उमेश पाल अपहरण केस (Umesh Pal Abduction Case) में माफिया माफिया से नेता बने अतीक़ अहमद (Atique Ahmed) अतीक अहमद को प्रयागराज हाईकोर्ट के द्वारा उम्रक़ैद की सजा सुनाई गई। अदालत द्वारा अतीक को दोषी ठहराने का यह पहला मामला है। अतीक अहमद के ऊपर 100 से भी अधिक केस दर्ज थे लेकिन अतीक को किसी भी मुकदमे में दोषसिद्ध नहीं किया गया था।
हाईकोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा में सबसे प्रमुख बात यह रही कि अतीक को हर IPC की धारा पर सज़ा मिली । आदेश की कॉपी में पढ़े…
प्रस्तुत प्रकरण में वादी मुकदमा उमेश पाल का अपहरण करके उससे राजपाल हत्याकाण्ड में अभियुक्तगण द्वारा अपने पक्ष में बयान करवाया गया। अभियुक्त खान शौलत हनीफ के हाथ में वह पर्चा मौजूद था, जिसके आधार पर बयान हुआ।
यह समस्त परिस्थितियां यह प्रकट करती है कि साक्षी को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया गया और अपने पक्ष में उसका बयान कराया गया। इससे पूरी न्यायिक व्यवस्था आहत होती है और जनता का विश्वास न्याय व्यवस्था पर डगमगाता है।
प्रस्तुत प्रकरण में न्याय की मंशा यही है कि अभियुक्तगण अतीक अहमद, दिनेश पासी एवं खान शौलत हनीफ को निम्नलिखित दण्डादेश से दण्डित किये जाने योग्य है।
आदेश
अभियुक्त अतीक अहमद एवं दिनेश पासी को उन पर लगाये गये आरोप अन्तर्गत धारा-364ए/34 सपठित बारा-120बी, 147, 323/149, 341,342,504 506 (2) भारतीय दण्ड संहिता व धारा-7 आपराधिक विधि संशोधन अधिनियम में दोषसिद्धि किया जाता है।
अभियुक्तगण अतीक अहमद एवं दिनेश पासी प्रत्येक को धारा-384ए/34 सपठित धारा 120बी भारतीय दण्ड संहिता के आरोप में सश्रम आजीवन कारावास एवं मु0 5000/-5000 /- रूपये (पांच हजार रूपया) अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है। अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में 02 माह का सश्रम कारावास भुगतना होगा।
उक्त अभियुक्त प्रत्येक को धारा 147 भारतीय दण्ड संहिता के आरोप में एक वर्ष के सश्रम कारावास एवं मु० 1000/- 1000/- रुपये ( एक हजार रूपया) अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में 15 दिन का सश्रम कारावास भुगतना होगा।
उक्त अभियुक्त प्रत्येक को धारा-323/149 भारतीय दण्ड संहिता के आरोप में 6 माह का सश्रम कारावास एवं मु0 500/- 500 /- रूपये (पांच सौ रूपया) अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में 10 दिन का सश्रम कारावास भुगतना होगा।
उक्त अभियुक्त प्रत्येक को धारा-341 भारतीय दण्ड संहिता के आरोप में 15 दिन के साधारण कारावास एवं मु० 300/- 300 /- रूपये अर्थदण्ड (तीन सौ रूपया) से दण्डित किया जाता है अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में एक सप्ताह का साधारण कारावास भुगतना होगा।
उक्त अभियुक्त प्रत्येक को धारा-342 भारतीय दण्ड संहिता के आरोप में 06 माह का सश्रम कारावास एवं मु0 500 / 500 /- रूपये (पांच सौ रूपया) अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है। अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में एक सप्ताह का सश्रम कारावास भुगतना होगा।
उक्त अभियुक्त प्रत्येक को धारा 504 भारतीय दण्ड संहिता के आरोप में 01 वर्ष के सश्रम कारावास एवं मु0 500/- 500/-रूपये (पांच सौ रूपया) अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है। अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में एक सप्ताह का सश्रम कारावास भुगतना होगा।
