कार्तिक पूर्णिमा पर साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण लगेगा। यह 580 साल में सबसे लंबा ग्रहण होगा लेकिन भारत में आंशिक नहीं उपच्छाया चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। इसे नग्न आंखों से नहीं देखा जा सकता। इसे देखने के लिए विशेष तरह के उपकरणों की जरूरत पड़ती है।
ये खंडग्रास चंद्र ग्रहण है जो कि ज्यादा प्रभावी नहीं होता है लेकिन वैदिक धर्म के मुताबिक हर ग्रहण का असर इंसान पर पड़ता है इसलिए इस ग्रहण के वक्त भी हमें कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना होगा। NASA इस ग्रहण का लाइव प्रसारण करेगा। ये साल का आखिरी चंद्र ग्रहण होगा। इसके बाद चंद्र ग्रहण का नजारा 8 दिसंबर 2022 में देखने को मिलेगा।
https://twitter.com/NASASun/status/1461061496100818958?t=5odlLgfO1PYkdCzJMeB67w&s=19
19 नवंबर के दिन चंद्रमा और पृथ्वी के बीच अधिक दूरी के कारण यह चंद्रग्रहण काफी लंबी अवधि का होने जा रहा है। 19 नवंबर को लगने जा रहे आंशिक चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 28 मिनट और 24 सेकंड्स की होगी बता दें कि इस चंद्र ग्रहण से पहले इत लंबा चंद्र ग्रहण19 फरवरी 1440 को लगा था। यानि 580 वर्षों के बाद इतनी लंबी अवधि का चंद्रग्रहण 19 नवंबर 2021 को लगने जा रहा है और इसके बाद वर्ष 2669 के 8 फरवरी को ऐसी ही लंबी अवधि का चंद्रग्रहण लगेगा।
क्यों होगा इतना लंबा चंद्र ग्रहण?
खगोलविदों का कहना है कि इस आंशिक चंद्र ग्रहण की अवधि 26 मई 2021 को लगे पूर्ण चंद्र ग्रहण से करीब एक घंटा ज्यादा होगी। आपके जेहन में जरूर ये सवाल आ रहा होगा कि आखिर इस ग्रहण की अवधि इतनी लंबी क्यों है। दरअसल ग्रहण के चरम पर पहुंचने से करीब 41 घंटे पहले चंद्रमा एपोजी पर होगा। यह वो समय होगा जब इस महीने चंद्रमा पृथ्वी से सबसे दूर बिंदु पर होगा।चंद्रमा जितना दूर होता है, ऑर्बिट में उसकी चाल उतनी ही धीमी होती है इसलिए इस प्वॉइंट पर चंद्रमा को पृथ्वी की छाया से बाहर आने में ज्यादा समय लगता है।
नासा के मुताबिक एक साल में अधिकतम तीन चंद्र ग्रहण हो सकते हैं। अनुमान है कि 21वीं सदी में कुल 228 चंद्र ग्रहण होंगे इससे पहले इस साल 26 मई को चंद्रग्रहण लगा था जिसे लाल रंग का होने के कारण सुपरमून या रेडब्लड मून कहा गया। 19 नवंबर को लगने वाले आंशिक चंद्र ग्रहण के 15 दिन बाद ही सूर्य ग्रहण भी लगने वाला है। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा जो 4 दिसंबर 2021 को लगेगा।
■ क्या होता है उपछाया ग्रहण?
चंद्र ग्रहण की शुरुआत से पहले चंद्रमा धरती की उपच्छाया में प्रवेश करता है इसके बाद धरती की वास्तविक छाया में प्रवेश करता है। जब ऐसा होता है तब वास्तविक चंद्र ग्रहण लगता है लेकिन उपच्छाया चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा धरती की वास्तविक छाया में प्रवेश किए बिना ही बाहर आ जाता है। ज्योतिष में उपच्छाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण का दर्जा नहीं दिया गया है।
आइए जानते हैं चन्द्रग्रहण का समय
● कल कार्तिक पूर्णिमा के दिन लगने जा रहा चंद्र ग्रहण भारतीय समय अनुसार दोपहर 12 बजकर 48 मिनट से शुरू होगा
● चन्द्रग्रहण शाम 4 बजकर 17 मिनट तक चलेगा।
● इस हिसाब से चंद्र ग्रहण करीब 3 घंटे 29 मिनट तक रहेगा।
● इतनी लंबी अवधि का चंद्र ग्रहण 580 वर्ष पहले घटा था।
● भारतीय समयानुसार ग्रहण दोपहर 12.48 बजे से शुरू होगा,
● मध्य दोपहर 2.22 बजे और मोक्ष शाम 4.17 मिनट पर होगा।
● चंद्र ग्रहण की अवधि चंद्रमा की धरती से दूरी कितनी है, इसके हिसाब से तय होती है।
■ चन्द्र ग्रहण के समय रखें ये सावधानियां
● चंद्र ग्रहण के बाद दूध और दूध से बने उत्पादों, सफेद तिल, सफेद कपड़े, इत्यादि का दान करने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से भी ग्रहण के दुष्प्रभाव जीवन पर नहीं पड़ते हैं।
■ ग्रहण की समाप्ति के बाद करें ये काम
● ग्रहण खत्म होने के तुरंत बाद नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें।
● इसके बाद घर के मंदिर में भगवान की मूर्तियों को भी गंगाजल से शुद्ध करें
● तुलसी पौधे पर भी गंगाजल का छिड़काव करें
■ चन्द्र ग्रहण के समय न करें ये काम
● भोजन पकाने या खाना-पीने से परहेज करें
● पूजा पाठ न करें और मंदिर के द्वार भी रखें
● खुद भी पानी में गंगा जल डाल कर स्नान करें
● ग्रहण के समय अन्न दान करने से लाभ मिलता है
