सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ अपने बयानों के कारण सुर्ख़ियों में रहने वाले बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू को उनके पद से हटा दिया गया है मतलब रिजिजू के हाथों से क़ानून मंत्रालय चला गया है।
किरेन रिजिजू की जगह अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्रालय सौंपा और रिजिजू को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय सौंपा गया। pic.twitter.com/fospId7z62
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 18, 2023
अब किरन रिजिजू की जगह अर्जुन राम मेघवाल क़ानून मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार संभालेंगे। वहीं दूसरी ओर कानून मंत्रालय बदलने के बाद किरेन रिजिजू ने पीएम मोदी और CJI डीवाई चंद्रचूड़ को धन्यवाद कहा।
किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर कहा, “प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में क़ानून मंत्री के रूप में काम करना मेरे लिए सम्मान की बात है।
मैं चीफ़ जस्टिस समेत सुप्रीम कोर्ट के जजों, हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस, निचले कोर्ट के जजों और सभी क़ानून अधिकारियों का भी शुक्रगुज़ार हूँ। मैं अर्थ साइंसेज मंत्रालय में भी उसी उत्साह से काम करूँगा, जैसा बीजेपी कार्यकर्ता के रूप में करता रहा हूँ।”
इसके बाद पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट किया, कि “मेरे सहयोगी केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को कानून और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में नई जिम्मेदारी मिलने पर शुभकामनाएं देता हूं।”
बता दें कि देश कि किरेन रिजिजू अब से अर्थ साइंसेस यानी पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का कार्यभार संभालेंगे। मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा मंत्रिमंडल में बदलाव को मंजूरी दी गई। यह जानकारी राष्ट्रपति कार्यालय से जारी की गई।
पिछले कुछ समय से जजों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के बीच तनातनी जारी थी जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार पर नए जजों की नियुक्ति ना करने का आरोप लगाया था जिसमें कहा गया था कि सुप्रीमकोर्ट द्वारा जिन नए जजों के नाम नियुक्ति के लिए केंद्र को भेजे थे उनके नामों पर केंद्र द्वारा नियुक्ति करने की हरी झड़ी नहीं दिखाई गई।
दूसरी ओर पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने इस मामले पर देश के सबसे बड़े कोर्ट के खिलाफ कई टिप्पणियां दी थी जिसमें उन्होंने कहा था कि मैं जानता हूं कि देश के लोग जजों को नियुक्त करने के लिए बने कॉलेजियम सिस्टम पर सवाल उठाते हुए कहा था कि लोग इस सिस्टम से खुश नहीं हैं।
कॉलेजियम सिस्टम को गैर संवैधानिक बताते हुए किरेन रिजिजू ने कहा संविधान की आत्मा के अनुसार जजों को नियुक्त करने की जिम्मेदारी सरकार की है।
किरेन रिजिजू ने जजों पर अपने जान पहचान और करीबियों को नियुक्त करने का भी आरोप लगाया था। उस दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि अगर दुनिया भर की बात करें तो भारत में ही सिर्फ ऐसा जहां न्यायाधीश अपने भाइयों को न्यायाधीश नियुक्त करते हैं’।
उससे पहले आपको याद होगा कि अक्तूबर 2022 में गुजरात के अहमदाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान पूर्व कानून मंत्री ने जजों पर निशाना साधकर जजों की नियुक्ति प्रक्रिया पर प्रश्न चिन्ह लगाया था जिसमें उन्होंने कहा था कि जज आधा समय नियुक्तियों की पेचीदगियों में ही व्यस्त रहते हैं जिसके चलते न्याय देने की उनकी मुख्य जिम्मेदारी पर असर पड़ता है।
इसके अलावा मार्च 2023 में इंडिया टुडे के एक कार्यक्रम में किरेन रिजिजू ने रिटायर्ड जजों को भी आड़े हाथों लिया था जिसमें।
उन्होंने कहा कि “कुछ तीन या चार रिटायर्ड जज है, जो कि एंटी इंडिया ग्रुप का हिस्सा बन गए हैं जिनकी कोशिश है कि भारतीय न्यायपालिका विपक्ष की भूमिका निभाए। देश के खिलाफ काम करने वालों को इसकी कीमत चुकानी होगी”
गौरतलब है कि पूर्व कानून मंत्री किरण रिजिजू के इस बयान की सुप्रीमकोर्ट और हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले 350 से ज्यादा वकीलों में निंदा की।
वकीलों के ग्रुप ने स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा था कि केंद्रीय मंत्री की इस तरह अमर्यादित बयानबाजी उन्हें शोभा नहीं देती।
वेस्ट कामेंग जिले के निवासी पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू अरुणाचल पश्चिम लोकसभा सीट से BJP सांसद हैं।
किरण रिजिजू ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री प्राप्त की थी और 2004 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़कर जीत हासिल की। लेकिन वह 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार मिली थी लेकिन बाद में 2014 के मोदी लहर वाले चुनाव में रिजिजू ने फिर से जीत हासिल की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में गृह राज्य मंत्री बने।
यही नहीं मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में किरण रिजिजू को खेल मंत्री का (स्वतंत्र प्रभार) दिया गया था जुलाई 2021 में कैबिनेट विस्तार के दौरान उन्हें कानून मंत्री बनाया गया जहां उन्होंने रविशंकर प्रसाद की जगह ये कमान संभाली थी।
कौन हैं कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल?
बीकानेर के किस्मिदेसर गांव में जन्मे देश के नए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल 2009 से राजस्थान के बीकानेर से सांसद हैं। उन्हें 2013 में सर्वश्रेष्ठ सांसद के पुरस्कार से नवाजा गया। उन्होंने यही के डूंगर कॉलेज से बीए और एलएलबी किया और फिर इसी कॉलेज से मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की।
इसके बाद उन्होंने फिलीपींस विश्वविद्यालय से MBA किया।बता दें कि मेघवाल राजस्थान कैडर के एक IAS अधिकारी भी रह चुके हैं।।मेघवाल को राजस्थान में अनुसूचित जाति के चेहरे के रूप में देखा जाता है। मई 2019 में मेघवाल संसदीय मामलों, भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय में राज्य मंत्री बने।अब उन्हें इस मंत्रालय के साथ साथ कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी भी उठानी पड़ेगी।