आधुनिक दुनिया में घर सजावट से जुड़े अनेकों सजावटी वस्तुएं बाजारों में उपलब्ध है जिसमें अभी तक चाइनीस चीजों का बोलबाला रहा ऐसा नहीं है कि भारतीय चीजों का बोल वाला नहीं रहा लेकिन इलेक्ट्रॉनिक से संबंधित अधिक से अधिक सजावट की रोशनी करने के तरीके अनेकों देखे जा सकते हैं वहीं एक तरफ भारतीय संस्कृति की वैज्ञानिक विधि वैज्ञानिक दीपक जो कि अपने आप में एक अद्भुत कला रखता है जिसके द्वारा हम कम कीमत में अपने दीपावली पर्व को बहुत अच्छे से रोशन कर सकते हैं यह दीपक दीपावली पर्व के अलावा भी कार्य में ले सकते हैं इसकी बनावट
माटी के दिए के ऊपर गुम्बद में तेल भरकर ….दिए को ऊपर करते हुए …पलट कर रख देते हैं, ….गुम्बद की टोंटी में से …तेल टपक कर..दिया भर जाता है।
जैसे ही दिया भर जाता है… वैसे ही टोंटी में से तेल की धार कम होकर …स्वत: बंद हो जाती है…
और जब दिये का तेल कम होने लगता है ….पुन: टोंटी का तेल बूंद-बूंद करके …और बहुत धीरे धीरे.. टपकना शुरू हो जाता है।
यह दिया …लगातार बारह से चौबीस घंटे तक…जल सकता है।
इसे नेशनल मेरिट एवार्ड से सम्मानित ….कुम्हार पाड़ा…कोंडागांव (बस्तर) निवासी .…श्री अशोक चक्रधारी ने बनाया है।