महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए भारतीय रेलवे समय-समय पर कदम उठाता रहता है। इसी कड़ी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि रेलवे ने लंबी दूरी की ट्रेनों में महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपाय शुरू कर दिए हैं।
कई महिलाओं को रेल में अकेले सफर करने में डर लगता है। जिसका कारण है सफर के दौरान होने वाली असुविधाएं व असामाजिक तत्वों द्वारा पैदा होने वाली परेशानियां। इसी को ध्यान में रखते हुए रेल पुलिस बल ने ऐसी महिलाओं के लिए एक नई पहल शुरू की है।इस अभियान को ‘मेरी सहेली’ नाम दिया गया है। जिसके तहत अब रेलों में RPF की महिला पुलिसकर्मी इन महिलाओं की सुरक्षा के लिए तैनात रहेंगी। खास बात तो ये है कि ये महिला सुरक्षा कर्मी सफर में केवल रेल तक ही नहीं बल्कि घर पहुंचने तक सुरक्षा देंगी।
मेरी सहेली नामक ये अभियान खासतौर पर महिलाओं की सुरक्षा व उनकी सुविधाओं के लिए चलाया गया है। अभी केवल दो महिला RPF का स्क्वाड कुछ गाड़ियों में तैनात किया गया है। यदि ये अभियान सफल रहा तो इसको और भी बड़े स्तर पर चलाया जाएगा। ये सहेलियां अकेले सफर कर रही महिलाओं को सुरक्षित उनकी मंजिल तक पहुंचाएंगी।
इसके अतिरिक्त
मंत्रालय के अनुसार
● लंबी दूरी की मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के स्लीपर क्लास में छह बर्थ आरक्षित होंगी।
● गरीब रथ/राजधानी/दुरंतो पूरी तरह से वातानुकूलित के थर्ड-टीयर एसी (थर्ड एसी) डिब्बों में छह बर्थ का आरक्षण कोटा होगा।
● इन्हें महिला यात्रियों के लिए आवंटित किया गया है चाहे उनकी उम्र कुछ भी हो फिर चाहे वे अकेली या फिर ग्रुप में यात्रा कर रही हों।
● स्लीपर क्लास में 6 से 7 लोअर बर्थ, थर्ड एसी में 4 से 5 लोअर बर्थ और सेकंड एसी कोच में प्रति कोच 3 से 4 लोअर बर्थ का संयुक्त आरक्षण कोटा वरिष्ठ नागरिकों, 45 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिला यात्रियों और गर्भवती महिलाओं के लिए निर्धारित की गई हैं।
● संकट में फंसे यात्रियों की सुरक्षा संबंधी सहायता के लिए रेलवे हेल्प लाइन नंबर 139 भारतीय रेलवे के पूरे नेटवर्क पर चौबीसों घंटे चालू रहेगा।
● विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे ट्विटर, फेसबुक आदि के माध्यम से यात्रियों की चिंताओं को उठाया जाता है तो मंत्रालय भी उनका समाधान करता है।
● महिला स्पेशल ट्रेनों में RPF की महिला जवान एस्कॉर्ट कर रही हैं।ट्रेन के एस्कॉर्टिंग दलों को अकेले यात्रा करने वाली महिला यात्रियों, रास्ते में महिला डिब्बों और हॉल्टिंग स्टेशनों पर अतिरिक्त निगरानी रखने के लिए कहा गया है।
● यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए 4,934 कोचों और 838 रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
● महिलाओं की सुरक्षा के उद्देश्य से चलाए गए अभियान मेरी सहेली के तहत अभी दो महिला RPF स्क्वाड को जंक्शन से चलने वाली इंटरसिटी व आला हजरत एक्सप्रेस आदि रेलों में तैनात किया गया है। ये स्क्वाड ऐसी महिलाओं को चिन्हित करता है जो सफर में अकेली हों।
● नियमित रूप से अकेले सफर करने वाली महिलाओं का एक चार्ट भी तैयार किया जाता है। जिसमें यात्री की सारी जानकारी (नाम पता पीएनआर नंबर व मोबाइल नंबर) रिकॉर्ड की जाती है।
● मेरी सहेली स्क्वाड महिलाओं को उनके सफर की शुरुआत से लेकर उनके गंतव्य स्टेशन तक सुरक्षा देती है। साथ ही फोन कॉल पर उनके घर पहुँचने की भी जानकारी लेती है।
एक कॉल पर मिलेगी मदद
मेरी सहेली अभियान के तहत महिलाओं को सबसे बड़ी राहत इस प्रकार मिल रही है कि पूरे सफर में कहीं भी कोई अप्रिय घटना होने पर महिलाएं बस एक फोन कॉल के जरिए चन्द मिनटों में मदद पा सकेंगी क्योंकि हर महिला की सारी जानकारी कोच नंबर व सीट नंबर पहले से ही रेल सुरक्षा बल के पास मौजूद होगी।
बरेली जंक्शन RPF प्रभारी ने बताया कि मेरी सहेली स्कवाड की ड्यूटी मुरादाबाद तक है वहाँ से दूसरी टीम उस महिला की मानिटरिंग करती है। यह सिलसिला महिला के अंतिम स्टेशन तक चलता है। महिला के घर पहुँचने तक महिला से फोन पर जानकारी ली जाती है कि वह सुरक्षित अपने घर पहुंच गईं या नहीं। बरेली जंक्शन पर पिछले 10 दिनों में करीब 70 महिलाओं की मानिटरिंग रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय भेजी गई है।
रेलवे सुरक्षा बल ने 17 अक्टूबर, 2020 को पहल ‘मेरी सहेली’ की शुरुवात की थी जिसका उद्देश्य ट्रेनों से यात्रा करने वाली महिला यात्रियों को बोर्डिंग से लेकर डी-बोर्डिंग तक की पूरी यात्रा के लिए सुरक्षा प्रदान करना है।इस पहल का फोकस महिला यात्रियों, खासकर अकेले यात्रा करने वालों को सुरक्षा प्रदान करना है। RPF पहल के लिए महिला अधिकारियों और कर्मचारियों की टीमों को भी ट्रेनिंग भी दी गयी है।