ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह सूर्यग्रहण सभी राशियों को प्रभावित करेगा।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य पीड़ित हो जाते हैं जिससे सूर्य ग्रहण को ज्योतिष शास्त्र में शुभ नहीं माना गया है।जब कोई ग्रह पीड़ित हो जाता है तो वह शुभफल प्रदान नहीं करता है इसीलिए सूर्य ग्रहण की घटना को शुभ नहीं माना जाता है।अतः सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए।सूर्य ग्रहण को विभिन्न क्षेत्रों में भी देखा जाता है।सूर्य ग्रहण का प्रभाव कृषि, व्यापार, राजनीति जैसे क्षेत्रों पर पड़ता है।
क्या रहेगा सूर्य ग्रहण का समय…
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को भारत के समय के अनुसार शाम 7 बजकर 3 मिनट से रात 12 बजकर 23 मिनट (15 दिसंबर 2020) तक लगेगा।इस ग्रहण की कुल अवधि लगभग 5 घंटे रहेगी।सूर्य ग्रहण रात 9:43 बजे चरम पर होगा।
ग्रहण काल का सूतक…
यह ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।आमतौर पर सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है।सूतक काल में शुभ कार्य वर्जित होते हैं। सूतक काल में पूजा-पाठ भी नहीं की जाती है।इस दौरान मंदिर के कपाट भी बंद रहते हैं।कहते हैं कि गर्भवती महिलाओं को सूतक काल में छोंक, तड़का, धारदार और नुकीली वस्तुओं से दूर रहना चाहिए। सूर्य ग्रहण में सूतक काल 12 घंटे का होता है।भारत में इस ग्रहण को खंडग्रास माना जा रहा है। खंडग्रास सूर्य ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होता है लेकिन जो लोग सूतक काल का ग्रहण के दौरान विचार करते हैं, वे सूतक काल के दौरान भोजन, यात्रा, नए कार्य को करने से बचें।
नग्न आँखों से सूर्यग्रहण देखना हो सकता है नुकसानदायक …
विद्वान कहते हैं कि लोगों को नग्न आंखों से सूर्य ग्रहण नहीं देखना चाहिए। बताया जाता है कि ग्रहण के दौरान सूर्य ग्रह को कष्ट सहना पड़ता है, जिसे नगी आंखों से देखने पर आंखों में विकार आने की संभावनाएं बनी रहती हैं इसलिए ग्रहण के दौरान नंगी आंखों से सूर्य को देखने के लिए मना किया जाता है। कहते हैं कि सूर्य ग्रहण को देखने का और उसकी रोशनी में रहने का दुष्प्रभाव पूरे शरीर के स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। बताया जाता है कि ऐसा करने से त्वचा, बाल और वाणी से संबंधित रोग हो सकते हैं। इसलिए कोशिश करें कि सूतक काल की अवधि खत्म होने तक सूर्य के प्रकाश में न आएं और न ही सूर्य की ओर देखें।
इन राशियों के लोगों को रहना होगा सतर्क…
सूर्य ग्रहण के दौरान मेष, कर्क, मिथुन, कन्या, तुला और मकर राशि वाले विशेष सावधानी बरतें। इस दौरान कोई भी नया कार्य न करें और भगवान का स्मरण करें। ग्रहण के दौरान गायत्री मंत्र का जाप करें। इस दौरान किसी का अपमान और न गलत कार्य करें।
वृश्चिक और मिथुन राशि वालों को रखना है विशेष ध्यान…
साल का अंतिम सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि में लग रहा है पंचांग और ज्योतिष गणना के अनुसार सूर्य ग्रहण मिथुन लग्न में होगा इसलिए वृश्चिक और मिथुन राशि वालों को विशेष ध्यान रखना होगा।
वृश्चिक राशि में रहेंगे 5 ग्रह विराजमान…
सूर्य ग्रहण के दौरान एक विशेष घटना भी घटने जा रहा है।सूर्य ग्रहण के दौरान वृश्चिक राशि में होंगे।वहीं खतरनाक अशुभ योग का भी निर्माण हो रहा है। सूर्य ग्रहण के दौरान वृश्चिक राशि में सूर्य के साथ चंद्रमा, बुध, शुक्र, सूर्य और केतु भी मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही गुरु चंड़ाल योग का भी निर्माण हो रहा है जिस कारण इस ग्रहण परिणाम अच्छा नहीं कहा जा सकता है।
कैसे देंखे सूर्यग्रहण…
साल के आखिरी सूर्य ग्रहण को देखने की चाह रखने वाले लोग टेलिस्कोप की मदद ले सकते हैं।इसके अलावा आप www.virtualtelescope.eu पर भी वर्चुअल टेलिस्कोप की मदद से सूर्य ग्रहण को देख सकते हैं।वहीं यूट्यूब चैनल CosmoSapiens, Slooh पर लाइव भी सूर्यग्रहण भी देख सकते हो।
सूर्यग्रहण खत्म होने पर करें ये काम…
सूर्यग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।ग्रहणकाल के बाद गंगाजल छिड़क कर घर का शुद्धिकरण कर लें। सूर्यग्रहण के अगले दिन धनु संक्रांति है तो आप सूर्य से संबंधित कोई वस्तु दान करें आप अगले दिन तांबा, गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र और तांबे की कोई वस्तु दान कर सकते हैं।
सूर्यग्रहण में खाने को लेकर मिथक…
ग्रहण से जुड़े कई मिथक और लेजन्ड हैं। बहुत पहले जब विज्ञान ने इतनी प्रगति नहीं की थी ।सूर्य और चंद्रमा जैसे खगोलीय पिंड अत्यधिक पूजनीय थे, ग्रहण जैसे उदाहरणों को एक अपभ्रंश के रूप में देखा जाता था। कई लोगों ने इस अवधि को अशुभ मानते थे, और ग्रहण के दौरान खाना खाने से परहेज करते थे।भारत में, बहुत से लोग अभी भी ग्रहण के बाद चारों ओर पड़े हुए भोजन को त्याग देते हैं, या भोजन के ऊपर तुलसी का पत्ता रखते हैं। जिसे त्याग नहीं किया जाता, ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान भी करते हैं और फिर भोजन ग्रहण करते हैं।
क्या कहता है नासा…
नासा के अनुसार एक साल में सबसे अधिक सौर ग्रहण अंतिम बार 1935 में देखे गए थे। इस तरह की घटना फिर से 2206 में होगी।
कहाँ कहाँ दिखाई देगा ग्रहण…
सोमवार को सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा क्योंकि यह देर शाम को होगा। पूर्ण सूर्यग्रहण दक्षिण अमेरिका में चिली और अर्जेंटीना के कुछ हिस्सों से सबसे अच्छा दिखाई देगा। चिली और अर्जेंटीना में स्काई-वॉचर्स दिन के दौरान दो मिनट और दस सेकंड के अंधेरे को देख सकते हैं, क्योंकि चंद्रमा सूरज को अवरुद्ध करता है।दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी भाग, दक्षिण-पश्चिम अफ्रीका और अंटार्कटिका आंशिक सूर्य ग्रहण का गवाह बनेंगे।अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा लोगों को दुनिया में कहीं से भी सूर्यग्रहण देखने के लिए एक लाइव लिंक प्रदान करेगा।
भारत में नहीं दिखेगा सूर्यग्रहण…
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस बार भारत में रहने वालों को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण देखने को नहीं मिलेगा। कहा जा रहा है कि यह ग्रहण उस समय लगेगा जब भारत में सूर्यास्त हो चुका होगा।