●ग्रहण के दौरान प्रेगनेंट महिलाएं घरों से न निकलें
● ग्रहण के समय पेड़ और पौधे को भी छूना अशुभ माना जाता है।
● ग्रहण से पहले भोजन आदि में तुलसी की पत्तियां डाल दें ।
● चंद्र ग्रहण के दौरान सोने से बचें
● इस दौरान घर की सफाई आदि न करें
59 साल बाद ऐसी राशि का योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अभी गुरु-शनि मकर राशि में स्थित हैं और आंशिक चंद्र ग्रहण हो रहा है। गुरु-शनि मकर राशि में और चंद्र ग्रहण का योग 2021 से 59 साल पहले 19 फरवरी 1962 को हुआ था। 19 नवंबर का ग्रहण वृषभ राशि में हो रहा है, चंद्र इसी राशि में रहेगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में मणिपुर के इंफाल और आसपास के क्षेत्रों में कुछ समय के लिए दिखेगा। असम, अरुणाचल प्रदेश के क्षेत्रों में भी ग्रहण नजर आएगा।अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, एंटार्कटिका और प्रशांत महासागर जैसे देशों में यह ग्रहण देखा जाएगा।
■ चन्द्रग्रहण में क्या करें
● आंशिक ग्रहण होने से सूतक काल मान्य नहीं रहेगा।
● मगर धार्मिक मान्यता अनुसार ग्रहण काल में शुभ कार्य करना वर्जित होता है।
● मगर ग्रहण काल के दौरान दान का बेहद महत्व है।
● ग्रहण के दौरान सफेद वस्तुओं का दान करने से चंद्र ग्रहण शुद्ध होता है। इससे मानसिक पीड़ा दूर होने के साथ मन शांत और संतुलित होता है।
● ग्रहण काल के दौरान निकाली सफेद तिल की गजक जरूरतमंद को दान करें, इससे कारोबार में बढ़ोतरी होगी।
● ग्रहण काल में निकाली रोटी काले-सफेद कुत्ते को खिलाएं।इससे जीवन की विपत्तियां दूर होंगी।
● मानसिक रोगी ग्रहण के बाद चंद्रमा के दर्शन कर चांदी के लोटे से अर्घ्य दें, मानसिक पीड़ा हमेशा के लिए दूर होगी।
● ग्रहण के दरमियान शिव मंत्रों का जाप करने से विवाद और अवसाद मिटते हैं।
● ऐसी मान्यता है ग्रहण की पूरी अवधि के दौरान यदि गर्भवती महिला अपने पास नारियल रखती है तो इससे ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु के पास नहीं पहुंचते है
■ चंद्र ग्रहण के दौरान करें इन मंत्रों का जाप
तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन।
हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव।।
विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत।
दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥
इन राशियों पर ग्रहण का अच्छा प्रभाव
इस साल का अंतिम चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि और कृतिका नक्षत्र में लगेगा इसलिए इस राशि और नक्षत्र में जन्में लोगों पर ग्रहण खासा प्रभाव डाल सकता है। ज्योतिषीय गणना कहती है कि इस ग्रहण का शुभ प्रभाव मिथुन, वृश्चिक, मकर और कन्या राशि के जातकों पर होगा।इससे इनको आर्थिक लाभ होगा, अच्छे संपर्क बनेंगे। नकारात्मक विचारों से मुक्ति पाकर शुभ समय शुरू होगा।
इन राशि के लोगों को सतर्क रहना होगा
वृषभ, तुला, कुंभ और सिंह राशि वाले जातकों को सतर्क रहने की जरूरत है। व्यर्थ के विवादों से खुद का बचाव रखना होगा। आर्थिक निर्णय से पहले विचार विमर्श जरूर करें।भाग्योदय के लिए विशेषज्ञ से कुंडली दिखाकर उपाय, दान और जाप से शुभ फल पा सकते हैं।
■ 1000 वर्षों के 5 सबसे लंबे चंद्र ग्रहण
● 1451 से लेकर 2650 तक कुल 973 आंशिक चंद्र ग्रहण होने का अनुमान लगाया गया है इसमें 19 नवंबर को लगने जा रहे आंशिक चंद्र ग्रहण की अवधि से सबसे ज्यादा (6 घंटे 2 मिनट) बताई गई है।
● 19 नवंबर, 2021: 6 घंटे 2 मिनट (कुल 21,693 सेकेंड)
● 30 नवंबर, 2039: 6 घंटे 0 मिनट (कुल 21,609 सेकेंड)
● 09 अक्टूबर, 2489: 6 घंटे 0 मिनट (कुल 21,557 सेकेंड)
● 11 दिसंबर, 2057: 5 घंटे 59 मिनट (कुल 21,532 सेकेंड)
● 22 दिसंबर, 2075: 5 घंटे 58 मिनट (कुल 21,464 सेकेंड)
कैसे देख सकते हैं लाइव चंद्र ग्रहण
जिनके यहाँ चंद्र ग्रहण नहीं लग रहा है वो इस अद्भुत घटना का नजारा लाइव यूट्यूब चैनलों के माध्यम से देख सकते हैं। ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए Virtual Telescop, Timeanddate, CosmoSapiens चैनल प्रसिद्ध है। इसे नासा की लाइव स्ट्रीम पर भी देख सकते हैं।
16 मई 2022 को फिर लगेगा चंद्रग्रहण
अगर आप चंद्रग्रहण नहीं देख पा रहे हैं तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। अगले साल 16 मई को फिर से चंद्रग्रहण लगेगा। नासा ने अगले आठ दशक के बीच 179 चंद्रग्रहण का अनुमान लगाया है। इस तरह से हर साल करीब-करीब दे चंद्रग्रहण लगेंगे।