पीलीभीत जिले के जेल अधीक्षक अनूप मानव शास्त्री किसी पहचान की मोहताज नहीं जेल में रहकर उन्होंने अनेकों कार्य किए हैं जिसकी वजह से उनकी छवि अलग ही दिखती थी जेल का पूरा स्टाफ व कैदी उनके गुणगान से थकता नहीं था लेकिन शायद समय को यह मंजूर नहीं था कि ऐसा आदमी और ज्यादा दिन तक पृथ्वी पर रहे जेल अधीक्षक अनूप का रात्रि हृदय गति रुकने से निधन हो गया है सभी लोग दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना कर रहे हैं वह लगभग 40 वर्ष के थे।
जेल अधीक्षक शास्त्री की पीलीभीत में तैनाती लगभग चार वर्ष पूर्व हुई थी। वह इटावा के रहने वाले थे। यहां तैनाती के बाद से उन्होंने जेल की व्यवस्था सुधारने के साथ सामाजिक कार्य में भी काफी योगदान दिया।अनूप मानव शास्त्री सामाजिक कामों में भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते थे। रविवार को भूमि संरक्षण अधिकारी के बच्चे की जन्मदिन पार्टी में अनूप सुनगढ़ी थाने के सामने एक होटल में गए हुए थे।
बताते हैं कि वहां डांस के दौरान रात में अनूप के सीने में दर्द उठा और वे बेहोश से हो गए। इसके बाद उन्हें निजी अस्पताल लाया गया वहां उन्हें एक उल्टी हो गई तो उन्हें बरेली रेफर कर दिया गया। रास्ते में ही वे बेसुध हो गए। बाद में उन्हें डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इटावा की फ्रेंडस कॉलोनी के रहने वाले अनूप मानव शास्त्री की पहल पर ही जेल में मास्क, श्रीजन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के परिधान और रक्षाबंधन पर बंदी व कैदियों द्वारा राखी बनाने की अनूठी पहल हुई थी