सी एम योगी आदित्यनाथ ने कर्मचारियों को वर्ष 2019-20 के लिए 30 दिन के तदर्थ बोनस का भुगतान करने का फैसला लिया है। प्रदेश सरकार ने बोनस का 25 प्रतिशत हिस्सा तुरंत नगद देने के लिए कहा है जबकि बाकी 75 प्रतिशत हिस्सा पीएफ से जोड़ने के लिए कहा है वित्त विभाग को दिए गए निर्देश में यूपी सरकार ने कहा है कि जिन कर्मचारियों के पास प्रॉविडेंट फंड नहीं है उन्हें बोनस के पैसे शनल सेविंग सर्टिफिकेट के रूप में दिए जाएंगे। फिलहाल सरकार के इस फैसले में राज्य कर्मचारियों, राजकीय विभागों के कार्य प्रभावित कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थानों के शिक्षक समेत अन्य कर्मचारी शामिल होंगे।
सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि पूर्व की भाँति बोनस के रूप में मासिक परिलब्धियों की अधिकतम सीमा सात हजार रुपये होगी । इसके अलावा एक महीने में औसत दिनों की संख्या 30.4 दिन रखी गई है. इस लिहाज से एक कर्मचारी को अधिकतम 6908 रुपये बोनस के रूप में मिलेगा।
दूसरी ओर योगी सरकार ने किसानों के लिए ऐलान करते हुए मंडी शुल्क 2 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत कर दिया गया है। सरकार के इस फ़ैसले से लाखों किसानो को फायदा होगा ।
यूपी सरकार द्वारा प्रेस नोट जारी करते हुए क्या कहा, जानिये..
सरकार ने प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि
• इस निर्णय से कुल लगभग 15 लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
• तदर्थ बोनस की सुविधा अपुनरीक्षित वेतनमानों में ग्रेड वेतन रू 0 4800 ( पुनरीक्षित में वेतन मैट्रिक्स लेवल -8 ) तक के पद पर कार्यरत अराजपत्रित कर्मचारियों को अनुमन्य होगी।
• तदर्थ बोनस के रूप में मासिक परिलब्धियों की अधिकतम सीमा रू 0 7000/ – होगी तथा एक माह में औसत दिनों की संख्या 30.4 के आधार पर दिनांक 31-03-2020 को ग्राह्य परिलब्धियों के अनुसार 30 दिन की परिलब्धियां आगणित की जाएगी । इस प्रकार एक कर्मचारी को अधिकतम रू 0 6908/ – बोनस के रूप में अनुमन्य होगा । तदर्थ बोनस की 75 प्रतिशत धनराशि भविष्य निधि खाते में जमा की जाएगी तथा शेष 25 प्रतिशत का भुगतान नकद किया जाएगा।
• जो कर्मचारी भविष्य निधि खाते के सदस्य नहीं हैं , उन्हें धनराशि एन ० एस ० सी ० के रूप में प्रदान की जाएगी।
• तदर्थ बोनस की घोषणा से राज्य सरकार पर कुल रू 0 1022.75 करोड़ का व्ययभार आएगा।