उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों ने NPS की बाध्यता को लेकर सरकार के साथ , बेसिक शिक्षा अधिकारियों और अपर मुख्य सचिव के आदेश को पार्टी बनाते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी है। बता दे अपर मुख्य सचिव से पहले कई जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने एनपीएस कटौती ना कराने वाले शिक्षकों का वेतन रोक दिया था।
उत्तर प्रदेश के परिषदीय शिक्षकों द्वारा हाईकोर्ट में दायर याचिका के मुख्य याचिकाकर्ता उमेश कुमार गंगवार व अन्य ने कोर्ट से आ रही खबर को लेकर बड़ा अपडेट दिया है।
सैकड़ों परिषदीय शिक्षकों के साथ मुख्य याचिकाकर्ता उमेश कुमार गंगवार ने बताया की उच्च न्यायालय इलाहाबाद के समक्ष आज याचिका विचाराधीन हो गई है। नोटिस संख्या जारी हो चुका है जल्द ही इस पर सुनवाई होने की संभावना है।
उमेश ने कहा कि आप सभी शिक्षक साथी धैर्य बनाए रखें । किसी भी साथी का वेतन नहीं रुकने दिया जाएगा। इसके लिए लगातार पूरी टीम प्रयासरत हैं। हम सभी शिक्षकों का उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा के सचिव व अधिकारियों से अनुरोध है कि हमें भविष्य में एनपीएस के नाम पर वेतन कटौती एवं वेतन रोकने संबंधी किसी भी प्रकरण में परेशान ना किया जाए ।संगठित रहें सुरक्षित रहें। आप सभी का सहयोग ही हमारी प्रेरणा है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में पहले से ही एनपीएस कटौती को लेकर आदेश किए गए इसके तहत बीआरसी स्तर पर शिक्षकों के एनपीएस फॉर्म भरकर उनका PRAN आवंटन किया गया और किट भी आवंटित की गई। इसके बाद शिक्षकों के वेतन से 10% की अंशदान कटौती भी प्रारंभ हो गई है।