सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ का कहना है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई 2 अगस्त से शुरू होगी।
नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला श्रीनगर में कहा कि हम 2019 से इस दिन का इंतजार करते आए हैं क्योकिं हमें लगता है कि हमारा केस मजबूत है। हम सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद भी रखेंगे और गुजारिश करेंगे कि इसमें जल्द से जल्द सुनवाई हो। हम न्याय की उम्मीद करते हैं, जो नाइंसाफी जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ 5 अगस्त 2019 को हुई, जो धोखा हुआ, कानून का धज्जियां उड़ाई गई उसका जवाब सुप्रीम कोर्ट से मिले। केदारनाथ धाम में फोन से रील्स और वीडियो बनाने पर लगा प्रतिबंध, अनैतिक वीडियोस और फोटोग्राफी पर मंदिर प्रबंधन ने जताई नाराजगी
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र ने सोमवार को कोर्ट में 20 पेज के हलफनामे में क्षेत्र में शांति और विकास को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों का जिक्र करते हुए कहा केंद्र ने कहा 2019 में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के अपने फैसले का बचाव किया। केंद्र के अनुसार उसके फैसले से क्षेत्र में “अभूतपूर्व स्थिरता और प्रगति” आई है। केंद्र ने तर्क दिया कि पथराव की घटनाएं, जो 2018 में 1767 तक पहुंच गईं थीं, अब 2023 में पूरी तरह से बंद हो गई हैं।
हलफनामे में आगे बताया गया है कि आतंकवाद विरोधी कड़ी कार्रवाइयों से आतंकवादियों के लिए बने उनके पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट कर दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप आतंकवादी गतिविधियों में 2018 में 199 से महत्वपूर्ण गिरावट आई है और 2023 में यह अब 12 हो गई है।
इससे पहले CJI डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा- हम अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ याचिकाओं को 2 अगस्त को सूचीबद्ध कर सकते हैं।