अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर आदेशित किया है कि कोविड-19 से संक्रमित या किसी अन्य कारण से मृत्यु होने पर शवों की अंत्येष्टि के लिये वित्त आयोग द्वारा निर्गत धनराशि 5,000 ₹ ग्राम पचायतों में नव निर्वाचित ग्राम प्रधान द्वारा प्रदेश ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे अत्यधिक निर्धन व निराश्रित परिवारों में मृत्यु होने पर अंत्येष्टि हेतु प्रदान की जाये।
अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा है कि शासन के संज्ञान में यह तथ्य आया है कि कोविड -19 से संक्रमित या किसी अन्य कारण से मृत्यु होने पर शवों को पारम्परिक रीति से अंतिम संस्कार के स्थान पर नदियों में बहा दिया जा रहा है । फलतः नदियों में कई जगह शव प्राप्त हुए है इसलिए प्रदेश ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यधिक निर्धन व निराश्रित परिवारों में मृत्यु होने पर अंत्येष्टि हेतु राज्य वित्त आयोग से धनराशि 5,000 /₹ निर्गत की गई है साथ ही कोविड -19 से संकमित व्यक्ति की मृत्यु होने पर अंतिम क्रिया के लिए तत्काल धनराशि रू . 5,000 /₹ प्रदान की जाए।
आदेश में कहा गया है कि यदि इस प्रकार से कोविङ संक्रमण से मृत्यु जिसमें परिवारजन अंतिम संस्कार में सहयोग न कर पा रहे हो तो ग्राम पंचायत उक्त रु . 5,000 / – की धनराशि का उपयोग शवों के दाह संस्कार पर करेगी । इस सम्बन्ध में नगर विकास विभाग द्वारा भी कोविड -19 से संक्रमण के कारण मृत्यु की दशा में शवों निस्तारण हेतु रू . 5,000 / – व्यय करने के लिए नगरीय निकायों को अधिकृत किया गया है।
शासन को प्राप्त सूचना के अनुसार शवों का उचित अंतिम संस्कार के स्थान पर जल में प्रवाहित करने का प्रमुख कारण कोविड -19 के शव को संक्रमण के भय से लावारिस छोड देना व अंतिम संस्कार हेतु धन का अभाव अर्थात लकड़ी व अन्य व्यवस्था न होना पाया गया है।
पत्र में कहा गया है कि शासन स्तर से निर्धन परिवारों में एवं कोविड -19 में मृत्यु की दशा में शवों के अंतिम संस्कार हेतु जब पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है तो धन का अभाव कारण नहीं बनता कि शवों का अंतिम संस्कार करने के स्थान पर नदियों में प्रवाहित किया जाय । पंथ व परंपराओं प्रकरण में भी संबंधित को शव के जल प्रवाह से होने वाले कुप्रभाव को समझाते हुए इन शवों की अंत्येष्टि की जानी चाहिए। किसी भी दशा में शव किसी नदी में प्रवाहित नहीं किया जाना चाहिए। कोविड -19 से अगर किसी की मृत्यु होती है तो कोविड -19 की गाइडलाइन के अनुसार ही उन शवों का अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए।
ग्राम पंचायतों में नव निर्वाचित ग्राम प्रधान अपने क्षेत्र में यह सुनिश्चित करें कि शासन द्वारा अंतिम संस्कार लिए अनुमन्य धनराशि का पूर्ण उपयोग हो एवं किसी भी दशा में शव नदी में प्रवाहित न किए जाय। इस सम्बन्ध में क्षेत्र पंचायत सदस्यों एवं जिला पंचायत सदस्यों का भी सहयोग लेते हुए यह सुनिश्चित किया जाय कि नदियों में शव प्रवाहित न हो , उनका उचित तरीके से अंत्येष्टि की जाय।
पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों को दिए गए निर्देश
मुख्य सचिव ने निर्देशित करते हुए कहा कि पंचायतीराज विभाग के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि जल स्रोत व नदी में शव प्रवाहित न किया जाय। जिलाधिकारी दिए गए निर्देशों में अनुमन्य कराई गई धनराशि के व्यय का नियमित अनुश्रवण करें तथा इसकी सूचना निदेशक, पंचायतीराज को प्रति सप्ताह उपलब्ध करायें। जनपदों को पर्याप्त धनराशि इस हेतु उपलब्ध कराई गई है तो जिलाधिकारीगण यह सुनिश्चित करें कि उनको जनपद में उचित तरीकों में शव का अंतिम संस्कार हो जल में प्रवाहित न किया जाय।