियों को गहरी चोट लगी जिसमें महिला अभ्यर्थी भी शामिल थी। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस आंदोलन में मेल अभ्यर्थियों के साथ ऐसी कुछ फीमेल अभ्यर्थियों ने भी प्रतिभाग किया था जो गर्भवती थी।
इसके अलावा सुनील यादव ने संगठन के अपने साथियों के साथ तकरीबन हर पार्टी के अध्यक्षों से मुलाकात कर अपनी पीड़ा व्यक्त की मगर पीड़ा तो पीड़ा के रूप में बनी रही उसका इलाज नहीं हो पाया।
बता दें कि न्यू ऐड शिक्षक भर्ती का मुद्दा पिछले 10 वर्षों पुराना है मेरे आज भी इस मुद्दे को जीवंत रखने के लिए सबसे बड़ा रोल अध्यक्ष सुनील यादव का रहा। सुनील यादव के साथ हजारों ऐसे अचयनित सदस्य हैं जिनका सपोर्ट संगठन को मजबूती प्रदान करता है।
यूपी सरकार ने कोर्ट में बोला था झूठ: सुनील यादव
न्यू एड शिक्षक भर्ती के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले संगठन के अध्यक्ष सुनील यादव अचयनितों के लिए बहुत बड़ी आशा के रूप में खड़े हैं। पिछले कुछ दिनों पहले सुनील यादव ने अपने साथियों से कहा कि सुप्रीम कोर्ट में हमारे केस की याचिका को फीस वापसी की बात को कहते हुए खारिज कर दिया गया था जो कि 100% असत्य है।
न्यू ऐड का केस अब भी है बहुत स्ट्रांग
प्रदेश में ऐसा कोई अभ्यर्थी नहीं जो इस बात का प्रूफ दे सके कि सरकार द्वारा फीस वापसी की गई है। संगठन के साथ लड़ने वाले सभी अभ्यर्थियों को एक दिन जरूर लाभ पहुंचेगा। अगर अब किसी को लगता है कि सरकार द्वारा फीस वापसी का आदेश देकर फीस वापस करके न्यू ऐड पर ब्रेक लगा सकती है तो ऐसा कैसे संभव होगा। फीस वापसी के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट अपनी मुहर लगा चुका है।जहां आदरणीय कपिल सिब्बल सर की बेहतरीन दलालों के बाद एक झूठा आर्डर थमा दिया गया हमें कि फीस वापिस हो चुकी है।
न्यू ऐड की लड़ाई सबसे अलग
सुनील यादव ने कहा कि हमारा संगठन किसी को भी कोर्ट की लड़ाई लड़ने के लिए नहीं रोकता। मगर ऐसे मुद्दों को ले जाकर कोर्ट में क्या लड़ना जो टेबल पर जाकर तुरंत खारिज हो जाए। न्यू ऐड की लड़ाई इसलिए सबसे अलग है।
वक्त आने दीजिये ये सारी बातें काम आयेंगी संगठन चाहता है माननीय हाईकोर्ट हमारे मुद्दे पर कल निर्णय कर दें लेकिन जिस देश में करोड़ों केस पेंडिंग हैं वहां संगठन कोशिश शीघ्र निस्तारण पर है।
सुनील यादव की अपील
मेरा पुनः सभी साथियों से हाथ जोड़कर अपील अपने अपने कार्यों परिवार के प्रति जिम्मेदारी को निभाते रहें सिर्फ समय मिलने पर सोशल मीडिया से सपोर्ट करते रहें अब आपको कुछ नहीं करना है,न ही धन खर्च करना है कहीं, संगठन के जिम्मेदार साथियों पर भरोसा रखें वो बखूबी लड़ेंगे और लड़ेंगे तभी जीतेंगे।
सुनील यादव का सोशल मीडिया पर संबोधन
सुनील यादव ने हाल ही में सोशल मीडिया पर सभी अभ्यर्थियों के लिए किया था संबोधित, क्या कहा सुनिए
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इसके अलावा सुनील यादव ने नई जानकारी देते हुए कहा कि पिता तुल्य राकेश मिश्रा अंकल द्वारा उन्हें न्यू ऐड शिक्षक भर्ती में कोर्ट के लिए महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं जो उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में सन 2016 में याचिका में पेश किए थे। संगठन की ईमानदारी की लड़ाई को देखकर पूरी फाइल उन्होंने संगठन को सौंप दी है। उनके द्वारा अधिवक्ताओं से ली गई सलाह के आधार पर महत्वपूर्ण बिंदुओं को हमारे साथ साझा किया जो न्यू एड की लड़ाई में शामिल किए जाएंगे।
सुनील यादव ने कहा कि केस को लेकर कोई शिथिलता नहीं होगी संगठन के द्वारा भरोसा रखें अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों को पूरा करते रहें जो रिटों में शामिल साथी हैं विनम्रता पूर्वक दोहराता हूँ आपके कारण लड़ पा रहे हैं समय लग सकता है इस न्याययिक प्रकिया में इसके सहारे कोई काम न रोकें बल्कि गौरव का अनुभव करें कि आप इतने वर्षों बाद भी इस संघर्ष को जिंदा किये हैं।