How to write RTI: आरटीआई कैसे लिखें
RTI: आरटीआई का मतलब है राइट टू इनफार्मेशन अर्थात सूचना का अधिकार। इसका तात्पर्य है कि राज्य या केंद्र सरकार के द्वारा देश के नागरिकों को मांगी गई सूचना प्रदान करना। सूचना का अधिकार अधिनियम 15 जून 2005 को सम्पूर्ण धाराओं के साथ लागू किया गया।
सूचना का अधिकार एक ऐसा अधिकार है जिसके द्वारा देश का कोई भी नागरिक राज्य सरकार या फिर केंद्र सरकार के अधीन किसी भी विभाग से संबंधित सूचना को मांग सकता है। सरकारों को यह सूचना तय अवधि में नागरिको को देनी होती है। हालांकि केंद्र के अधीन कुछ ऐसे विभाग हैं जिसमें आरटीआई का प्रयोग नहीं किया जा सकता।
इस महत्वपूर्ण अधिकार की जानकारी होने के बावजूद अभी तक आरटीआई को लिखने के पूरी जानकारी अधिक से अधिक लोगों के पास अब तक नहीं है। आरटीआई के लिए कोई भी नागरिक किसी भी वकील या फिर जानकार के पास जाकर आरटीआई के तहत सूचना मांगने के लिए बाध्य रहता है।
मगर आज हम यहां आपको आरटीआई लिखने और उसमें किस तरह से सूचनाओं की मांग की जाती है के बारे में बता रहे हैं… आइए जाने आरटीआई का लिखने का सही तरीका
RTI मलतब है सूचना का अधिकार – ये कानून हमारे देश में 2005 में लागू हुआ।जिसका उपयोग करके आप सरकार और
किसी भी विभाग से सूचना मांग सकते है। आमतौर पर लोगो को इतना ही पता होता है।परंतु आज! आपको इस खबर के माध्यम से आरटीआई से संबंधित समस्त जानकारी प्राप्त होगी।
RTI के माध्यम से राज्य और केंद्र सरकारों से सवाल पूछ कर मांग सकते हैं सूचना
RTI से आप सरकार के किसी भी दस्तावेज़ की जांच कर सकते है।
RTI से आप दस्तावेज़ की प्रमाणित कापी ले सकते है।
RTI से आप सरकारी कामकाज में इस्तेमाल सामग्री का नमूना ले सकते है।
RTI से आप किसी भी कामकाज का निरीक्षण कर सकते हैं।
RTI में कौन- कौन सी धारा हमारे काम की है।
धारा 6 (1) – RTI का आवेदन लिखने का धारा है।
धारा 6 (3) – अगर आपका आवेदन गलत विभाग में चला गया है। तो वह विभाग
इस को 6 (3) धारा के अंतर्गत सही विभाग मे 5 दिन के अंदर भेज देगा।
धारा 7(5) – इस धारा के अनुसार BPL कार्ड वालों को कोई आरटीआई शुल्क नही देना होता।
धारा 7 (6) – इस धारा के अनुसार अगर आरटीआई का जवाब 30 दिन में नहीं आता है तो सूचना निशुल्क में दी जाएगी।
धारा 18 – अगर कोई अधिकारी जवाब नही देता तो उसकी शिकायत सूचना अधिकारी को दी जाए।
धारा 8 – इस के अनुसार वो सूचना RTI में नहीं दी जाएगी जो देश की अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा हो या विभाग की आंतरिक जांच को प्रभावित करती हो।
धारा 19 (1) – अगर आप
की RTI का जवाब 30 दिन में नहीं आता है।तो इस धारा के अनुसार आप प्रथम अपील अधिकारी को प्रथम अपील कर सकते हो।
धारा 19 (3) – अगर आपकी प्रथम अपील का भी जवाब नही आता है तो आप इस धारा की मदद से 90 दिन के अंदर दूसरी
अपील अधिकारी को अपील कर सकते हो।
RTI कैसे लिखे? | How to write RTI
इसके लिए आप एक सादा पेपर लें और उसमे 1 इंच की कोने से जगह छोड़े और नीचे दिए गए प्रारूप में अपने RTI लिख लें
……………………………..
सूचना का अधिकार 2005 की धारा 6(1) और 6(3) के अंतर्गत आवेदन।
सेवा में,
अधिकारी का पद / जनसूचना अधिकारी
विभाग का नाम………….
विषय – RTI Act 2005 के अंतर्गत ……………… से संबधित सूचनाऐं।
अपने सवाल यहाँ लिखें।
1-…………………………
2-………………………….
3-…………………………
4-…………………………
मैं आवेदन फीस के रूप में 20रू का पोस्टलऑर्डर …….. संख्या अलग से जमा कर रहा /रही हूं।
या
मैं बी.पी.एल. कार्डधारी हूं। इसलिए सभी देय शुल्कों से मुक्त हूं। मेरा बी.पी.एल.कार्ड नं…………..है।
यदि मांगी गई सूचना आपके विभाग/कार्यालय से सम्बंधित
नहीं हो तो सूचना का अधिकार अधिनियम,2005 की धारा 6 (3) का संज्ञान लेते हुए मेरा आवेदन सम्बंधित लोकसूचना अधिकारी को पांच दिनों के
समयावधि के अन्तर्गत हस्तान्तरित करें। साथ ही अधिनियम के प्रावधानों के तहत
सूचना उपलब्ध् कराते समय प्रथम अपील अधिकारी का नाम व पता अवश्य बतायें।
भवदीय
नाम:………………..
पता:…………………
फोन नं:………………
हस्ताक्षर……………….
ये सब लिखने के बाद अपने हस्ताक्षर कर दें।
अब आपको केंद्र से सूचना मांगने के लिए आप 20 रु देते है और एक पेपर की कॉपी मांगने के 2 रु देते है।
हर राज्य का RTI शुल्क अगल अलग है जिस का पता आप कर सकते हैं।
RTI का सदउपयोग कर आप भ्रष्टाचारियों की सच्चाई/पोल दुनिया के सामने ला सकते हैं।