34 साल पुराने रोडरेज के केस में पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रेसिडेंट नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने 1 साल की सख्त सजा सुनाई है।यह सजा पीड़ित परिवार की पुनर्विचार मांग पर सुनाई गई। सिद्धू को सजा काटने के लिए पटियाला जेल भेजा जा सकता है।
इस मामले में नवजोत सिद्धू की प्रतिक्रिया आ गई है। उन्होंने ट्वीट किया कि उन्हें कानून का फैसला स्वीकार है।
Will submit to the majesty of law ….
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) May 19, 2022
क्या, कब हुआ, पढ़िए विस्तार से
* पटियाला में पार्किंग को लेकर 65 साल के गुरनाम सिंह नामक बुजुर्ग व्यक्ति से झगड़े के साथ हुई थी हाथापाई।
* सिद्धू ने मारा था मुक्का, बाद में गुरनाम सिंह की मौत हो गई जिसके चलते गैर-इरादतन हत्या का मामला हुआ था दर्ज।
* मामला पहुंचा था अदालत, सेशन कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू को सबूतों का अभाव बताते हुए 1999 में किया था बरी।
* इसके बाद पीड़ित पक्ष सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ पहुंचा था हाईकोर्ट।
* साल 2006 में हाईकोर्ट ने इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को सुनाई थी 3 साल की कैद और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी।
* हाईकोर्ट से मिली सजा के खिलाफ नवजोत सिद्धू पहुंच गए थे सुप्रीम कोर्ट ,जहां सुप्रीम कोर्ट ने 16 मई 2018 को सिद्धू को गैर इरादतन हत्या के आरोप में लगी धारा 304IPC से किया था बरी।
* पर IPC की धारा 323, यानी चोट पहुंचाने के मामले में सिद्धू को ठहरा गया था दोषी। इसमें उन्हें जेल की सजा नहीं हुई। पर सिद्धू को सिर्फ एक हजार रुपया जुर्माना लगाकर छोड़ दिया गया।
* पीड़ित परिवार की यह मांग
सुप्रीम कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ अब मृतक के परिवार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। उनकी मांग है कि हाईकोर्ट की तरह सिद्धू को 304 IPC के तहत कैद की सजा होनी