उक्त अभियुक्त प्रत्येक को धारा 506 (2) भारतीय दण्ड संहिता के आरोप में 03 वर्ष सश्रम कारावास एवं मु० 1000/- 1000 /- रूपये ( एक हजार रूपया) अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है। अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में 01 माह का सश्रम कारावास भुगतना होगा।
उक्त अभियुक्त प्रत्येक को धारा 7 आपराधिक विधि संशोधन अधिनियम के आरोप में 06 माह के साधारण कारावास एवं मु0 500/- 500/- रुपये (पांच सौ रूपया) अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में 10 दिन का साधारण कारावास भुगतना होगा।
उक्त अभियुक्त अतीक अहमद एवं दिनेश पासी को उन पर लगाये गये आरोप अन्तर्गत धारा 148 भारतीय दण्ड संहिता में दोषमुक्त किया जाता है। अभियुक्त अतीक अहमद एवं दिनेश पासी की उपरोक्त सभी सजाएँ साथ-साथ चलेगी।
अभियुक्त खान शौलत हनीफ को उन पर लगाये गये आरोप अन्तर्गत धारा-364ए सपठित धारा 120बी भारतीय दण्ड संहिता के आरोप में दोषसिद्धि किया जाता है तथा अभियुक्त खान शौलत हनीफ को अन्तर्गत धारा 364ए सपठित धारा-120बी भारतीय दण्ड संहिता के आरोप में सश्रम आजीवन कारावास एवं मु० 5000/- रूपये (पांच हजार रूपया) अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है। अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में 02 माह का सश्रम कारावास भुगतना होगा।
अभियुक्तगण अतीक अहमद, दिनेश पासी एवं खान शौलत हनीफ का सजायाबी वारण्ट उपरोक्तानुसार अविलम्ब बनाकर कारागार भेजा जाये।
अभियुक्त खान शौलत हनीफ को धारा 147, 148, 323/149, 341, 342, 504, 506 भारतीय दण्ड संहिता व धारा-7 आपराधिक विधि संशोधन अधिनियम के आरोप से दोषमुक्त किया जाता है।
अभियुक्तगण जावेद, फरहान, एजाज अख्तर, इसरार आसिफ उर्फ मल्ली एवं खालिद अजीम उर्फ अशरफ व आबिद को उन पर लगाये गये आरोप अन्तर्गत धारा-364ए, 147, 148, 323/149, 341, 342, 504, 506, 120बी भारतीय दण्ड संहिता व धारा-7 आपराधिक विधि संशोधन अधिनियम से तथा अभियुक्त फरहान को अन्तर्गत धारा 25 आयुध अधिनियम के आरोप से एवं अभियुक्त खालिद अजीम उर्फ अशरफ को अन्तर्गत धारा 30 आयुध अधिनियम के आरोप से दोषमुक्त किये अभियुक्तगण जमानत पर है उनके जमानत पत्र व बंधपत्र निरस्त किया जाता है,
जामीनदारों को उनके उत्तरदायित्व से उन्मोचित किया जाता है। अभियुक्तगण फरहान एवं खालिद अजीम उर्फ अशरफ जेल से हाजिर अदालत आये हैं। यदि उक्त अभियुक्तगण किसी अन्य वाद में वांछित न हो तो उन्हें अविलम्ब रिहा किया जाय दोषमुक्त प्रत्येक अभियुक्त उपरोक्त धारा-437-क दण्ड प्रक्रिया संहिता का अनुपालन किया जाना सुनिश्चित करेगें।
अभियुक्त अतीक अहमद, दिनेश पासी एवं खान शौलत हनीफ प्रत्येक द्वारा 1,000,00/- 1,000,00/- रूपये (एक लाख रूपये) क्षतिपूर्ति के रूप में वादी मुकदमा को देय होगा। चूंकि प्रकरण के वादी मुकदमा की हत्या हो चुकी है। अतः उक्त क्षतिपूर्ति की धनराशि वादी मुकदमा के परिवार को देय होगी। निर्णय / आदेश की एक प्रति अविलम्ब सजायाफ्ता अभियुक्तों को निःशुल्क प्रदान की जाय।
आपको बता दें कि यह आदेश दिनांक-28.03.2023 को अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश डा० दिनेश चन्द्र शुक्ला (एम.पी./एम.एल.ए.) इलाहाबाद आई०डी०यू०पी०- 1529 निर्णय आज खुले न्यायालय में मेरे द्वारा हस्ताक्षरित व दिनांकित करके सुनाया गया।
गौरतलब है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अतीक अहमद की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें जान को खतरा बताकर अतीक द्वारा यूपी की प्रयागराज की कोर्ट में पेश होने से रियायत की अपील की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुरक्षा राज्य सरकार का मसला है और वह इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में अपील करे।