आज गांधी के जन्मदिन पर हैशटैग #gandhi #khadi के साथ #godse भी लगभग बराबरी पर ट्रेंड कर रहा है । राइट विंग वाले भौकाली लोग लालबहादुर शास्त्री का जन्मदिन केवल यह दिखाने के लिए मना रहे वे गांधी को इस देश का शत्रु मानते है परंतु गांधी घृणा से और मजबूत होते है। सत्ता में रहते हुए राजनेता भले ही गांधी को न याद करें लेकिन विपक्ष में वे गांधी को बगलगीर करके ही विरोध प्रदर्शन करते है ।
गांधी निंदा, अस्तुति से दूर है। गांधी सत्ता परिवर्तन के विरुद्ध नही बल्कि बुराई के विरुद्ध लड़े । उनके आत्मबल ने भारत की करोड़ों-करोड मूक आत्माओं में स्पंदन उत्पन्न कर दिया।
सोशल मीडिया पर ट्रोल होते परिषदीय शिक्षक
गांधी घृणा और नकारात्मकता को हलाहल विष की तरह धारण कर और मजबूत होते जाते है। गांधी की सम्मोहन शक्ति बढ़ती जाती है । स्कूल के छोटे बच्चों की फैंसी ड्रेस कम्पटीशन में सबसे ज्यादा तालियां गांधी के रूप को ही मिलती है ।
गोडसे गांधी के शरीर का नाश कर सकते है लेकिन नैतिकता, सदाचार, मानवता, सत्य ,अहिंसा से निर्मित गांधी से उत्पन्न प्रभाव को नहीं यह अमिट है ।
नोट : ये लेखक के निजी विचार हैं
लेखक:
अश्वनी अवस्थी
पुवायां ( शाहजहाँपुर)