अपनी सुर फिर लोगों को चौंकाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा निर्णय लेते हुए तीनों विवादित केंद्रीय कृषि कानूनों के वापसी की घोषणा कर दी। राजनैतिक गलियारे में इसे केंद्र की राजनैतिक शैली की बड़ी खामी के तौर पर देखा जा रहा है।
गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व के दिन प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी घोषणा कर सबको चौंका दिया। सोशल मीडिया पर इसके साथ ही ‘मास्टर स्ट्रोक’ ट्रेंड कर रहा है जिनमें दावा किया जा रहा है कि ये फ़ैसला एक मास्टर स्ट्रोक है।
गौरतलब है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बीजेपी के साथ गठबंधन के संकेत देते हुए कहा था कि केंद्र सरकार को कृषि क़ानून पर दोबारा विचार करना चाहिए।मोदी सरकार के ताज़ा फ़ैसले के बाद उनकी प्रतिक्रिया सबसे पहले आई है और उन्होंने इसका स्वागत किया है।वैसे अभी ये देखना बाक़ी है कि मोदी सरकार के इस फैसले के बाद अकाली दल वापस NDA के साथ आती है या नहीं। अकाली दल, कैप्टन अमरिंदर सिंह और बीजेपी तीनों साथ आ जाएँ तो सबसे ज़्यादा असर कांग्रेस पर पड़ेगा।”
CSDS के आकलन के मुताबिक़ पंजाब में बीजेपी को 7-8 फ़ीसदी वोट शेयर मिलता था अकाली के साथ मिल कर ये गठबंधन 35 फ़ीसदी के आसपास रहता था।
अब किसान नेता न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अड़े
प्रधानमंत्री की कानूनों को खत्म करने की घोषणा के बाद भी आंदोलन की समाप्ति पर असमंजस बरकरार है। किसान नेता अब न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार को झुकाने की तैयारी कर रहे हैं।किसान नेताओं ने कह दिया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सहमति के बिना आंदोलन को समाप्त करने पर कोई निर्णय नहीं किया जाएगा।यह ऐसी स्थिति बन रही है कि जिसमें कृषि कानूनों के समाप्त होने के बाद भी सरकार के गले की फांस बरकरार रहने वाली है। यानी कृषि कानून खत्म होने के बाद भी वह संकट टला नहीं है, जिसे टालने के लिए सरकार ने इतना बड़ा फैसला लिया है।
भाजपा सांसद वरूण गांधी और मेघालय के राज्यपाल सतपाल मलिक लंबे समय से किसानों से बातचीत किए जाने की मांग कर रहे थे। इन नेताओं का कहना था कि केंद्र सरकार को किसानों के साथ बैठकर कर इस मसले का हल निकालना चाहिए।
इससे पहले वरुण गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि ये किसान भी हमारे ही भाई-बहन हैं और उन्हें अनंतकाल के लिए सड़कों पर नहीं छोड़ा जा सकता उन्होंने गन्ना और अन्य फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भी विचार करने की मांग की थी।
केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस ले लिया है जिसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे किसानों की जीत करार दिया है राहुल गांधी ने कहा कि देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सिर झुका दिया।राहुल गांधी ने किसानों को जीत की मुबारक भी दी है।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने पीएम मोदी के संबोधन को ट्वीट करते हुए कहा
आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है।
इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को Repeal करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे- पीएम श्री @narendramodi
आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है।
इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को Repeal करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे- पीएम श्री @narendramodi pic.twitter.com/qVakqJfsfK
— Sambit Patra (@sambitswaraj) November 19, 2021
तीनों कृषि कानून वापस किए जाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसानों को बधाई देते हुए ट्वीट कर कहा, ”देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया, अन्याय के खिलाफ़ ये जीत मुबारक हो! जय हिंद, जय हिंद का किसान!
देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया।
अन्याय के खिलाफ़ ये जीत मुबारक हो!जय हिंद, जय हिंद का किसान!#FarmersProtest https://t.co/enrWm6f3Sq
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 19, 2021
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस साल जनवरी के एक पुराने ट्वीट के साथ ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा, “मेरे शब्दों को चिह्नित करें, सरकार को विरोधी कृषि कानून वापस लेना होगा.”
