लखीमपुर: कहतें हैं कि मानव जीवन का उद्देश्य है कि अपने मन, वचन और काया से दूसरों की मदद करना। कहा जाता है कि ऐसे लोगों को तनाव कम रहता है, मानसिक शांति और आनंद का अनुभव होता है और ऐसा ही कुछ काम किया है प्रदेश के परिषदीय स्कूलों के कुछ शिक्षकों ने।
शिक्षकों ने मिलकर एक शिक्षक सेल्फ केयर टीम का निर्माण किया जिसका उद्देश्य किसी शिक्षक सदस्य की असमायिक मृत्य हो जाने पर तय धनराशि के साथ पूरी टीम द्वारा उसके नॉमिनी को त्वरित सामूहिक सहयोग करने भर से है जिससे टीम से जुड़े शिक्षक साथी के परिवार के सामने कोई भी आर्थिक परेशानी न आये।
इस टीम से जुड़े शिक्षकों का पूरा लेखा जोखा टीम की आई टी सेल के पास होता है जो जुड़ने वाले शिक्षकों से गूगल फॉर्म के द्वारा भरवा लिया जाता है।टीम में जुड़े सदस्यों के लिए पूरी नियमावली है जिसका पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है।
कैसे बनें सेल्फ केयर टीम का सदस्य
सबसे पहले शिक्षक को सेल्फ केयर टीम के टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ना होता है जहाँ समस्त जानकारी शिक्षक के लिए पहले से मौजूद होती है।उसके बाद शिक्षक को
सेल्फ केयर टीम के द्वारा बनाया गया गूगल फॉर्म भरना होता है जहाँ शिक्षक के विवरण के साथ नॉमिनी का विवरण बैंक खाते के साथ भरना होता है।
बताते चलें कि टीचर्स सेल्फ केयर टीम का निर्माण प्रयागराज के शिक्षक विवेकानंद आर्य और लखीमपुर के शिक्षक सुधेश पाण्डे ने मिलकर शुरू किया जिसमें अब टीम को सशक्त बनाने के लिए मुख्य भूमिका में कमल दीक्षित, अनुराग मिश्रा आदि कई और शिक्षक जुड़कर कार्य रहे हैं।
*शिक्षक अपने परिवार के साथ साथ प्रदेश के समस्त शिक्षकों के परिवार का सहारा बनें*
सेल्फ केयर टीम का मानना है कि चूँकि सरकार ने 2004 के बाद सरकारी कर्मचारियों की न तो पुरानी पेंशन है और न ही असामयिक मृत्यु होने पर किसी प्रकार का बीमा, शिक्षकों का न ही किसी तरह का पीएफ कटता है और न ही कैसलेश इलाज की व्यवस्था है। इस स्थिति में शिक्षक के साथ किसी भी प्रकार की अनहोनी के बाद शिक्षक का परिवार पूरी तरह से परेशानियों से घिर जाता है। ऐसे में शिक्षक ही शिक्षक का सहारा बनकर खड़े हो गए हैं।
ऐसी तमाम विषम परिस्थितियों को देखते हुए ही शिक्षक के परिवार का सहारा बनने के लिए प्रदेश स्तर का ग्रुप *”टीचर्स सेल्फ केयर टीम”* का निर्माण किया गया है। फिलहाल प्रथम फेज के द्वारा ग्रुप में 50000 शिक्षक – शिक्षिकाओं को जोड़ने का लक्ष्य बनाया गया है जिसमें अभी तक प्रदेश के लगभग हर जिलों से तकरीबन 23000 शिक्षक शिक्षिका टीम का हिस्सा बन चुके हैं। फिलहाल टीम से जुड़ने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बहुत तेज़ी से बढ़ रही है।
टीम का मानना है कि अगर हर सम्भव प्रयास के बाद प्रदेश भर से 50000 टीचर्स टीम से जुड़ जाते हैं तो ग्रुप के किसी सदस्य शिक्षक शिक्षिका के साथ दुर्घटना होने पर न्यूनतम 100 रुपए के सहयोग से भी कम से कम समय में 5000000 ( पचास लाख रुपए) रुपए नॉमिनी के खाते में सीधे सहयोग हो जाएगा।
