समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक पीतमराम का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह पीलीभीत की सुरक्षित सीट बरखेड़ा और पूरनपुर से तीन बार विधायक रह चुके है। उनके निधन से सपाईयों में शोक की लहर दौड़ गयी। उनका शव बरेली से पीलीभीत लाया जाएगा।
उनको पिछले साल कोरोना हो गया था जिसके चलते वह काफी समय से बीमार थे उन्होंने अपने बेटे महेंद्र की पत्नी आरती को पूरनपुर सुरक्षित सीट से सपा का टिकट दिलाया है वह नामांकन भी करा चुकीं हैं।
इसके अतिरिक्त
• पीतमराम पीलीभीत की बरखेड़ा सुरक्षित सीट से सबसे पहली बार 1996 में सपा के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे।
• इसके बाद 2002 में जीत दर्ज की लेकिन साल 2007 में भाजपा के सुखलाल से चुनाव हार गए। यहाँ से सुखलाल ने जीत दर्ज की। 2008 के परिसीमन में यह सीट सामान्य हो गई।
• वहीं पीलीभीत की पूरनपुर सीट सुरक्षित कर दी गई जिसके चलते उन्होंने पूरनपुर सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ा।
• 2012 के चुनाव में भाजपा के बाबूराम पासवान को हराकर चुनाव जीत लिया। हालांकि 2017 में बीजेपी के बाबूराम पासवान ने लंबे अंतर से उन्हें चुनाव हरा दिया।
• विधानसभा चुनाव 2017 के अंतिम चुनाव में पीतमराम को 892251 मत मिले थे जबकि भाजपा के बाबूराम पासवान को 1.28 लाख मत मिले थे। उनको पिछले साल कोरोना हो गया था। इस कारण वह बीमार चल रहे थे।
• इससे पूर्व आरती पीलीभीत जिला पंचायत अध्यक्ष का पद सुरक्षित होने पर अध्यक्ष भी रह चुकीं है।
बहू करा चुकी हैं नामांकन
पीलीभीत की पूरनपुर (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार आरती महेंद्र ने अपना नामांकन करा चुकी हैं। वह पीतमराम की बहू हैं। इस सीट से विधायक रहे पीतमराम का स्वास्थ्य खराब होने के कारण उन्हीं के आग्रह पर समाजवादी पार्टी के नेतृत्व ने उनकी पुत्रवधू आरती महेंद्र को टिकट दिया है। आरती इससे पहले जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी हैं। शनिवार को ही उन्होंने कलक्ट्रेट पहुँचकर अपना नामांकन दाखिल किया था।
पैतृक गांव ऐमी में होगा अंतिम संस्कार
पूर्व विधायक पीतमराम का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव ऐमी में होगा। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार प्रातः दस बजे उनके पार्थिव शरीर को ऐमी ले जाया जाएगा। तत्पश्चात उनका अंतिम संस्कार होगा।