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने सपा की पूर्वांचल की विजय यात्रा के जन समर्थन से डरकर काले-क़ानून वापस ले ही लिए उन्होंने ट्वीट किया
अमीरों की भाजपा ने भूमिअधिग्रहण व काले क़ानूनों से ग़रीबों-किसानों को ठगना चाहा। कील लगाई, बाल खींचते कार्टून बनाए, जीप चढ़ाई लेकिन सपा की पूर्वांचल की विजय यात्रा के जन समर्थन से डरकर काले-क़ानून वापस ले ही लिए।
भाजपा बताए सैंकड़ों किसानों की मौत के दोषियों को सज़ा कब मिलेगी।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 19, 2021
अमीरों की भाजपा ने भूमिअधिग्रहण व काले क़ानूनों से ग़रीबों-किसानों को ठगना चाहा। कील लगाई, बाल खींचते कार्टून बनाए, जीप चढ़ाई लेकिन सपा की पूर्वांचल की विजय यात्रा के जन समर्थन से डरकर काले-क़ानून वापस ले ही लिए।
AIMIM प्रमुख असद्दुदीन ओवैसी ने कहा कि पहले दिन से ही विपक्ष कहता रहा है कि तीनों कृषि कानून असंवैधानिक हैं। मोदी सरकार को कोई अधिकार नहीं था कि वे ऐसे कानून बनाते। इन्हें सिर्फ मोदी के अहंकार की तुष्टि के लिए बनाया गया, जिसकी वजह से 700 किसानों की जान गई।
अगर मोदी अपना अहंकार एक तरफ रखकर संविधान के हिसाब से काम करते तो न यह कानून बनते और न किसानों की जान जाती। यह फैसला देर से लिया गया है। मैंने हमेशा कहा है कि जब जनता सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करती है, तो यह सरकार डर जाती है। यह सभी किसानों की जीत है।भाजपा बताए सैंकड़ों किसानों की मौत के दोषियों को सज़ा कब मिलेगी।
From day 1,Oppn had been saying that 3 #FarmLaws are unconstitutional. Modi Govt had no constitutional right to make such laws. These laws were formed only for the satisfaction of Modi's ego.Due to these black laws 700 farmers had to lose their lives: AIMIM chief Asaduddin Owaisi pic.twitter.com/KeBRbOAC7y
— ANI (@ANI) November 19, 2021
दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा मेरे किसान भाइयों को ऐतिहासिक आंदोलन की जीत के लिए बहुत-बहुत बधाई। Press Conference |
मेरे किसान भाइयों को ऐतिहासिक आंदोलन की जीत के लिए बहुत-बहुत बधाई। Press Conference | LIVE https://t.co/ydZdcdRXeJ
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 19, 2021
गुरु नानक जयंती पर हुई घोषणा से पंजाब और हरियाणा में बहुत प्रशंसा के साथ स्वागत किया गया है। बता दें कि किसान COVID-19 महामारी के बीच पेश किए गए तीन कृषि कानूनों का लगातार विरोध कर रहे थे और हर हाल में कृषि कानूनों को वापस करने की मांग कर रहे थे।
वहीं राकेश टिकैत ने ट्वीट करके कहा है कि एमएसपी पर गारंटी कानून बनने तक जारी रहेगा आन्दोलन @RakeshTikaitBKU
एमएसपी पर गारंटी कानून बनने तक जारी रहेगा आन्दोलन ;- @RakeshTikaitBKU pic.twitter.com/JQOCoOLe44
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) November 19, 2021
कृषि कानून UP चुनाव में बन सकते थे रोड़ा
● चुनावी गणितीय कहता है कि भाजपा इससे पहले महाराष्ट्र में सरकार बनाने से चूक गयी थी जबकि उसकी 48 लोकसभा सीटें हैं उसके बाद भाजपा पश्चिम बंगाल में हारे जबकि वहाँ लोकसभा की 42 सीटें आती हैं।
●हाल ही में हुए उपचुनाव में बीजेपी का वैसा प्रदर्शन नहीं रहा जैसा उसे उम्मीद थी। कहना न होगा कि उत्तर प्रदेश जहाँ से लोकसभा की 80 सीटें आती हैं वहाँ की सीटों में उलटफेर बीजेपी के 2024 के लोकसभा चुनाव तक को प्रभावित कर सकता है। ये तीन राज्य अकेले 170 सीटों के लिए ज़िम्मेदार हैं।कई जानकार फैसले के पीछे इस गणित को भी अहम मानते हैं।