69 हजार शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाले को लेकर लखनऊ के डाली बाग स्थित बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ सतीश द्विवेदी के आवास के बाहर अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान अभ्यर्थियों की पुलिस से नोक-झोक भी हुई। पुलिस ने कई अभ्यर्थियों को गिरफ्तार भी किया है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग ने केवल मामले को पटाक्षेप करने के लिए 6 हजार सीटों पर ही आरक्षण विसंगतियों को माना है जो अभ्यर्थियों के लिए झुनझुना है जबकि इस भर्ती में OBC और SC वर्ग की 19 हजार से अधिक सीटों पर आरक्षण में गड़बड़ी की गई है। अभ्यर्थियों ने कहा कि अगर आरक्षण में विसंगति है तो आरक्षण के वजह से चयनित अभ्यर्थियों को बाहर क्यों नहीं किया गया।पहले सरकार उन सभी अभ्यर्थियों को बाहर करे फ़िर 19000 सीटों पर आरक्षण विसंगति की प्रक्रिया पूर्ण करें।
भर्ती 69000 पदों को लेकर हुई जिसमें बड़ा आरक्षण घोटाला हुआ। अचयनित अभ्यर्थियों को SC – OBC कैटेगिरी में चयनित किया गया। अभ्यर्थियों के आंदोलन और विपक्ष के लिए मुद्दा बनता देख प्रदेश सरकार ने आनन फानन में 6000 सीटों पर आरक्षण विसंगति मामला माना है जब कि यह आरक्षण घोटाला 19000 सीटों का है।
आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों ने सतीश द्विवेदी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। उनका कहना है कि OBC और SC वर्ग के करीब 19 हजार में से सिर्फ 6 हजार सीटों पर भर्ती को स्वीकार नहीं किया जाएगा। युवा आरक्षित वर्ग की करीब 19 हजार सीटों पर की गई नियुक्ति को घोटाला बता रहे हैं और गलत तरीके से चयन में शामिल कैंडिडेट को बाहर करने की मांग कर रहे हैं।
आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों का कहना है कि इस भर्ती में OBC वर्ग को 27% की जगह मात्र 3.86% आरक्षण दिया गया है और SC वर्ग को इस भर्ती में 21% की जगह 16.6% आरक्षण दिया गया है।
6 हज़ार सीटों पर नियुक्ति से नाखुश अभ्यर्थी हुए लामबंद
अभ्यर्थी आरोप लगा रहे हैं कि मुख्यमंत्री ने अभ्यर्थियों से हुई मुलाकात में 27% तथा 21% आरक्षण पूरा करने का आदेश दिया था लेकिन अधिकारी भर्ती में आरक्षण पूरा किए बिना 6 हज़ार सीट पर भर्ती करके मामला निपटाने की कोशिश कर रहें हैं।
गौरतलब है कि 29 अप्रैल 2021 को इस भर्ती में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी घोटाला मानते हुए अपनी एक रिपोर्ट जारी की है इसलिए उस रिपोर्ट को लागू किया जाए तथा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सभी शिकायतकर्ताओं को न्याय दिया जाए।अभ्यर्थियों का कहना है कि इस भर्ती में 19,000 से अधिक सीटों पर है आरक्षण घोटाला हुआ है। बावजूद इसके सरकार मात्र 6,000 सीटों पर नियुक्ति करा रही है।
किसी संवैधानिक व्यवस्था का नहीं हुआ उल्लंघन: सतीश द्विवेदी
इससे पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष ने बेसिक शिक्षा मंत्री से 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाले पर सवाल किया, जिसके जवाब में डॉ. सतीश द्विवेदी ने कहा कि विपक्ष अनर्गल आरोप लगा रहा है। कहीं भी किसी संवैधानिक व्यवस्था का उल्लंघन नहीं हुआ है हाँलाकि इससे पहले बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी यही कहते आये कि शिक्षक भर्ती पूरी तरह पारदर्शी है, इसमें कहीं आरक्षण घोटाला नहीं हुआ जबकि अब ख़ुद ही आरक्षण विसंगति की बात कर रहे हैं।
सरकार का असमंजस भरा यह फैसला
एक ओर आरक्षण घोटाले का आरोप लगाकर OBC, SC और दिव्यांग अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे थे। दूसरी ओर सवर्ण अभ्यर्थियों का दबाव था कि जो भर्ती हो गई उसमें बदलाव न किया जाए। यही वजह है कि सरकार इस मामले को लेकर असमंजस में थी। अब दोनों को खुश करने का रास्ता निकाल कर आरक्षित वर्ग के 6,000 अभ्यर्थियों की भर्ती करने के साथ पहले और दूसरे चरण में खाली 17 हजार पदों पर नई भर्ती का निर्णय लिया गया है।