कांग्रेस: अध्यक्ष सोनिया गांधी केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह सरकार प्रजातांत्रिक व्यवस्था, संवैधानिक मूल्यों व स्थापित परंपराओं के विपरीत खड़ी है। उन्होंने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शहीद हुए 20 जवानों को याद करते हुए कहा कि भारतीय भूभाग की रक्षा करना और चीनी घुसपैठ को विफल करना ही इन शहीदों को सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी।
सोनिया ने पूर्वी लद्दाख में कुछ सप्ताह पहले शहीद हुए जवानों को याद करते हुए कहा कि आज कर्नल संतोष बाबू समेत हमारे 20 जवानों की गलवां घाटी में वीरगति को भी 60 दिन बीत चुके हैं। मैं उनको भी याद कर उनकी वीरता को नमन करती हूं व सरकार से आग्रह करती हूं की उनकी वीरता का स्मरण करे व उचित सम्मान दें।
उन्होंने कहा कि भारत मां की सरजमी की रक्षा व चीनी घुसपैठ को विफल करना इन शहीदों को सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी। सोनिया ने इस बात पर जोर दिया, आज हर देशवासी को अंतरात्मा में झांक कर यह सोचने की आवश्यकता है कि आजादी के क्या मायने हैं? क्या आज देश में लिखने, बोलने, सवाल पूछने, असहमत होने, विचार रखने, जवाबदेही मांगने की आजादी है? उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते ये हमारा उत्तरदायित्व है कि हम भारत की प्रजातांत्रिक स्वाधीनता को अक्षुण्ण बनाए रखने का हरसंभव प्रयत्न व संघर्ष करें।