सैलरीड क्लास की वित्त मंत्री से आस है कि कुछ ऐसे कदमों का एलान करें जिससे घरों में ज्यादा इनकम आए और लोगों के पास पैसा बचे। साथ ही कोविड महामारी के दौरान लोग इस समय सरकार से ज्यादा से ज्यादा राहत की उम्मीद कर रहे हैं और बजट से उनकी ये उम्मीदें हैं।
Tax Exemption In Budget : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2022 को आम बजट पेश करेंगी। इस बार वह चौथी बार बजट पेश करेंगी। विधानसभा के मद्देनजर नौकरीपेशा कर्मचारियों की निगाहें इस बार के बजट पर होंगी।
माना जा रहा है कि राज्यों के वित्त मंत्री के सामने बजट से जुड़ी अपनी मांगों को रखेंगे। वित्त मंत्री की राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठक आमने सामने बैठकर होगी।
Union Finance Minister Smt. @nsitharaman will chair the Pre-Budget meeting for upcoming #UnionBudget 2022-23 with Finance Ministers of all States and Union Territories (with legislature) in Vigyan Bhawan in New Delhi tomorrow, i.e. 30th December 2021. pic.twitter.com/UTSaUaM4VN
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) December 29, 2021
◆ नौकरी पेशा लोगों के लिए बजट
● स्टैंडर्ड डिडक्शन
सैलरीड क्लास स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट 50,000 से बढ़ाने की मांग भी की जा रही है। इसके अलावा 5 लाख रुपये तक की आय तक वालों को जो 12,500 रुपये की टैक्स राहत दी जा रही है उसकी भी लिमिट बढ़ाने की आस सैलरीड क्लास लगाए बैठा है।
● बढ़ सकती है टैक्स छूट की लिमिट
अभी टैक्स छूट की लिमिट ढाई लाख रुपये है। पिछले करीब 8 साल से इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। इससे पहले टैक्स छूट की लिमिट को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये किया गया था। टैक्सपेयर्स की तरफ से इस छूट को ढाई लाख से बढ़ाकर पांच लाख करने की मांग की जा रही है लेकिन उम्मीद है कि सरकार इसे बढ़ाकर तीन लाख कर सकती है। वैसे भी इस बार यूपी जैसे बड़े राज्य में विधान सभा चुनाव हैं तो सरकार नौकरीपेशा को खुश कर सकती है।
इसके अलावा इस बार के बजट में लिमिट को बढ़ाकर डेढ़ से दो लाख रुपये तक किए जाने की उम्मीद है।अभी इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत डेढ़ लाख रुपये तक की छूट का प्रावधान है। 2014 में इसे बढ़ाकर एक से डेढ़ लाख किया गया था। नौकरीपेशा का टैक्स बचाने के लिए यह सेक्शन सबसे अहम होता है।
● आ सकता है टैक्स फ्री FD का फार्मूला
इंडियन बैंक एसोसिएशन की तरफ से मांग की गई है कि टैक्स फ्री FD का लॉक-इन पीरियड 5 साल से घटाकर 3 साल किया जाए। बैंकों ने ब्याज दरें भी कम कर दी हैं। PPF पर ब्याज दर FD की तुलना में बेहतर है। ऐसे में लोग FD में कम निवेश कर रहे हैं। निवेशक म्यूचुअल फंड और शेयर्स का भी रुख कर रहे हैं। ऐसे में टैक्स सेवर FD में 3 साल वाली FD को शामिल किया जा सकता है।
● आयकर स्लैब में किसी बदलाव की उम्मीद नहीं
सैलरीड क्लास वित्त मंत्री से आयकर स्लैब में बदलाव की मांग कर रहे है लेकिन ये पिछले कई सालों से बढ़ाई नहीं गई है। इस साल भी इसमें किसी बदलाव की संभावना नहीं लग रही है।