शाहजहाँपुर से बीसलपुर होते हुए पीलीभीत तक पूर्वोत्तर रेल लाइन पर 84 किमी तक ब्राडगेज का काम पिछले दो वर्षों से अधिक समय से गतिमान है जो कि अपने अंतिम चरण में हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित दौरों के चलते पूर्वोत्तर रेल लाइन पर जल्द ही ट्रेनों के संचालन शुरू होने की भी संभावना जताई जा रही है। ऐसे में जो भी छुटपुट कार्य बचे हैं उन्हें भी तेजी से पूरा कराया जा रहा है।शाहजहाँपुर से पीलीभीत तक मरम्मत के सभी कार्य लगभग पूरे हो चुके है। उदघाटन की तिथि अभी कोई तय नहीं हुई है हालाँकि संभावना है कि जल्द संचालन शुरू हो जाएगा। संभावना है कि रेलवे क्रॉसिंग के पास ट्रैक की साफ-सफाई होने के बाद आने वाले समय में इसके उद्घाटन की तिथि भी निर्धारित हो जाएगी आपको बता दें कि दोनों जनपदों के बीच ट्रेन संचालन को कराने के लिए नवंबर 21 तक ठेकेदारों को सभी कार्य पूरे करने के निर्देश पूर्व में दिए गए थे जिनका फाइनल टच तकरीबन पूरा होता दिख रहा है।
इससे पहले CRS का निरीक्षण हुआ था जिसमें 15 अगस्त 21 तक ट्रेन संचालन उद्घाटन की पूर्ण संभावना जताई गयी थी लेकिन कार्य समय से पूर्ण न होने की वजह से रेलवे प्रशासन ने इसे आगे बढ़ा दिया था लेकिन अब जब भी प्रधानमंत्री मोदी का जिले में दौरा प्रस्तावित होगा तो ऐसे में पूरी संभावना है कि रेलवे प्रशासन की नज़र में जो भी शाहजहाँपुर से पीलीभीत तक के ट्रैक के छोटे मोटे कार्य बचे है उन्हें जल्द से जल्द पूरा कराने की मुहिम छेड़ रखी है।
ट्रैक पर बदले जा चुके हैं पत्थर
शाहजहाँपुर से पीलीभीत जाने पर पहली स्टेशन शहबाजनगर रेलवे क्रॉसिंग के पास पिछले कुछ दिनों से ट्रैक पर साफ-सफाई का कार्य चल रहा था जो अब पूरा होने की स्थिति में आ गया है। नये पत्थर पैकिंग के अलावा प्वाइंट भी ठीक कराए जा चुके हैं।
मालगाड़ी का हो रहा है संचालन
CRS के निरीक्षण के बाद शाहजहाँपुर से पीलीभीत के लिए कोयले से भरी मालगाड़ी को भेजना रेलवे प्रशासन ने शुरू करा दिया हैं। कई ट्रेनें पत्थर लेकर भी पहुँच रही है।
मैदान हो चुका है समतल
शहबाजनगर रेलवे स्टेशन के सामने खाली पड़े मैदान को भी समतल कराया जा रहा है जिससे दूसरी साइड से भी लोगों के आने-जाने में कोई दिक्कत न रहे। यह कार्य तक़रीबन पूर्ण हो चुका है।
लग चुके हैं सोलर प्लांट
शाम होते ही जहाँ शाहजहाँपुर समेत पूर्वोत्तर रेलवे के सभी स्टेशनों पर अंधेरा छा जाता था वहाँ विद्युतीकरण के साथ-साथ सोलर प्लांट लगाए गए हैं। अब यहाँ बिजली नहीं होने के बाद भी कर्मचारियों व यात्रियों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
84 किमी तक पड़ेंगे कुल 12 स्टेशन
शाहजहाँपुर से पीलीभीत तक कुल 12 स्टेशन होंगे। ट्रेनों का संचालन शुरू होने के बाद यह स्टेशन बहुत से लोगों के लिए आय का जरिया भी बनेंगे। ट्रेन से महज 22 रुपये में यात्री पीलीभीत तक पहुँच जाते थे। बसों में सफ़र करने पर यात्रियों को 98 रुपये किराया देना पड़ रहा था।
