महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने एक्टर सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस की जांच के लिए मुम्बई आए बिहार के एक आईपीएस अधिकारी को क्वारंटाइन करने पर उद्धव ठाकरे सरकार को कठघरे में खड़ा किया. बीएमसी ने आईपीएस अधिकारी को क्वारंटाइन सेंटर में भेजने को लेकर सोमवार को अपनी असहमति व्यक्त की. फड़णवीस ने कहा कि ऐसे कृत्य से जांच (की पारदर्शिता) के बारे में लोगों में ‘अविश्वास’ पैदा होगा.
Instead of solving the mystery of #SushantSinghRajput ‘s death , such behaviour will only result into huge public outcry and disbelief amongst the people about the investigation.
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) August 3, 2020
मुम्बई पहुंचने के बाद पटना सिटी के पुलिस अधीक्षक विनय तिवारी के हाथ पर रविवार रात को 11 बजे बृह्नमुम्बई महानगरपालिका (बीएमसी) ने 15 अगस्त तक के लिए क्वारंटाइन की मुहर लगा दी. विधानसभा में विपक्ष के नेता फड़णवीस ने ट्वीट किया, ‘सुशांत सिंह राजपूत की मौत के रहस्य को सुलझाने के बजाय ऐसे आचरण से जांच के बारे में बड़ा जनाक्रोश फैलेगा और लोगों के बीच अविश्वास पैदा होगा.’
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक सेवा ड्यूटी पर आए अधिकारियों की आवाजाही इस चुनौती भरे दौर में उन्हें पृथक-वास में डालकर रोकी नहीं जा सकती है. उन्होंने सवाल किया, ‘केरल की मेडिकल टीम मुम्बई आई. उत्तर प्रदेश पुलिस की टीम विकास दुबे मामले की जांच करने आई. बिहार पुलिस की एक टीम मुम्बई में पहले से चार दिनों से काम कर रही है लेकिन उनमें से किसी को क्वारंटाइन में नहीं भेजा गया, तब बस एसपी रैंक के अधिकारी के साथ भिन्न बर्ताव क्यों किया गया?’
A medical team from Kerala visited Mumbai, UP Police came to investigate Vikas Dubey case, a team from Bihar police is already working in Mumbai since 4 days but none of them were quarantined then why only an SP rank officer is treated differently?#SushantSinghRajputCase
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) August 3, 2020