उत्तर प्रदेश की राजनीति में भूचाल लाने वाले ‘उन्नाव रेप कांड’ मामले से जुड़े एक केस में सजा काट रहे बीजेपी के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बरी कर दिया गया है।
सोमवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को बरी करने का आदेश दिया हालांकि उनकी रेप मामले में सुनाई गई सजा बरकरार रहेगी। आपको बता दें कि 2019 के इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को 10 साल की सजा सुनाई गई थी।
उत्तर प्रदेश के चर्चित उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता कांड और उसके स्वजन के साथ 28 जुलाई वर्ष 2019 में हुई सड़क दुर्घटना में उम्रकैद की सजा प्राप्त भाजपा से निष्कासित और बाद में विधानसभा से बर्खास्त विधायक कुलदीप सिंह सेंगर सहित 6 आरोपियों को सोमवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने आरोपमुक्त कर दिया।
उन्नाव की रेप पीड़िता के एक्सीडेंट मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बरी कर दिया है। दरअसल, मामला 2019 में सामने आया था जब उन्नाव रेप पीड़िता रायबरेली जा रही थी। तब एक ट्रक ने उस वाहन को टक्कर मार दी जिसमें लड़की अपनी दो मौसी और वकील के साथ यात्रा कर रही थी। इस हादसे में पीड़िता की एक मौसी की मौत हो गई थी जबकि पीड़िता और और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के न्यायाधीश रवींद्र कुमार पांडेय ने अपने फैसले में कहा कि दुर्घटना के लिए आपराधिक षड्यंत्र रचने व जान से मारने की धमकियां देने के मामले में आरोपी सेंगर, कोमल सिंह, अरुण सिंह, रिंकू सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह व अवधेश सिंह के खिलाफ मुकदमा चलाने के पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं वहीं, चार अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि उन्नाव में एक युवती से रेप के मामले में में कुलदीप सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। कोर्ट ने धारा 376 और पॉक्सो के सेक्शन 6 के तहत दोषी ठहराया था।