देश के राज्य कर्नाटक विधानसभा चुनाव की शनिवार को हुई मतगणना में कांग्रेस ने सत्ता पक्ष भारतीय जनता पार्टी को हराकर बंपर जीत हासिल की है जिसके बाद पूरे मंत्रिमंडल के साथ मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने अपना इस्तीफा भी राज्यपाल थावर चंद गहलोत को सौंप दिया।कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता जनता पार्टी को 65 सीटें मिली हैं।
राज्यपाल को इस्तीफा देने के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि पुरानी पेंशन की बहाली पर आंदोलित कर्मचारियों की मांगों को नजरअंदाज करना हमारी बहुत बड़ी भूल थी कर्मचारियों के इसी आंदोलन की वजह से बीजेपी ने कर्नाटक में अपनी सत्ता को दी।
सीएम बोम्मई ने स्वीकार किया कि इस विधानसभा चुनाव में पार्टी को अंदाजा था कि पुरानी पेंशन बाली के मुद्दे पर आंदोलित कर्मचारियों की वजह से कुछ सीटों का पर नुकसान उठाना पड़ सकता है लेकिन इस बात का अंदाजा पार्टी को बिल्कुल भी नहीं था कि आंदोलित कर्मचारी हमें सत्ता से दूर कर देंगे।
मीडिया से बात करते हुए सीएम भावुक नजर आए उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की मांगों को लेकर हमने पार्टी आलाकमान से बात की थी लेकिन उसमें पार्टी आलाकमान ने कहा था कि इस बात पर बाद में विचार किया जाएगा।
कर्नाटक के पूर्व सीएम बोम्मई ने माना कि पुरानी पेंशन की बहाली के मुद्दे पर कर्मचारियों की मांगों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पेंशन बहाली के मुद्दे की पूरी जानकारी पार्टी आलाकमान को पूर्व में दे दी गई थी और साथ ही हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री की भी बात का हवाला दिया गया जिसमें उन्होंने माना कि पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे पर आंदोलन की बदौलत हमें राज्य में हार का सामना करना पड़ा।
पूर्व सीएम बोले हालांकि मैंने पुरानी पेंशन की बहाली के मुद्दे पर समाधान निकालने की पूरी कोशिश की थी मगर इस मामले पर बाद में भी कोई समाधान नहीं निकल पाया और आज कर्मचारियों की बदौलत हमें सत्ता से बाहर होना पड़ रहा है।
आपको बता दें कि पहले से ही इस बात का दावा किया जाता रहा था कि कर्नाटक में पुरानी पेंशन की बहाली के लिए आंदोलित कर्मचारियों की बदौलत बीजेपी को बड़ी हार का सामना करना पड़ सकता है इसके खुले तौर पर संकेत भी दिखाई दे रहे थे लेकिन उस समय इस बात को बीजेपी ने बेहद हल्के में लिया और कर्मचारियों ने अंत में बड़ा खेल खेल दिया।
माना जा रहा है कि पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे पर यदि बीजेपी कोई समाधान नहीं निकालती तो आगामी विधानसभा राज्यों के चुनावों में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ेगा।इतना ही नहीं हो सकता है कि कर्मचारी के इसी आंदोलन के बदौलत आगामी लोकसभा चुनावों में भी बीजेपी को केंद्र की सत्ता से भी हाथ धोना पड़े।
देखने वाली बात यह होगी कि 2024 में पुरानी पेंशन की बहाली के मुद्दे पर देश के 10 करोड सरकारी कर्मचारियों के कुनबे की नाराजगी को कौन मोल लेगा क्योंकि पुरानी पेंशन की बहाली के मुद्दे पर आंदोलित सरकारी कर्मचारियों ने केंद्र सरकार को साफ चेतावनी दे दी है कि आगामी चुनावों में जो भी पेंशन बहाली के मुद्दे पर बात करेगा वही देश की सत्ता में राज करेगा।
वहीं कर्नाटक चुनाव हारने के बाद बीजेपी की तरफ से प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गईं।केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश में कहा कि वे(कांग्रेस) नफरत अपने दिल और दिमाग में ना रखें। भारत में नफरत का कोई स्थान नहीं है। भाजपा सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास, इसी मूल मंत्र के साथ काम करती है। जिस ऊंचाई पर हम कर्नाटक राज्य को पहुंचाकर आए, अब उनके सामने चुनौती होगी कि उससे आगे क्या करेंगे।
जबकि कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल (CLP) की बैठक में दो प्रस्ताव लाए गए जिसमें कर्नाटक की जनता का धन्यवाद किया गया और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस विधायक दल के नेता का चुनाव करेंगे यह कहा गया।
इससे पहले समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने मैनपुरी में कहा कि भारत के लोग कभी नफरत को पसंद नहीं कर सकते। हमारा समाज वो गुलदस्ता है जहां हर जाति, धर्म के लोग मिलकर रहते हैं, ये उसको ठेस पहुंचा रहे थे। भाजपा के लोग नफरत बांट रहे थे। कर्नाटक के लोगों ने नफरत को हराया है।