इस रूट पर ट्रेनें बढ़ने की उम्मीद
शाहजहाँपुर से टनकपुर तक दस ट्रेनें अप व डाउन लाइन पर चलती थीं लेकिन ब्राडगेज होने के बाद न सिर्फ ट्रेनों की संख्या बढ़ जाएगी बल्कि गति भी 100 किमी प्रति घंटा हो जाएगी जबकि पहले 70 से 80 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेनें चल रही थी।
दो स्टेशनों का झंझट होगा खत्म, उत्तर रेलवे के अंडर में होगा सब
अभी तक पूर्वोत्तर और उत्तर रेलवे के अलग-अलग स्टेशन थे। अब पूर्वोत्तर रेलवे को खत्म करन की तैयारी चल रही है। ट्रेनों की सारी व्यवस्था उत्तर रेलवे के अंडर में होगी। एक ही स्टेशन अधीक्षक सारी व्यवस्थाओं को देखेंगे।RPF-GRP, स्वास्थ्य विभाग भी एक ही होगा। सारी व्यवस्था को एक करने के लिए मंडल स्तर पर मंथन चल रहा है।
इससे पहले
● अगस्त में पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर रेल संरक्षा आयुक्त पूर्वोत्तर परिक्षेत्र, लखनऊ मोहम्मद लतीफ खान ने शाहजहाँपुर-शाहबाजनगर (4.16 किमी) रेल खंड का निरीक्षण किया था।
● उसी दिन मौखिक तौर पर रेल संरक्षा आयुक्त ने ट्रैक को फिट कह दिया था मगर लिखित रिपोर्ट अभी इज्जतनगर मंडल के अधिकारियों को नहीं मिली थी।
● इससे पहले ही इज्जतनगर रेल मंडल ने पीलीभीत से शाहजहाँपुर को दो पैसेंजर ट्रेनों ( अप/डाउन) के संचालन के लिए रिपोर्ट गोरखपुर मुख्यालय भेज दी है। इस रूट पर आमान परिवर्तन में 426.74 करोड़ की अनुमानित लागत आई है।
ग़ौरतलब है प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम दिसंबर में होने की संभावना है। ऐसे में बचा हुआ कार्य ठेकेदारों ने रात में भी कराना शुरू करा दिया है और उम्मीद जताई जा रही है कि समय रहते कार्य पूर्ण हो जायेंगे।
31 मई 2018 को ट्रेनों का संचालन हुआ था बंद
शाहजहाँपुर से पीलीभीत तक 84 किमी रेल लाइन को ब्राडगेज में बदलने के लिए 31 मई 2018 को ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया था। पीलीभीत से बीसलपुर तक ब्राडगेज का काम गत वर्ष ही पूरा हो चुका था जब कि बीसलपुर से शाहजहाँपुर तक रेल पटरी बिछने के बाद सबसे पहले शहबाजनगर स्टेशन की बिल्डिग से लेकर विद्युतीकरण का कार्य कराया गया, जो लगभग पूरा हो चुका है।
शाहजहाँपुर रेलवे स्टेशन पर उत्तर रेलवे को बिल्डिंग से लेकर पावर केबिन तक काम कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी जो पावर केबिन का काम लगभग पूरा कर चुकी है। शाहजहांपुर जिले की सीमा में पांच अंडर पास बनाए गए हैं। एक अंडरपास में करीब दो करोड़ की लागत आई है।
कोरोना संक्रमण की वजह से ट्रेनों का संचालन अभी तक नहीं हो पाया है, लेकिन संभावना है कि दिसंबर तक काम पूरा होकर संचालन भी शुरू हो जाएगा।
राजेंद्र सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, इज्जतनगर मंडल