अभी हाल ही में जालौन के शिक्षक स्व0 विनोद चंसोलिया के परिवार को टीम द्वारा निर्धारित 100 रुपये की धनराशि के सहयोग से कुल 13 लाख 17 हजार की मदद टीम के सदस्यों द्वारा 7 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक पीड़ित परिवार को की गई है जो कि बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों द्वारा की गयी मदद में अब तक की सबसे बड़ी मदद है जिसके लिए टीम ने आई टी सेल के शिक्षक के साथ सभी शिक्षकों का आभार भी व्यक्त किया।
*सेल्फ केयर टीम से जुड़ने के लिए आवश्यक नियम व शर्तें*
1. बेसिक शिक्षा परिषद उ0प्र0 के शिक्षक ही इस ग्रुप में शामिल हो सकते हैं।
2. टीम का हिस्सा बनने के लिये सबसे पहले लिंक द्वारा गूगल फॉर्म भरना अनिवार्य है।गूगल फॉर्म के माध्यम से शिक्षक व उसके परिवार की आवश्यक जानकारी ली जाती है जिससे विपरीत परिस्थितियों में परिवार से संपर्क किया जा सके।
3. टीचर्स सेल्फ केयर टीम किसी विशेष संगठन या राजनीतिक विचारधारा का समर्थन नहीं करती । टीम द्वारा किसी विभागीय संघ या राजनीति भावना से ऊपर उठकर कार्य किया जाता है ।
4. ग्रुप का प्रत्येक सदस्य ग्रुप से जुड़े किसी भी शिक्षक साथी के साथ दुर्घटना होने पर निर्धारित धनराशि परिजन के खाते में सीधे सहयोग करने के लिए दृढ़ संकल्पित होगा अर्थात सहयोग राशि सीधे प्रभावित शिक्षक के नॉमिनी के खाते में दी जाएगी जिससे विश्वसनीयता व पारदर्शिता बनी रहे।
5. टीम का कोई भी एडमिन कभी भी अपने खाते में या सहयोगी शिक्षक के खाते में आर्थिक सहयोग नहीं लेगा।
*ग्रुप से जुड़ने के लिए सबसे पहले टेलीग्राम एप डाउनलोड करना होगा तत्पश्चात नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करके जुड़ना होगा।*
https://t.me/joinchat/NuIG5ha97YlQUzHFdfBNHQ
*ग्रुप पर जुड़ने के बाद गूगल फॉर्म इस लिंक से भरें…*
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSeZtnw1gkDdN8ciBYk6NgDPYB7St28zG2dI5KbglGn6WdW6dA/viewform
ग्रुप के नियमानुसार किसी शिक्षक साथी को सहयोग न करने वालों की सदस्यता समाप्त करने का भी नियम है जिस पर टीम के अग्रणी शिक्षक विवेकानद आर्य ने टीम के साथ मिलकर कई समस्याओं के समाधान के लिये निर्णय लिए जिसमें उन्होंने कहा अभी भी टीम द्वारा सभी सदस्यों को समय रहते सूचना देने के काम में तेजी लाई जायेगी जिससे सूचना न पाने की वजह से कई साथी सहयोग करने से वंचित रह गये चूंकि पारदर्शिता का ख्याल रखते हुए सहयोग सीधे नॉमिनी के खाते में करना होता है जिसकी वजह से वो शिक्षक सहयोग नहीं कर पाते जिनको ऑनलाइन पैसे भेजने की जानकारी नहीं है ऐसे शिक्षकों से सहयोग का कोई और तरीका निकाला जाएगा।
साथ ही टीम ने निर्णय लिया है कि जिन लोगों ने सहायता नही की है उनकी सदस्यता अस्थाई तौर पर कुछ समय के लिए स्थगित कर दी जाएगी। इस दौरान वो ग्रुप पर तो बने रहेंगे पर उनकी कोई शिकायत सुझाव मान्य नही होंगे।नियमानुसार उनकी सदस्यता तब तक स्थगित रहेगी जब तक कि भविष्य में वो शिक्षक तीन बार सहयोग नही कर देते इस बीच यदि उन्हें कुछ होता है तो उनका दावा भी स्वीकार नही किया जाएगा न ही कोई मदद की जाएगी।
टीम ने घोषणा की है अब भविष्य में कोई भी दावा स्वीकार करने में 15 दिन का लॉकिंग पीरियड के साथ साथ ये भी देखा जाएगा कि सम्बंधित शिक्षक ने सहयोग किया था कि नहीं। अगर आप टीम के सदस्य है पर आपने सहयोग नही किया था तो आपको टीम के द्वारा किसी भी प्रकार का सहयोग नही मिलेगा।टीम द्वारा ग्रुप नियमावली न मानने वाले शिक्षकों को भी ग्रुप से बाहर करने की बात भी कही गयी।