उत्तर प्रदेश में मस्जिदों व अन्य धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने को लेकर प्रदेश के सीएम योगी सरकार के फैसले पर अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी है।यह आदेश न्यायमूर्ति वीके बिड़ला और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने इरफान की याचिका पर दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि मस्जिद पर लाउडस्पीकर लगाकर अजान देना किसी का मौलिक अधिकार नहीं है। यह कहते हुए हाईकोर्ट ने बदायूं की नूरी मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति की मांग वाली याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया। इसको लेकर बदायूं के SDM ने मस्जिद पर लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति न देने के उचित कारण भी दर्ज कराए हैं।
उत्तर प्रदेश: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अज़ान को लेकर दाखिल अर्जी को ख़ारिज किया। कोर्ट ने कहा कि लाउडस्पीकर से अज़ान देना मौलिक अधिकार नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अज़ान इस्लाम का अभिन्न अंग है, लेकिन लाउडस्पीकर से अज़ान देना इस्लाम का हिस्सा नहीं है।
उत्तर प्रदेश: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अज़ान को लेकर दाखिल अर्जी को ख़ारिज किया। कोर्ट ने कहा कि लाउडस्पीकर से अज़ान देना मौलिक अधिकार नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अज़ान इस्लाम का अभिन्न अंग है, लेकिन लाउडस्पीकर से अज़ान देना इस्लाम का हिस्सा नहीं है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 6, 2022
दूसरी ओर मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाकर अजान पढ़ने के मूल अधिकारों व कानूनी अधिकार का हनन की बात करते हुए याची ने SDM बिसौली का आदेश अवैध बताया जिसमें एसडीएम ने लाउडस्पीकर पर अजान की अनुमति नहीं दी थी याचिका में कहा गया कि एसडीएम का तीन दिसंबर 21 का लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति न देने का आदेश रद्द किया जाए। याची ने 20 अगस्त 21 को अर्जी दी थी, जिसे एसडीएम ने निरस्त कर दिया।