नारी शक्ति वंदन अधिनियम: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि महिलाओं के लिए विधानसभा और लोकसभा में 33% आरक्षण सुनिश्चित कराने का प्रस्ताव अब संसद में आकार ले रहा है। यह लैंगिक न्याय के लिए हमारे समय की सबसे परिवर्तनकारी पहल होगी।
उन्होंने कहा कि हमने स्थानीय निकाय चुनाव में महिलाओं के लिए न्यूनतम 33% आरक्षण सुनिश्चित किया। राज्य विधानसभाओं और राष्ट्रीय संसद में महिलाओं के लिए समान आरक्षण प्रदान करने का प्रस्ताव अब आकार ले रहा है। लैंगिक न्याय के लिए यह हमारे समय की सबसे परिवर्तनकारी क्रांति होगी
महिला आरक्षण बिल पर BSP प्रमुख मायावती ने कहा कि इस बिल के मुताबिक आने वाले 15-16 सालों में देश में महिलाओं को आरक्षण नहीं दिया जाएगा। इस बिल के पास होने के बाद इसे तुरंत लागू नहीं किया जा सकेगा। सबसे पहले देश में जनगणना कराई जाएगी और इसके बाद सीटों का परिसीमन किया जाएगा। जनगणना में काफी समय लगता है…
इसके बाद ही यह बिल लागू होगा… इससे साफ है कि यह बिल महिलाओं को आरक्षण देने के इरादे से नहीं लाया गया है बल्कि आगामी चुनाव से पहले महिलाओं को प्रलोभन देने के लिए लाया गया है।
महिला आरक्षण बिल पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और HAM(S) नेता जीतन राम मांझी ने कहा कि ये बिल पहले आना चाहिए था। नरेंद्र मोदी की स्पष्टता और नारियों के प्रति सम्मान के चलते वे बिल लाए हैं। ये बिल पारित होगा…
JDU ने इसका समर्थन किया है, इसके लिए उन्हें धन्यवाद। राबड़ी देवी से मैं यही कहना चाहता हूं कि वे पति-पत्नी 15 साल (शासन में) थे, उन्होंने महिला आरक्षण के लिए क्या किया था?
समाजवादी पार्टी सांसद डिंपल यादव ने कहा कि सपा की हमेशा से मांग रही है कि पिछड़ा वर्ग महिला तथा अल्पसंख्यक महिला को नारी शक्ति वंदन अधिनियम में शामिल किया जाए और इसमें उनको आरक्षण दिया जाए।
लोकसभा और विधानसभा में यह महिला आरक्षण बिल तो लागू होगा लेकिन हम पूछना चाह रहे हैं कि राज्यसभा और विधान परिषद में लागू होगा कि नहीं? आने वाले चुनाव में यह लागू हो पाएगा की नहीं और 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में ये लागू हो पाएगा की नहीं? सवाल ये भी है कि जनगणना कब होगा और परिसीमन कब होगा?
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने राजस्थान में कहा कि बीजेपी मुद्दों से भटकाने की कोशिश करती है…लोगों को गुमराह करने के लिए तरह-तरह के मुद्दे उठाती है ताकि वे सवाल न पूछ सकें…अभी वे महिला आरक्षण बिल लाए हैं इसमें संशोधन करने की क्या जरूरत थी?
जो बिल हमने पहले राज्यसभा में पास करवाया था उसे पास करवाते। ये अब 6 साल बाद लागू किया जाएगा। पहले जनगणना होगी, फिर परिसीमन होगा और फिर कानून लागू होगा…अगर उनकी मंशा साफ होती तो वे अभी ही ऐसा कर सकते थे।
वहीं केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने महिला आरक्षण बिल पर कहा, “जब यह बिल लाया गया तो कुछ लोगों ने कहा कि यह “हमारा बिल” है…प्रस्तावित बिल के एक लेख में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा था कि “तीसरे आम चुनाव में SC/ST की महिलाओं के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं होगी…लेकिन इस सरकार द्वारा लाया गया बिल इस बिल के लागू होने के 15 साल बाद तक महिलाओं को आरक्षण की गारंटी देता है…”
उन्होंने कहा कि हमने महिलाओं को गिनने लायक बना दिया है। और अब समय आ गया है कि आप आगे आएं, और अपने शब्दों को केवल कागजों या भाषण तक ही सीमित न रखें, बल्कि कार्रवाई के साथ बोलें और नारी शक्ति वंदन अधिनियम का समर्थन करें