गौरतलब है कि परिषदीय विद्यालयों में फरवरी व मार्च के महीने में वेतन के भुगतान में विलंब होता है जिसमें टैक्स की प्रक्रिया गतिमान होती है और वेतन से टैक्स का डिडक्शन होता है पर इसके अलावा वेतन का भुगतान विलंब होने में ग्रांट का न होना भी शामिल है।
आगामी 13 नवंबर से विद्यालयों में दीवाली का अवकाश हो रहा है जो गोवर्धन पूजा के साथ भाई दूज को 16 नवंबर तक चलेगा । मतलब अब केवल अगके 3 दिन 10 ,11 या 12 नवंबर तक का समय बचा है।ऐसे में गैर जनपद में रहने वाले शिक्षक 12 नवंबर को स्कूल करने का बाद अपने घरों को प्रस्थान करेंगे।कुल मिलाकर 10 और 11 नवंबर के दो दिन ही बचते हैं जिसमें त्योहारों की खरीदारी सम्भव है ।
दीवाली की पूजा साल की सबसे बड़ी पूजा मानी जाती है ऐसे में वेतन न होने पर त्योहार पर खासा फ़र्क़ पड़ेगा।फ़िलहाल देखना अब ये है कि शिक्षकों को 12 तक वेतन मिल पाता है या नहीं।
वेतन कब तक आने की चर्चा हांलांकि शिक्षक आपस में सोशल मीडिया पर करते रहते हैं पर कोई पक्की जानकारी न होने के कारण किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाते।
कई शिक्षकों का कहना है कि प्रपत्र-9 (पावना) प्रत्येक माह की 20 तारीख़ से अगले माह की 20 तारीख तक का बनता है ऐसे में ग्रांट की व्यवस्था को लेकर विभाग को पहले से मुस्तैद रहना चाहिए था अब चूँकि कई त्योहार आने वाले है जिसमें खासा ख़र्च आता है तो अब तक ग्रांट आ जानी चाहिए थी । सभी शिक्षकों के 20 अक्तूबर तक के बिल तैयार हैं,ऐसे में अब तक समय रहते ग्रांट की मांग कर वेतन भुगतान हो जाना चाहिये था।
शिक्षकों को समय पर वेतन मिलना जरूरी
दरअसल शिक्षकों को समय पर वेतन मिलना इसलिए जरूरी है क्योंकि प्रदेश में हजारों ऐसे शिक्षक हैं जो बैंकों से लोन लिए हुए हैं। वेतन में विलंब होने की वजह से बैंकों में इनके चेक बाउंस हो जाते हैं जिसके चलते कठोर कानूनी प्रक्रियाओं के दौर से गुजरना पड़ता है।