त्रिस्तरीय चुनाव पंचायत में ड्यूटी के दौरान कोरोना महामारी के चलते अपने सैकड़ों साथी शिक्षकों की मृत्यु हो जाने पर प्राथमिक शिक्षक संघ ने 2 मई को होने वाली मतगणना ड्यूटी का विरोध करते हुए निर्वाचन आयुक्त को पत्र भेजकर सामूहिक कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी संघ ने यह कदम मतगणना स्थिगन के लिए किए गए निवेदन की सुध न लेने के बाद उठाया।
उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ ने निर्वाचन आयुक्त राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र भेजकर कहा है कि सम्पूर्ण प्रदेश में कोरोना महामारी के प्रकोप से जन – जन , त्राहि – त्राहि कर रहे हैं परन्तु फिर भी इस जान लेवा संक्रमण के समय में उत्तर प्रदेश में पंचायत निर्वाचन कराये गये हैं। जब 12 अप्रैल 2021 को देश भर में एक दिन में 1.70 लाख कोरोना संक्रमण के केस मिले थे तब महासंघ ने अपने पत्र दिनांक 12 अप्रैल के माध्यम से अवगत कराया था कि “ निर्वाचन से पूर्व शिक्षकों के प्रशिक्षण के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा कोविड से बचाव हेतु गाइड लाईन के अनुसार व्यवस्था नही की गयी है।
जिससे कि शिक्षक व कर्मचारियों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है तथा वर्तमान परिस्थितियां चुनाव के अनुकूल नही हैं यदि चुनाव कराये जाते हैं तो कर्मचारी व शिक्षकों के जीवन को खतरा हो सकता है। ” परन्तु दुर्भाग्यपूर्ण है कि फिर भी शिक्षक व कर्मचारियों का टीकाकरण कराये बिना तथा बिना किसी सुरक्षा उपायों के इस महामारी के समय मतदान कराने हेतु भेज दिया गया , जिसका परिणाम यह रहा कि कोविड -19 के संक्रमण से बचाव हेतु निर्धारित गाइड लाईन के अनुसार समुचित व्यवस्था व चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध करा पाने में निर्वाचन आयोग पूर्ण रूप से विफल रहा जिसके बाद मतदान कराकर लौटे लाखों शिक्षक व कर्मचारी संक्रमित हो गये हैं।अब तक हजारों शिक्षक व कर्मचारी असमय ही काल के गाल में समा चुके हैं।
अब जबकि देश भर में प्रतिदिन 3.5 लाख से अधिक कोरोना संक्रमण के केस मिल रहे हैं तथा प्रतिदिन हजारों मृत्यु हो रही है , ऐसे में भी उत्तर प्रदेश में पंचायत निर्वाचन की प्रक्रिया गतिमान है । मतदान कराकर लौटे एवं संक्रमण से जूझ रहे शिक्षक व कर्मचारियों की मतगणना हेतु ड्यूटी लगा दी गयी है तथा भारी अव्यवस्था व कोविड -19 की महामारी का उल्लंघन करते हुए प्रशिक्षण कराये जा रहे हैं जिससे शिक्षक व कर्मचारियों में मौत का भय व्याप्त है । शिक्षक व कर्मचारियों के प्रति इस प्रकार की संवेदनशून्यता शिक्षक व कर्मचारियों को जीवन जीने के अधिकार से वंचित कर रही है जो कि मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन है।
कोरोना में जान गंवाने वाले शिक्षकों को मिले 50 लाख का मुआवजा…
पत्र में कहा गया है कि प्रदेश के लगभग सभी कर्मचारी , शिक्षक संगठन के द्वारा आपको पत्र प्रेषित करके 02 मई , 2021 की मतगणना स्थगित करने व मृतक हो चुके सभी शिक्षक व कर्मचारियों के परिवार को रूपये 50 लाख की आर्थिक सहायता देने का अनुरोध किया गया है , परन्तु दुर्भाग्यपूर्ण है कि आपके द्वारा किसी भी कर्मचारी संगठन के पत्र का संज्ञान अभी तक नहीं लिया गया । कर्मचारी संगठनों का उत्तरदायित्व राजकीय कार्यों के प्रति है परन्तु संगठनों का दायित्व अपने सदस्यों की जीवन रक्षा करना भी है । इस समय ऐसा कोई कारण नहीं है कि मतगणना स्थगित न की जा सकती हो तथा कर्मचारियों व शिक्षकों को अपने कर्तव्य हेतु अपने प्राण न्योछावर करना आवश्यक हो गया हो ।
पत्र के माध्यम से दो टूक ज़बाब…
पत्र में कहा गया है कि शिक्षकों व कर्मचारियों को चुनाव सम्बन्धी प्रशिक्षण व मतदान की ड्यूटी के दौरान महामारी से बचाने की व्यवस्था उपलब्ध कराने में निर्वाचन आयोग की विफलता व अपने संघ के सदस्यों के प्राणों की रक्षार्थ उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ ने निर्णय लिया है कि यदि आपके द्वारा 02 मई , 2021 को प्रस्तावित मतगणना स्थगित नही की गयी तो हमारे विभाग के शिक्षक उक्त ड्यूटी का बहिष्कार करेंगे ।
चुनाव आयोग को भेजे गए पत्र में अध्यक्ष डा. दिनेश चन्द्र शर्मा बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश, हेम सिंह पुण्डीर सदस्य उत्तर प्रदेश विधान परिषद , ध्रुव कुमार त्रिपाठी सदस्य उत्तर प्रदेश विधान परिषद, सुरेश कुमार त्रिपाठी सदस्य व शिक्षक नेता उत्तर प्रदेश विधान परिषद, अवधेश कुमार मिश्र उत्तर प्रदेश सी.बे. शिक्षक संघ, संजय सिंह महामंत्री उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ , इन्द्रासन सिंह महामंत्री उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ तथा दीवान साहेब जमाँ खाँ टी एसो मदारिस अरबिया उत्तर प्रदेश ने मिलकर निर्णय लिया।
इन अधिकारियों को भेजा गया कार्य बहिष्कार का पत्र…
संघ ने अपना पत्र माननीय मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव व मुख्य सचिव, माध्यमिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव व बेसिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव को भेजा है।