आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के विभिन्न बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटाने की मांग संबंधी दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। कोर्ट ने इस मामले में केन्द्र, हरियाणा, यूपी, दिल्ली और पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया था।सुप्रीम कोर्ट ने आज किसान आंदोलन के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए कहा कि किसानों को आंदोलन करने का अधिकार है किसानों को विरोध जारी रखा जाना चाहिए लेकिन ‘हमें यह देखना होगा कि किसान अपना प्रदर्शन भी करे और लोगों के अधिकारों का उल्लंघन भी न हो साथ ही आंदोलन के द्वारा दिल्ली को ब्लॉक नहीं किया जा सकता है।उन्होंने कहा कि कोई भी विरोध तब तक संवैधानिक है जब तक कि वह किसी संपत्ति को नष्ट नहीं करता और किसी के जीवन को खतरे में नहीं डालता।
हम किसानों की दुर्दशा से परिचित हैं। हम किसानों के साथ पूरी सहानुभूति रखते हैं। किसानों को केवल विरोध प्रदर्शन के तरीके को बदलना होगा। चीफ जस्टिस एसए बोबडे।ने कहा कि इस मामले को एक समिति को सौंप दिया जाना चाहिए।समिति में कृषि की जानकारी रखने वाले स्वतंत्र सदस्य होने चाहिए जो कि दोनों पक्षों को सुनें और जो किया जाना है उस पर रिपोर्ट दें। कोर्ट ने कहा कि विरोध हिंसा के बिना जारी रह सकता है और पुलिस कुछ भी नहीं करेगी।
CJI ने अटॉर्नी जनरल से पूछा कि क्या केंद्र इस बात को आश्वस्त कर सकता है कि मामले की सुनवाई होने तक कानून लागू नहीं होगा। इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि यह कठिन होगा।अटॉर्नी जनरल ने कहा कि वह निर्देश लेने के बाद जवाब देंगे।
सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट में कहा कि आंदोलनकारी फेस मास्क नहीं पहन रहे हैं। कोरोना संक्रमण के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है जो कि चिंता का विषय है क्योंकि जब ये लोग गांव जाएंगे तो वहाँ भी संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है कोई भी आदमी किसी दूसरे के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं कर सकता है और स्वास्थ्य सभी का मौलिक अधिकार है।
बता दें कि आज आप आप आदमी पार्टी के विधायक महेंद्र गोयल नें केंद्र सरकार के कृषि कानून को दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में फाड़ दिया। बिल को फाड़ते वक्त विधायक ने कहा मैं काले कानूनों को मानने से अस्वीकार करता हूँ जो कि किसानों के खिलाफ हैं।
वहीं, बीकेयू के राकेश टिकैत ने कहा कि हमने रास्तों को ब्लॉक नहीं किया है,बैरिकेड पुलिस ने लगा रखे हैं। सुप्रीम कोर्ट की ये बात ठीक है कि मामले का जल्द समाधान होना चाहिए। हमें बुलाया जाता है तो हम जाएंगे। सरकार कानून में संशोधन की बात कहती है लेकिन हम चाहते हैं कि इन कानूनों को वापिस लिया जाए।
सीजेआई ने सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील को इंतजार करने और हस्तक्षेप न करने के लिए कहा।दिल्ली सरकार के वकील ने कोर्ट से कहा कि किसानों के हितों की रक्षा की जानी चाहिए। इस पर CJI ने दिल्ली सरकार के वकील से कहा कि हम आपको प्रभावित करने वाला कोई आदेश नहीं दे रहे हैं। इसलिए हम आपको नहीं सुन रहे हैं।