कोरोना काल में मदद के नाम पर भरण-पोषण भत्ता और फ्री राशन दिया गया था। अब ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर्ड कामगारों को सरकार की ओर से मदद दी जा रही है। यह ऐसे समय हो रहा है, जब कुछ महीनों बाद राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
प्रदेश सरकार सोमवार को दो करोड़ श्रमिकों को भरण पोषण भत्ता देगी। पहले चरण में एक-एक हजार रुपये की धनराशि सीएम योगी आदित्यनाथ श्रमिकों को उनके खातों में ट्रांसफर करेंगे। योगी सरकार ने कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को भरण पोषण भत्ता देने का एलान किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले भी श्रमिकों, स्ट्रीट वेंडरों, रिक्शा चालकों, कुलियों, पल्लेदारों आदि को भरण पोषण भत्ता ऑनलाइन उपलब्ध कराया है। उत्तर प्रदेश को देश का पहला राज्य बनाने का काम किया था। जिसके बाद कई राज्यों ने भी योगी सरकार की व्यवस्था को लागू किया।
दिसंबर से मार्च यानी 4 माह तक 5 पांच सौ रुपये भत्ता दिया जाएगा। कुल 2 हजार रुपये दिए जाने हैं जिसकी एक 1 हजार रुपये की दो किश्तें जारी होंगी। इस समय प्रदेश में कुल पंजीकृत कामगारों की संख्या पांच करोड़ 90 लाख आठ हजार 745 है।
● ई श्रम पोर्टल पर पंजीकृत असंगठित कामगारों की संख्या 3 करोड़ 81 लाख 60 हजार 725 है।
● बीओसीडब्लू बोर्ड के अंतर्गत कुल पंजीकृत कामगारों की संख्या एक करोड़ 27 लाख 48 हजार 20 है।
● पहले चरण में कुल दो करोड़ कामगारों के खाते में भरण पोषण भत्ता भेजा जाएगा।
● यह आर्थिक मदद सड़क के किनारे रेहड़ी,खोमचा लगाने वाले,रिक्शा और ठेला चालक, नाई, धोबी, दर्जी, मोची, फल और सब्जी विक्रेता आदि शामिल हैं। इसके अलावा एक बड़ा वर्ग उन श्रमिकों का है जो निर्माण कार्य से जुड़े हैं।
योगी राज ने श्रमिकों को भरण पोषण भत्ता देकर देश में प्रदेश को पहले पायदान बैठाने का काम किया था।क्योंकि योगी सरकार से पहले देश के किसी प्रदेश ने इस व्यवस्था पर काम नहीं किया था।हालांकि इसके बाद कई राज्यों ने इस व्यवस्था को अपने यहाँ लागू किया।
इसके अलावा
● योगी सरकार ने विगत वर्ष कोविड काल में सरकार ने रिक्शा चालकों, पटरी व्यवसायियों, निर्माण श्रमिकों, अंत्योदय श्रेणी के लोगों व अन्य गरीब परिवारों को भरण-पोषण भत्ता व परिवार के प्रत्येक सदस्य को राशन प्रदान किया था।
● उत्तर प्रदेश पहला राज्य बन गया है कि जिसने श्रमिकों, स्ट्रीट वेंडरों, रिक्शा चालकों, कुलियों, पल्लेदारों आदि को भरण-पोषण भत्ता ऑनलाइन उपलब्ध कराया गया था।
● संगठित क्षेत्र के श्रमिकों को दो बार तथा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को एक बार भरण-पोषण भत्ता दिया गया।
● इसके साथ ही, राशन कार्ड बाध्यता समाप्त कर माह में दो बार, एक बार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना तथा दूसरी बार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से राशन उपलब्ध कराया गया।